छत्तीसगढ़ में दागी अफसर पर कड़ी कार्रवाई, दिया गया कंपलसरी रिटायरमेंट

भारत सरकार ने छत्तीसगढ़ कैडर के आईपीएस अफसर पर की कड़ी कार्रवाई. करप्शन के आरोप पर अफसर को दिया गया कंपलसरी रिटायरमेंट.

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सुनील नामदेव

  • रायपुर,
  • 12 जनवरी 2017,
  • अपडेटेड 7:43 AM IST

भारत सरकार ने छत्तीसगढ़ कैडर के आईपीएस राजकुमार देवांगन को कंपलसरी रिटायरमेंट दे दिया. राजकुमार को अब पेंशन आदि सरकारी सुविधाएं नहीं मिल सकेंगी. दागी आईपीएस के खिलाफ देश की यह सबसे बड़ी कार्रवाई बताई जा रही है. राजकुमार देवांगन 1992 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं. उनके बैच के तमाम अधिकारी हाल ही में ADGP याने एडिशनल डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस बने हैं लेकिन राजकुमार देवांगन की पदोन्नति वाला लिफाफा डिपार्टमेंटल प्रमोशन कमिटी ने इसलिए नहीं खोला क्योंकि उनकी विभागीय जांच जारी है.

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पुलिस मुख्यालय ने उनके खिलाफ डकैती मामले की जांच शुरू की थी. लगभग 15 वर्ष पूर्व जब वे राज्य के जांजगीर जिले में एसपी के पद पर तैनात थे. तब उन्होंने वहां के एक शिक्षक के घर डकैती डलवा दी थी. एसपी के निर्देश पर तब तीन सिपाहियों ने उस शिक्षक के घर से 25 लाख रुपये लूटे थे. घटना के दौरान पुलिस कर्मियों को पीड़ित परिवार ने पहचान लिया था. इसके बाद स्थानीय थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी. राजकुमार के खिलाफ डीजीपी जेल गिरधारी नायक जांजगीर डकैती कांड की विभागीय जांच कर रहे थे.
इस रिपोर्ट के मुताबिक राजकुमार देवांगन जब जांजगीर में एसपी थे तब बाराद्वार में डकैती हुई थी. स्कूल के शिक्षकों के वेतन लेकर जा रहे हेडमास्टर से कुछ लोगों ने पैसे लूट लिए थे. इस मामले में बाराद्वार के थानेदार नरेंद्र शर्मा बाद में पकड़ा गया था. उसके घर से डकैती के रुपए बरामद हुए थे. शर्मा कई महीने जेल में रहा था. उस डकैती में एसपी की संलिप्तता सामने आई थी. थानेदार ने भी एसपी का नाम लिया था. उस मामले में राजकुमार सस्पेंड हुए थे. पिछले दस साल से उनकी विभागीय जांच चल रही थी.

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विवादों का है पुराना नाता...
वैसे इस आईपीएस अफसर के साथ विवादों का चोली-दामन का साथ रहा है. जब वो शांति सेना में शामिल होने बोस्निया गए थे. इस पोस्टिंग के दौरान भी वहां वे तय समय से अधिक समय तक रह गए थे. यही नहीं उन पर उस दौरान भी गंभीर आरोप लगे कि वहां उपलब्ध विभागीय टेलीफोन से वो पैसा लेकर इंटरनेशनल कॉल करवाते थे. इस दौरान उन्हें डिस्प्लेजर लेटर मिला था. इसकी जांच के बाद भारत सरकार ने उनके खिलाफ एक्शन भी लिया था. फिलहाल राजकुमार देवांगन पुलिस ट्रेनिग संस्थान में आईजी के पद पर कार्यरत हैं. उन्हें रिटायरमेंट का लेटर मिल चुका है. हालांकि अभी उन्होंने अपना चार्ज किसी और अफसर को नहीं सौपा है. बताया जा रहा है कि वो रिटायरमेंट के फैसले को अदालत में चुनौती देंगे.



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