छत्तीसगढ़ विधानसभा के विशेष सत्र में मंगलवार को छत्तीसगढ़ कृषि उपज मंडी (संशोधन) विधेयक 2020 चर्चा के बाद ध्वनिमत से पारित कर दिया गया.
राज्य के कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने इस विधेयक पर सदन में हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि इस संशोधन विधेयक का कोई भी प्रावधान केंद्र के कानून का उल्लंघन नहीं करता है. हम केंद्रीय कानूनों का अतिक्रमण नहीं कर रहे हैं. इस संशोधन विधेयक के माध्यम से छत्तीसगढ़ के किसानों के हितों और अधिकारों की रक्षा हो सकेगी.
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार कृषि मंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ की आर्थिक और सामाजिक व्यवस्था कृषि पर आधारित है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के नए कानूनों से कृषि व्यवस्था में पूंजीपतियों का नियंत्रण बढ़ने के साथ ही महंगाई बढ़ने, समर्थन मूल्य में धान खरीदी और सार्वभौम पीडीएस प्रणाली के प्रभावित होने की आशंका है. छत्तीसगढ़ कृषि उपज मंडी (संशोधन) विधेयक से किसानों गरीबों, मजदूरों और उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा की जा सकेगी.
वहीं सदन की चर्चा में भाग लेते हुए राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि केंद्र का कानून पूंजीपतियों के लिए न कि किसानों के लिए.
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इस बीच, छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम और बीजेपी नेता रमन सिंह ने संशोधन विधेयक को "संविधान-विरोधी" करार दिया और कहा कि यह कांग्रेस के राजनीतिक एजेंडे का हिस्सा है. उन्होंने कांग्रेस पर हाल ही में मोदी सरकार द्वारा लागू किए गए कृषि कानूनों के बारे में लोगों में भय फैलाने का आरोप लगाया. बता दें कि चर्चा के बाद कृषि कानूनों को सदन में ध्वनिमत से विधेयक पारित किया गया था.
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