इरादे अगर मजबूत हो तो कोई भी लक्ष्य मुश्किल नहीं है. इंसान दृढ़ निश्चय कर कठिन से कठिन लक्ष्य प्राप्त कर ही लेता है. ऐसा ही लक्ष्य देश में UPSC की परीक्षा को क्रैक करना है. हर मेहनती और मेधावी छात्र छात्रा का सपना होता है इस परीक्षा को पास कर सिविल सर्विसेज को ज्वाइन करना. बिहार के सारण की बेटी दिव्या शक्ति ने UPSC की परीक्षा लगातार दो बार क्रैक करके यह साबित कर दिया है.
दिव्या ने पिछले वर्ष UPSC की परीक्षा में 79वां रैंक प्राप्त किया था. उन्हें आईपीएस का ओहदा मिला था. लेकिन दिव्या आईपीएस बनने के बाद भी संतुष्ट नहीं हुईं, क्योंकि उसकी इच्छा आईएएस बनने की थी. आईपीएस बनने के बाद भी उसने आईएएस बनने का दृढ़ निश्चय मन में रखकर अपनी तैयारी जारी रखी. यहां तक कि आईपीएस की रोज-रोज होने वाली कठिन ट्रेनिंग के साथ साथ दिव्या ने अपनी रैंक सुधारने की कवायद जारी रखते हुए फिर UPSC की परीक्षा दी. नतीजे आए तो दिव्या की ऑल इंडिया रैंकिंग 58 आई है.
इस रैंकिंग के बाद दिव्या को उम्मीद है कि वह निश्चित रूप से आईएएस बनकर देश की सेवा करेंगी. दिव्या की इस रैंकिंग से उनके परिजन उत्साहित हैं. उन्होंने बताया कि दिव्या शुरू से ही मेधावी छात्रा रही हैं. दिव्या के पिताजी धीरेन्द्र कुमार सिंह हैं. वह बेतिया मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य पद से सेवानिवृत्त होकर मुजफ्फरपुर में रहते हैं. उनकी मां गृहणी है.
दिव्या की प्रारंभिक से दसवीं तक की शिक्षा मुजफ्फरपुर में हुई. इंटर की शिक्षा डीपीएस बोकारो में हुई. उसने बीआईटी पिलानी से कंप्यूटर साइंस में इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की. वहीं से अर्थशास्त्र में एमएससी भी किया. अमेरिकी कंपनी में 2 साल कार्य करने के बाद सिविल सेवा-2019 की परीक्षा में 79वां स्थान प्राप्त किया था.
आईएएस का सपना संजोने वाली दिव्या इस बार की परीक्षा में भी शामिल हुईं और अखिल भारतीय रैंकिंग में 58वां स्थान प्राप्त कर सपना साकार किया. दिव्या के परिजनों ने खुशी जाहिर करते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए अन्य लोगों के लिए उन्हें प्रेरणास्रोत बताया.
(रिपोर्ट: आलोक रंजन)
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