'मैं पत्रकारों का समर्थन करता हूं...' INDIA गठबंधन द्वारा एंकर्स के बहिष्कार पर बोले नीतीश कुमार

नीतीश कुमार ने कहा, 'मुझे इस बारे में कोई जानकारी नहीं है. मैं पत्रकारों के समर्थन में हूं. जब सभी को पूर्ण स्वतंत्रता मिलेगी, तो पत्रकार वही लिखेंगे जो उन्हें पसंद है. क्या वे नियंत्रित हैं? क्या मैंने कभी ऐसा किया है? उनके पास अधिकार हैं, मैं किसी के खिलाफ नहीं हूं.'

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नीतीश कुमार-फाइल फोटो नीतीश कुमार-फाइल फोटो

aajtak.in

  • पटना,
  • 16 सितंबर 2023,
  • अपडेटेड 11:09 PM IST

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को कहा कि वह पत्रकारों के समर्थन में हैं और सभी के अपने अधिकार हैं. उनकी यह टिप्पणी विपक्षी गुट I.N.D.I.A द्वारा 14 टेलीविजन समाचार एंकरों के बहिष्कार की घोषणा के दो ही दिन बाद आई है. बात दें कि नीतीश कुमार की जनता दल (यूनाइटेड) 26-पार्टी वाली गठबंधन का हिस्सा है.

पत्रकारों से बात करते हुए, नीतीश कुमार ने कहा कि उन्हें I.N.D.I.A गठबंधन द्वारा टीवी समाचार एंकरों के बहिष्कार के बारे में कोई जानकारी नहीं थी.

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नीतीश कुमार ने कहा, 'मुझे इस बारे में कोई जानकारी नहीं है. मैं पत्रकारों के समर्थन में हूं. जब सभी को पूर्ण स्वतंत्रता मिलेगी, तो पत्रकार वही लिखेंगे जो उन्हें पसंद है. क्या वे नियंत्रित हैं? क्या मैंने कभी ऐसा किया है? उनके पास अधिकार हैं, मैं किसी के खिलाफ नहीं हूं.'

बिहार के सीएम ने कहा, 'फिलहाल जो लोग केंद्र में हैं, उन्होंने कुछ लोगों को नियंत्रित किया है. जो लोग हमारे साथ हैं (I.N.D.I.A गठबंधन) उन्हें लगा होगा कि कुछ हो रहा है. हालांकि, मैं किसी के खिलाफ नहीं हूं.'

गौरतलब है कि गुरुवार को I.N.D.I.A. गठबंधन ने 14 टेलीविजन समाचार एंकरों की एक सूची जारी की, जिनके शो का गठबंधन के मीडिया प्रतिनिधियों द्वारा बहिष्कार किया जाएगा.

सूची जारी करने वाले कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा, 'आप हमारे नेताओं के खिलाफ सुर्खियां बनाते हैं, मीम बनाते हैं, उनके भाषणों को तोड़-मरोड़ कर पेश करते हैं, फर्जी खबरें फैलाते हैं लेकिन हम उसके खिलाफ लड़ने के लिए तैयार हैं. लेकिन अगर आप समाज में नफरत फैलाते हैं जो हिंसा का कोई भी रूप हो, हम उसका हिस्सा नहीं बनना चाहते.'

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न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एंड डिजिटल एसोसिएशन (NBDA) ने इस कदम पर चिंता व्यक्त की और कहा कि यह 'इससे एक खतरनाक मिसाल कायम हो रही है.'

एसोसिएशन ने कहा कि प्रतिबंध 'लोकतंत्र के लोकाचार के खिलाफ है' और 'असहिष्णुता' का संकेत है.

इस बीच भारतीय जनता पार्टी ने इस फैसले की तुलना आपातकाल से की है. भाजपा सांसद अनिल बलूनी ने कहा, 'आपातकाल के दौरान मीडिया का गला घोंट दिया गया था और ये 'घमंडिया' गठबंधन दल उसी अराजक और आपातकालीन मानसिकता के साथ काम कर रहे हैं.' उन्होंने आरोप लगाया कि मीडिया को इस तरह की 'खुली धमकी' आवाज दबाने के समान है.

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