भाजपा के सरकार में रहते हुआ था जातीय सर्वे का निर्णय, लालू श्रेय न लूटें: सुशील मोदी

सुशील मोदी ने कहा कि जातीय, आर्थिक, सामाजिक सहित कुल 27 बिंदुओं पर सर्वे कराया गया था. इन सभी विंदुओं पर ग्राम स्तर के आंकड़ों के साथ सरकार को विस्तृत रिपोर्ट जारी करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि नगर निकायों में आरक्षण देने के लिए राज्य सरकार ने पिछले वर्ष अतिपिछड़ा वर्ग आयोग बनाया था. उसकी रिपोर्ट अब तक क्यों दबाए रखी गई है?

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भाजपा के सरकार में रहते हुआ था जातीय सर्वे का निर्णय, लालू श्रेय न लूटें: सुशील मोदी भाजपा के सरकार में रहते हुआ था जातीय सर्वे का निर्णय, लालू श्रेय न लूटें: सुशील मोदी

aajtak.in

  • पटना,
  • 02 अक्टूबर 2023,
  • अपडेटेड 11:27 PM IST

पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा कि बिहार में जातीय सर्वे करने का निर्णय उस सरकार का था, जिसमें भाजपा शामिल थी. उन्होंने कहा कि जातीय सर्वे की रिपोर्ट जारी होने पर लालू प्रसाद श्रेय लेने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि 15 साल राज करने के दौरान उन्होंने जातीय जनगणना नहीं कराई थी.  

सुशील मोदी ने कहा कि जातीय, आर्थिक, सामाजिक सहित कुल 27 बिंदुओं पर सर्वे कराया गया था. इन सभी विंदुओं पर ग्राम स्तर के आंकड़ों के साथ सरकार को विस्तृत रिपोर्ट जारी करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि नगर निकायों में आरक्षण देने के लिए राज्य सरकार ने पिछले वर्ष अतिपिछड़ा वर्ग आयोग बनाया था. उसकी रिपोर्ट अब तक क्यों दबाए रखी गई है? 

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मोदी ने कहा कि अभी जातीय सर्वे के केवल राज्यस्तरीय आंकड़े सामने आए हैं और ये अनुमान के अनुरूप हैं. हम सर्वे रिपोर्ट का गंभीरतापूर्वक अध्ययन कर अपनी नीतियाँ तय करेंगे.

गौरतलब है कि सोमवार यानी 2 अक्टूबर को बिहार की नीतीश कुमार सरकार ने बड़ा दांव चलते हुए जातिगत जनगणना के आंकड़े जारी कर दिए. सरकार की रिपोर्ट के मुताबिक बिहार में 36 फीसदी अत्यंत पिछड़ा, 27 फीसदी पिछड़ा वर्ग, 19 फीसदी से थोड़ी ज्यादा अनुसूचित जाति और 1.68 फीसदी अनुसूचित जनजाति की जनसंख्या बताई गई है. अधिकारियों के मुताबिक जाति आधारित गणना में कुल आबादी 13 करोड़ 7 लाख 25 हजार 310 बताई गई है.

नीतीश कुमार ने दी बधाई

सीएम नीतीश ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, 'आज गांधी जयंती के शुभ अवसर पर बिहार में कराई गई जाति आधारित गणना के आंकड़े प्रकाशित कर दिए गए हैं. जाति आधारित गणना के कार्य में लगी हुई पूरी टीम को बहुत-बहुत बधाई!

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जाति आधारित गणना के लिए सर्वसम्मति से विधानमंडल में प्रस्ताव पारित किया गया था. बिहार विधानसभा के सभी 9 दलों की सहमति से निर्णय लिया गया था कि राज्य सरकार अपने संसाधनों से जाति आधारित गणना कराएगी एवं दिनांक 02-06-2022 को मंत्रिपरिषद से इसकी स्वीकृति दी गई थी. इसके आधार पर राज्य सरकार ने अपने संसाधनों से जाति आधारित गणना कराई है. जाति आधारित गणना से न सिर्फ जातियों के बारे में पता चला है बल्कि सभी की आर्थिक स्थिति की जानकारी भी मिली है. इसी के आधार पर सभी वर्गों के विकास एवं उत्थान के लिए अग्रेतर कार्रवाई की जाएगी.           

बिहार में  कराई गई जाति आधारित गणना को लेकर शीघ्र ही बिहार विधानसभा के उन्हीं 9 दलों की बैठक बुलाई जाएगी तथा जाति आधारित गणना के परिणामों से उन्हें अवगत कराया जाएगा.'

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जितेंद्र मोहन की रिपोर्ट

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