बिहार शराबकांड: 26 लोगों की मौत के बाद CM नीतीश ने किया मुआवजे का ऐलान, रख दी ये शर्त

बिहार के मोतिहारी में जहरीली शराब पीने के कारण अब तक 37 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. इस घटना के सामने आने के बाद सरकार ने एक्शन लेते हुए पांच थानों के अध्यक्षों को सस्पेंड कर दिया है. अब नीतीश कुमार ने मृतकों के परिजनों को 4-4 लाख रुपए मुआवजा देने का ऐलान किया है.

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सांकेतिक तस्वीर सांकेतिक तस्वीर

रोहित कुमार सिंह

  • पटना,
  • 17 अप्रैल 2023,
  • अपडेटेड 7:57 PM IST

बिहार के मोतिहारी में जहरीली शराब से मरने वालों की संख्या 37 पहुंच गई है. इसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मृतकों के परिवार को 4 लाख रुपए मुआवजे के तौर पर देने का ऐलान किया है. नीतीश ने कहा कि पूर्वी चंपारण जिले के मोतिहारी में कथित जहरीली शराब के कारण हुई मौतों पर उन्हें दुख पहुंचा है. इसलिए बिहार सरकार ने मृतकों के परिजनों को 4 लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने का फैसला लिया है. मुआवजे की राशि मुख्यमंत्री राहत कोष से दी जाएगी.

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सीएम ने आगे कहा,'मैं जानता हूं कि इस घटना में मरने वाले अधिकांश लोग आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के हैं. हमारे सभी प्रयासों के बावजूद, राज्य में इस तरह की घटनाएं हो रही हैं और लोग नकली शराब पीने के कारण जान गंवा रहे हैं.' नीतीश ने कहा है कि मृतक के परिजनों को मुआवजा तभी दिया जाएगा, जब उसके परिवार के सदस्य जिलाधिकारी को लिखित रूप में देंगे कि अवैध शराब के सेवन के बाद ही उनके परिजन की मौत हुई है. साथ ही उन्हें उस स्रोत का भी खुलासा करना होगा, जहां से शराब खरीदी गई थी.

सीएम ने आगे कहा कि मृतकों के परिवार के सदस्यों को यह घोषणा भी करनी होगी कि वे लोगों को शराब छोड़ने के लिए प्रोत्साहित करेंगे. साथ ही उन्हें राज्य सरकार के शराबबंदी कानूनों का समर्थन भी करना होगा. बता दें कि अप्रैल 2016 में बिहार में शराब की बिक्री और उपयोग पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया था. 

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बता दें कि जहरीली शराब कांड पर संज्ञान लेते हुए मोतिहारी के एसपी ने संज्ञान लिया है. एसपी ने एटीएफ के दो अधिकारियों और चार चौकीदारों को निलंबित कर दिया है. सुगौली, हरसिद्धि, तुरकौलिया और पहाड़पुर के एक-एक चौकीदार को सस्पेंड किया गया है. 

इस मामले में पांच केस दर्ज किए गए हैं. 25 लोगों को अब तक गिरफ्तार किया जा चुका है. अवैध शराब के धंधे में लिप्त 103 लोगों की गिरफ्तारी अलग से हुई है. लापरवाही बरतने वाले 5 थाना अध्यक्षों को सस्पेंड किया गया है. पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर ने मौत का कारण जहरीले तरल पदार्थ का सेवन बताया है.

बिहार में शराबबंदी का नियम क्या है?

शराबबंदी नीति में हुए संशोधन के मुताबिक, बिहार में पहली बार शराब पीते पकड़े जाने पर दोषियों को 2,000 रुपये से 5,000 रुपये के बीच जुर्माना भरने के बाद रिहा किया जाएगा, जेल नहीं होगी. यदि पहली बार अपराधी दंड का भुगतान करने में विफल रहता है तो उसे एक महीना जेल में बिताना पड़ेगा. यदि कोई व्यक्ति दूसरी बार शराब का सेवन करता हुआ पकड़ा जाता है तो उसे एक साल के लिए सलाखों के पीछे डाल दिया जाएगा. अब तक शराबबंदी का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ 3.8 लाख मामले दर्ज किए गए. इनमें से सिर्फ चार हजार मामलों का ही निस्तारण किया गया है.

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(इनपुट: सुजीत गुप्ता)

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