हर्ष फायरिंग: बिहार के पूर्व विधायक राजू सिंह की मुश्किलें बढ़ीं

हर्ष फायरिंग की यह घटना 31 दिसंबर 2018 की है. बिहार के पूर्व विधायक राजू सिंह के फार्महाउस पर पार्टी थी. वहां चली गोली से एक महिला की मौत हो गई थी. अब मामले की अगली सुनवाई छह नवंबर को होगी.

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बिहार के पूर्व विधायक राजू सिंह (फाइल फोटो) बिहार के पूर्व विधायक राजू सिंह (फाइल फोटो)

संजय शर्मा

  • नई दिल्ली,
  • 31 अक्टूबर 2023,
  • अपडेटेड 7:22 PM IST

हर्ष फायरिंग के मामले में बिहार के पूर्व विधायक राजू सिंह और उनकी पत्नी की मुश्किलें बढ़ गई हैं. रॉउज एवन्यू कोर्ट ने उनके खिलाफ आरोप तय करने के आदेश दिए हैं. इस मामले में दो अन्य लोग भी आरोपी हैं. अब मामले की अगली सुनवाई छह नवंबर को होगी. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कड़ी टिप्पणी भी की. 

बता दें कि दिल्ली स्थित एक फार्महाउस में 2019 के नए साल की पूर्व संध्या पर आयोजित पार्टी के दौरान हर्ष फायरिंग की घटना हुई थी. इसमें महिला की मौत हो गई थी.

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कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा था कि नए साल की पार्टी में आरोपी राजू सिंह द्वारा अपनी लाइसेंसी पिस्तौल से गोली चलाने का कृत्य यह दर्शाता है कि उन्हें इस बात की जानकारी थी कि भीड़ भरी पार्टी में गोली चलाने किसी व्यक्ति की मौत हो सकती है.

कोर्ट ने कहा कि आरोपी राजू सिंह पर प्रथम दृष्टया आईपीसी की धारा 304 (भाग-2) और शस्त्र अधिनियम की धारा 30 के तहत मामला बनता है.

कोर्ट ने राजू सिंह की पत्नी रानू सिंह और उनके सहयोगियों रमेंद्र सिंह और राणा राजेश सिंह के खिलाफ सबूत नष्ट करने के आरोप तय करने का भी आदेश दिया.

राजू सिंह की तरफ से पेश वकील ने आरोप तय करने का विरोध करते हुए दलील दी कि अभियोजन पक्ष के पास उनके खिलाफ मामला तय करने के लिए सबूतों का अभाव है.

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कोर्ट ने कहा कि आईपीसी की धाराओं 201 (सबूत नष्ट करना) और 34 (साझा मंशा) के तहत रामेंद्र सिंह और राणा राजेश सिंह के खिलाफ और आईपीसी की धारा 201 के तहत रेणु सिंह के खिलाफ आरोप तय करने के लिए प्रथम दृष्टया सामग्री है.

हर्ष फायरिंग की यह घटना 31 दिसंबर 2018 को राजनेता के फार्महाउस पर हुई थी. महिला की मौत होने के बाद पुलिस ने एफआईआर में धारा 302 (हत्या) भी जोड़ी, जिसमें अधिकतम सजा-ए-मौत का प्रावधान भी है.

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