World Kidney Day: ये संकेत बताते हैं कि किडनी हो रही खराब, लक्षण दिखते ही सबसे पहले करें ये काम

World Kidney Day 2022: विश्व किडनी दिवस हर साल 10 मार्च को मनाया जाता है. इस दिन दुनिया भर में किडनी की बीमारी, किडनी की सेहत को बढ़ावा देने और जागरुकता फैलाने के लिए वर्कशॉप आयोजित की जाती हैं. किडनी खराब होने के क्या संकेत हो सकते हैं, इस बारे में आर्टिकल में जानेंगे.

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(Image credit: Getty images and pixabay) (Image credit: Getty images and pixabay)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 10 मार्च 2022,
  • अपडेटेड 11:26 AM IST
  • किडनी शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंग है
  • आज के समय में किडनी रोग काफी बढ़ गया है
  • किडनी की हेल्थ का ध्यान रखना काफी जरूरी है

World Kidney Day: 10 मार्च को वर्ल्ड किडनी डे मनाया जाता है. किडनी को खराब करने वाले कारकों, किडनी से संबंधित बीमारियों और उसे हेल्दी रखने के लिए जागरुक करने के लिए विश्व किडनी दिवस मनाया जाता है. किडनी मुट्ठी या सेम के बीज जैसी होती है. यह शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंग है, इसलिए किडनी की सेहत का ध्यान रखना काफी जरूरी होता है. 

किडनी शरीर में कई तरह से काम करती है. इसका मुख्य काम खून से अपशिष्ट पदार्थ, अतिरिक्त पानी और अशुद्धियों को फिल्टर करके बाहर निकालना है. फिल्टर करने के बाद ये सारे अपशिष्ट उत्पाद ब्लैडर में जमा हो जाते हैं और बाद में यूरिन के माध्यम से बाहर निकल जाते हैं.

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किडनी की सेहत के लिए कई फैक्टर्स जिम्मेदार होते हैं. कई लोगों को किडनी की समस्या का अंत में जाकर पता लगता है, तब तक उनकी किडनी डैमेज हो चुकी होती है. लेकिन कुछ ऐसे संकेत भी हैं, जिनसे शुरुआत में ही पता लगाया जा सकता है कि किडनी सही तरह से काम नहीं कर रही है और आपको तुरंत डॉक्टर के पास जाने की जरूरत है.

किडनी डिजीज के लक्षण (Symptoms of kidney disease)

किडनी रोग के शुरुआती चरणों में कुछ ऐसे लक्षण हो सकते हैं, जो कि आपको सामान्य लग सकते हैं. आमतौर पर किडनी की बीमारी में कारण को पता लगाकर उसे दूर करने की कोशिश की जाती है. जैसे-जैसे किडनी डैमेज होती जाती है, वैसे-वैसे किडनी रोग के लक्षण सामने आते जाते हैं.

इस दौरान शरीर में काफी अधिक मात्रा में अपशिष्ट पदार्थ या इलेक्ट्रोलाइट बन सकते हैं, जो कि जहर की तरह काम करने लगते हैं. किडनी डिसीज के शुरुआत में ये लक्षण हो सकते हैं, जो समय के साथ बढ़ सकते हैं.

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  • मतली
  • उल्टी
  • भूख कम लगना
  • थकान-कमजोरी
  • नींद में कमी
  • कम-ज्यादा यूरिन आना
  • फोकस न कर पाना
  • मांसपेशियों में ऐंठन
  • पैरों-टखनों में सूजन
  • सूखी त्वचा
  • हाई ब्लडप्रेशर
  • सांस की तकलीफ
  • सीने में दर्द

किडनी की बीमारी होने का कारण (Cause of kidney disease)

किडनी की बीमारी के लक्षण किसी अन्य बीमारी के कारण भी हो सकते हैं. इसलिए इन लक्षणों के दिखने का मतलब यह नहीं है कि अगर किसी में ये लक्षण दिख रहे हैं तो उसे किडनी की समस्या ही है. यह किसी अन्य बीमारी के भी लक्षण हो सकते हैं. इसके बारे में सही जानकारी के लिए सबसे पहले डॉक्टर से मिलें.

किडनी की बीमारी तब होती है, जब कोई बीमारी किडनी के काम करने की प्रोसेस में दखल देती है, या फिर उसके काम को रोकती है. कई महीनों या वर्षों तक ऐसा होने से किडनी खराब होने लगती है. किडनी रोग होने के कई कारण हो सकते हैं. जैसे:

  • टाइप 1 या टाइप 2 डायबिटीज
  • हाई ब्लड प्रेशर
  • पॉलीसिस्टिक किडनी रोग
  • आनुवांशिक किडनी रोग
  • बढ़ा हुआ प्रोस्टेट 
  • किडनी में पथरी की समस्या 
  • किडनी की फिल्टर करने वाले कंपोनेंट में सूजन यानी ग्लोमेरुलोनेफ्राइटिस
  • किडनी की नलियों और उसके आसपास सूजन यानी इंटरस्टीशियल नेफ्रैटिस
  • कुछ कैंसर जैसी स्थितियां जिनमें यूरिन रुक जाती है
  • वेसिकौरेटेरल यानी वह स्थिति जिसमें यूरिन किडनी में वापस आ जाती है
  • किडनी संक्रमण यानी पाइलोनफ्राइटिस

किडनी रोग का खतरा बढ़ाने वाले कारक (Factor that increase the risk of kidney disease)

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कुछ कारक हैं, जो किडनी रोग या उससे संबंधित समस्या को बढ़ा सकते हैं. इसलिए उन कारकों के बारे में भी जान लीजिए.

  • डायबिटीज
  • हाई ब्लड प्रेशर
  • हार्ट डिसीज
  • स्मोकिंग
  • मोटापा
  • अधिक उम्र
  • दवाओं का बार-बार उपयोग
  • किडनी की संरचना सामान्य न होना
  • डार्क कलर होना, अमेरिकी या एशियाई अमेरिकी होना
  • पारिवारिक हिस्ट्री

डॉक्टर को कब दिखाएं (When to see a doctor)

Mayoclinic के मुताबिक, अगर किसी को किडनी की बीमारी के लक्षण लंबे समय से दिख रहे हैं, तो उसे डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए. अगर जल्द से जल्द डॉक्टर को दिखाते हैं और अगर किडनी समस्या निकलती है, तो किडनी फेल होने से रोका जा सकता है. 

वहीं यदि आपको ऊपर बताई हुई कोई ऐसी मेडिकल कंडीशन है, जो किडनी के जोखिम को बढ़ा देती है, तो उसके बारे में डॉक्टर को बताएं, वह यूरिन टेस्ट, ब्लड टेस्ट आदि के माध्यम से किडनी के काम करने की प्रोसेस और स्थिति के बारे में पता लगा सकते हैं. 

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