Vitamin K Deficiency: लिवर और हड्डियों को नुकसान पहुंचा सकती है 'विटामिन के' की कमी, ये लक्षण दिखें तो हो जाएं सतर्क

Vitamin K Deficiency: विटामिन K शरीर में खून जमाने, हड्डियों को मजबूत रखने और दिल की सेहत के लिए बेहद जरूरी है. इसकी कमी से ब्लीडिंग, हड्डियों की कमजोरी और गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है.

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विटामिन K का सबसे बड़ा काम खून को सही तरीके से जमाने में मदद करना है.  (Photo: ITG) विटामिन K का सबसे बड़ा काम खून को सही तरीके से जमाने में मदद करना है. (Photo: ITG)

आजतक हेल्थ डेस्क

  • नई दिल्ली,
  • 25 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 7:42 AM IST

Vitamin K Deficiency: जब भी शरीर के लिए जरूरी विटामिंस की बात होती है, तो ज्यादातर लोग विटामिन सी, डी या बी12 का ही नाम लेते हैं. लेकिन एक ऐसा विटामिन भी है, जिसका जिक्र कम होता है, जबकि उसकी जरूरत उतनी ही ज्यादा है. वो विटामिन है विटामिन के (विटामिन K). ये विटामिन शरीर के कई जरूरी कामों में अहम भूमिका निभाता है, इसलिए इसे नजरअंदाज करना सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकता है.

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विटामिन K का सबसे बड़ा काम खून को सही तरीके से जमाने में मदद करना है. अगर शरीर में इसकी कमी हो जाए, तो मामूली चोट लगने पर भी खून देर तक बहता रह सकता है. इसके अलावा ये हड्डियों को मजबूत रखने में भी मदद करता है, जिससे हड्डियां कमजोर होने और जल्दी टूटने का खतरा कम होता है. इतना ही नहीं ये शरीर के बाकी कई तरह के कामों के लिए बेहद जरूरी है. 

इसकी कमी से शरीर में कई गंभीर परेशानियां पैदा हो सकती हैं. खासकर नवजात बच्चों में इसकी कमी खतरनाक साबित हो सकती है, इसलिए जन्म के बाद उन्हें विटामिन K का इंजेक्शन दिया जाता है. वहीं बुजुर्गों, लंबे समय से बीमार लोगों या ज्यादा दवाएं लेने वालों में भी इसकी कमी देखी जा सकती है. ऐसे में जरूरी है कि हम अपने खानपान पर ध्यान दें और विटामिन K से भरपूर चीजों को अपनी डाइट में शामिल करें, ताकि शरीर स्वस्थ और संतुलित बना रहे.

विटामिन K क्या है और ये क्या काम करता है
विटामिन K एक फैट-सॉल्युबल विटामिन है, यानी ये शरीर में फैट के साथ घुलकर काम करता है. इसका सबसे बड़ा काम खून को जरूरत के समय जमाने में मदद करना है, ताकि ज्यादा ब्लीडिंग न हो. इसके अलावा यह हड्डियों को मजबूत बनाने में भी मदद करता है. विटामिन K शरीर में एक खास प्रोटीन बनाने में मदद करता है, जिससे कैल्शियम हड्डियों से सही तरीके से जुड़ता है.

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ये विटामिन दिल की सेहत के लिए भी जरूरी है, क्योंकि यह नसों में कैल्शियम जमने से रोकता है. अगर विटामिन K कम हो जाए, तो दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है.

विटामिन K की कमी से होने वाली बीमारियां
विटामिन K की कमी से कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं. न्यूबॉर्न बेबीज में इसकी कमी से एक गंभीर बीमारी हो सकती है, जिसे हेमरेजिक डिजीज ऑफ द न्यूबॉर्न या विटामिन K डेफिशिएंसी ब्लीडिंग कहा जाता है. ये इसलिए होता है क्योंकि बच्चों के शरीर में जन्म के समय विटामिन K बहुत कम होता है. गंभीर मामलों में दिमाग के अंदर ब्लीडिंग तक हो सकती है, जो जानलेवा भी हो सकती है.

बड़ों में विटामिन K की कमी से बार-बार नाक से खून आना, मसूड़ों से खून निकलना, हल्की चोट पर ज्यादा खून बहना या जल्दी नीला पड़ जाना जैसी दिक्कतें हो सकती हैं. लंबे समय तक कमी रहने पर हड्डियां कमजोर हो जाती हैं और फ्रैक्चर का खतरा बढ़ जाता है.

दिल और लिवर पर भी पड़ता है असर
अगर शरीर में विटामिन K कम हो जाए, तो नसों में कैल्शियम जमने लगता है, जिससे दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. जिन लोगों को पहले से लीवर की बीमारी होती है, उनमें विटामिन K की कमी जल्दी हो सकती है, क्योंकि लिवर ही इस विटामिन को प्रोसेस करता है. ऐसे में ब्लीडिंग का खतरा और ज्यादा बढ़ जाता है.

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क्या हो सकते हैं विटामिन K की कमी के लक्षण?
शुरुआती दौर में इसके लक्षण बहुत साफ नहीं दिखते. लेकिन धीरे-धीरे शरीर पर नीले निशान पड़ना, बिना वजह नाक से खून आना, मामूली कट पर भी देर तक खून बहना या पेट के अंदर ब्लीडिंग जैसी समस्याएं हो सकती हैं. कुछ लोगों में हड्डियां कमजोर होने लगती हैं, जिससे ऑस्टियोपोरोसिस जैसी बीमारी हो सकती है.

किन लोगों में होता है ज्यादा?
जो लोग लंबे समय तक ब्लड थिनर दवाएं लेते हैं, उनमें विटामिन K की कमी का खतरा ज्यादा होता है. कुछ एंटीबायोटिक्स भी शरीर में विटामिन K बनने और उसके अब्सॉर्पशन को प्रभावित करती हैं. इसके अलावा जो लोग सही खानपान नहीं करते या विटामिन ए और ई बहुत ज्यादा मात्रा में लेते हैं, उनमें भी इसकी कमी हो सकती है.

कुछ बीमारियां ऐसी होती हैं जिनमें शरीर फैट को ठीक से पचा नहीं पाता. ऐसे मामलों में भी विटामिन K की कमी हो सकती है. इसमें सीलिएक डिजीज, सिस्टिक फाइब्रोसिस, लीवर या पित्त की नली से जुड़ी बीमारियां और वजन घटाने की सर्जरी के बाद की स्थिति शामिल है.

कितने प्रकार का होता है विटामिन K?
विटामिन K दो तरह का होता है. पहला है विटामिन K1, जो हरी पत्तेदार सब्जियों जैसे पालक, केल और सरसों के साग में पाया जाता है. दूसरा विटामिन K2 है, जो फर्मेंटेड फूड्स और कुछ एनिमल बेस्ड प्रोडक्ट्स जैसे चीज, अंडा और मांस में होता है. आंतों में मौजूद अच्छे बैक्टीरिया भी विटामिन K2 बनाने में मदद करते हैं.

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कैसे होता है विटामिन K की कमी का इलाज?
अगर डॉक्टर को लगता है कि किसी व्यक्ति में विटामिन K की कमी है, तो वो विटामिन K की दवा या सप्लीमेंट दे सकते हैं. ये दवा आमतौर पर मुंह से दी जाती है, लेकिन अगर शरीर इसे ठीक से अब्सॉर्ब नहीं कर पा रहा हो, तो इंजेक्शन भी दिया जा सकता है. इसकी मात्रा व्यक्ति की उम्र और सेहत के अनुसार तय की जाती है.

विटामिन K की कमी से कैसे बचें?
हार्वर्ड स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के मुताबिक, 19 साल से ज्यादा उम्र के पुरुषों को रोजाना करीब 120 माइक्रोग्राम और महिलाओं को 90 माइक्रोग्राम विटामिन K की जरूरत होती है. हरी पत्तेदार सब्जियां खाने से ये जरूरत आसानी से पूरी हो जाती है, क्योंकि इनमें विटामिन K भरपूर मात्रा में होता है.

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