हाई ब्लड प्रेशर से दिल, दिमाग, किडनी को खतरा! समय रहते ऐसे पहचानें लक्षण और करें बचाव

हाई बीपी को लेकर अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन ने कुछ नई गाइडलाइन्स जारी की हैं, जिसमें बताया गया है कि कैसे बीपी पर नजर न रखना है और हाई बीपी दिल से जुड़ी बीमारियां ही नहीं मानसिक रोग भी दे सकता है.

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हाई बीपी की नई गाइडलाइन जारी हुई (Photo: AI-generated) हाई बीपी की नई गाइडलाइन जारी हुई (Photo: AI-generated)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 21 अगस्त 2025,
  • अपडेटेड 10:50 AM IST

High Blood Pressure AHA Guidelines 2025: हाई ब्लड प्रेशर एक आम समस्या बन गया है और अब तो बुजुर्गों के साथ-साथ युवा भी इससे परेशान हैं. हाई ब्लड प्रेशर तब होता है जब आपके खून को धमनियों में बहाने के लिए जो प्रेशर लगता है, वो लगातार नॉर्मल से हाई लेवल रहता है. हाई ब्लड प्रेशर को अक्सर साइलेंट किलर कहा जाता है क्योंकि शुरू में इसके कोई साफ लक्षण नहीं दिखाई देते हैं लेकिन समय के साथ दिल, दिमाग, किडनी और शरीर के अन्य अंगों को गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है. इस बीच अब अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन (AHA) और अमेरिकन कॉलेज ऑफ कार्डियोलॉजी (ACC)ने ए़डल्ट में हाई ब्लड प्रेशर का पता कैसे लगाना और बचाव को लेकर नई गाइडलाइंस जारी की है.

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 ब्रेन पर असर डालता है हाई बीपी

AHA और ACC की नई गाइडलाइंस में साफ शब्दों में बताया गया है कि हाई बीपी से ब्रेन पर नेगेटिव इफेक्ट पड़ता है और इससे कॉग्निटिव डिक्लाइन और डिमेंशिया (Dementia) का खतरा बढ़ सकता है. अगर आप चीजों को भूल रहे हैं या आपको सोचने-समझने में दिक्कत हो रही है तो बीपी चेक करवाएं. अगर आपका ब्लड प्रेशर हाई है तो इसे कम करना आने वाले वक्त में आपके ब्रेन और हार्ट की रक्षा कर सकता है.

हाई ब्लड प्रेशर से दिल को खतरा!

स्ट्रोक के खतरे की सबसे बड़ी वजह हाई बीपी है और इसके अलावा हाई ब्लड प्रेशर कोरोनरी आर्टरी डिजीज, हार्ट फेलियर और अट्रियल फिब्रिलेशन (AFib) जैसी गंभीर दिल से जुड़ी समस्याओं का कारण बन सकता है.

प्रेग्नेंसी में हाई बीपी की दिक्कत

प्रेग्नेंसी के दौरान या उसके बाद भी महिलाएं को हाई बीपी की शिकायत हो सकती है, जिसमें प्रीक्लेम्पसिया (Preeclampsia)जैसी खतरनाक स्थिति शामिल है. इसलिए प्रेग्नेंसी के समय और बाद में भी नियमित रूप से अपने बीपी को चेक करते रहना चाहिए. इस दौरान खासतौर पर आपको सिरदर्द, पेट दर्द, सीने में दर्द, सूजन या सांस लेने में तकलीफ जैसे लक्षणों पर खास नजर रखनी चाहिए.

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कितना होना चाहिए नॉर्मल ब्लड प्रेशर 

नॉर्मल ब्लड प्रेशर इस प्रकार होता है: सिस्टोलिक (ऊपर का नंबर) 120 से कम और डायस्टोलिक (नीचे का नंबर) 80 से कम. अगर आपका ब्लड प्रेशर इससे ज्यादा है तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें. अगर सिस्टोलिक 180 या डायस्टोलिक 120 से अधिक हो तो ये खतरा हो सकता है और इस समय अगर आपको सीने में दर्द, सांस फूलना और सांस लेने में तकलीफ हो, कमजोरी महसूस हो तो आप तुरंत डॉक्टर को दिखाएं. 

खान-पान का रखें खास ध्यान

हेल्दी खाने में नमक कम करना, फल और सब्जियां सही मात्रा में लेना, साबुत अनाज और नट्स शामिल करना जरूरी है. वजन बढ़ने से रोकना और एक्सरसाइज करना ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में मदद करता है. नमक और शराब का सेवन हाई ब्लड प्रेशर के लिए खतरा है, इसलिए इन दोनों आदतों को जल्दी बदल लेना चाहिए,

इन 5 बातों का रखें खास ध्यान 

  • ब्लड प्रेशर किसी भी उम्र के इंसान को इफेक्ट कर सकता है, इसलिए नियमित जांच जरूरी है.
  • सही ब्लड प्रेशर चेक करने के लिए सीधे बैठें, दोनों पैर जमीन पर रखें और हाथ  दिल के पास रखें.
  • लाइफस्टाइल में बदलाव जैसे DASH आहार, रोजाना एक्सरसाइज, वेट कंट्रोल, शराब कम करना और स्ट्रेस नहीं लेना.
  • हाई ब्लड प्रेशर की समस्या होने पर जरूरत पड़ने पर डॉक्टर की सलाह से दवाइयां लें.
  • डायबिटीज, थायरॉइड या स्लीप एपनिया पर भी ध्यान दें, क्योंकि ये सभी हाई बीपी को बढ़ा सकते हैं.
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