Low LDL Cholesterol Risks: दिल को स्वस्थ रखने के लिए कोलेस्ट्रॉल का कंट्रोल में होना बहुत जरूरी माना जाता है. अब तक हम सुनते आए थे कि LDL यानी ‘बुरा कोलेस्ट्रॉल’ जितना कम हो, उतना अच्छा होता है. लेकिन नई स्टडी बताती है कि बहुत कम LDL भी खतरे का संकेत हो सकता है, खासकर डायबिटीज के मरीजों के लिए. एक नई स्टडी ने कोलेस्ट्रॉल और डायबिटीज को लेकर लोगों की सोच हिला दी है. इसी को लेकर लोगों में चिंता बढ़ी तो अपोलो अस्पताल के न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. सुधीर कुमार ने सोशल मीडिया पर अहम जानकारी शेयर की है.
इटली में कार्डियोवैस्कुलर डायबेटोलॉजी में पब्लिश हुई रिसर्च के अनुसार, जिन लोगों का LDL-C यानी ‘बुरा कोलेस्ट्रॉल’ बहुत कम होता है, उनमें टाइप 2 डायबिटीज होने का खतरा बढ़ जाता है. यह खतरा स्टैटिन दवाएं लेने वालों और न लेने वालों दोनों में एक जैसा ही है.
न्यूयॉर्क सिटी के अल्बर्ट आइंस्टीन कॉलेज ऑफ मेडिसिन की डिपार्टमेंट ऑफ मेडिसिन सीनियर ने बताया, 'हमारे रिजल्ट इसलिए अहम हैं क्योंकि ये दिखाते हैं कि जिन लोगों का LDL कोलेस्ट्रॉल बहुत कम होता है, उनमें समय के साथ टाइप 2 डायबिटीज विकसित होने की संभावना अधिक होती है. यह हमें मेटाबोलिक जोखिम को बेहतर तरीके से समझने में मदद करता है और कोलेस्ट्रॉल मैनेजमेंट को लेकर बैलेंस नजरिया रखने की तरफ प्रेरित करता है.'
डॉ. सुधीर कुमार ने एक्स अकाउंट पर कुछ स्क्रीनशॉट शेयर किए हैं, जिनके साथ ही उन्होंने बताया कि जिन लोगों का LDL कोलेस्ट्रॉल बहुत कम पाया गया, उनमें लंबे समय में टाइप-2 डायबिटीज होने का जोखिम बढ़ा दिखा. भले ही वो स्टैटिन दवाएं न ले रहे हों. यह भी सच है कि स्टैटिन्स खुद भी कुछ लोगों में डायबिटीज का हल्का-सा जोखिम बढ़ा सकती हैं. इस स्टडी के सामने आने के बाद लोगों को इस डबल ऑब्जर्वेशन से डर लग रहा है, जिस पर डॉक्टर ने कहा कि सिर्फ हेडलाइन देखकर घबराने की जरूरत नहीं है, कॉन्टेक्स्ट समझना ज्यादा जरूरी है.
डॉ. कुमार के बताया कि स्टैटिन्स अब भी बेहद सुरक्षित और जीवन रक्षक दवाएं हैं, खासकर उन मरीजों के लिए जिनमें हार्ट अटैक या स्ट्रोक का जोखिम ज्यादा होता है.
जिन लोगों का वजन बढ़ना, फिजिकल एक्टिविटी नहीं करते हैं और जिनके परिवार में डायबिटीज की हिस्ट्री रही हो. ऐसे लोगों को समय-समय पर ब्लड शुगर की जांच करते रहना चाहिए.
रोज 30–45 मिनट की एक्सरसाइज करें, बैलेंस्ड डाइट लें और पेट की चर्बी और कमर का साइज कंट्रोल में रखें. रोजाना की ये छोटी-छोटी आदतें दिल और डायबिटीज दोनों से बचाने में मदद करती हैं.
चाहे LDL कम नेचुरल वजह से हो या दवा की वजह से इसे बिल्कुल इग्नोर न करें. ऐसा होने पर डॉक्टर से सलाह लेकर मॉनिटरिंग प्लान बनाना जरूरी है.
डॉ. कुमार ने आखिरी में कहा, 'सही मरीज के लिए स्टैटिन्स सुरक्षित भी हैं और जीवन बचाने वाली भी. बस ब्लड शुगर पर थोड़ी अतिरिक्त नजर रखें. '
अमेरिका की सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) के अनुसार, हार्ट डिजीज अमेरिका में मौत का नंबर-1 कारण है. डायबिटीज वाले लोगों में हार्ट अटैक–स्ट्रोक का खतरा लगभग दोगुना होता है.
लंबे समय तक हाई ब्लड शुगर से नसों और धमनियों को नुकसान होता है और इस खतरे को कम करने के लिए करोड़ों मरीजों को स्टैटिन्स दी जाती हैं.
देश में आधे से ज्यादा कोलेस्ट्रॉल-दवा लेने वाले लोग स्टैटिन का इस्तेमाल करते हैं, कुछ रिसर्च बताती हैं कि स्टैटिन्स डायबिटीज के खतरे को हल्का बढ़ा सकती हैं, लेकिन हार्ट अटैक रोकने का फायदा उससे कई गुना ज्यादा है.
आजतक हेल्थ डेस्क