Liver health: सालों पहले लिवर की बीमारी बताएगा नया ब्लड टेस्ट! रिसर्च में आया सामने

Liver health: आज के दौर में अनहेल्दी लाइफस्टाइल, गलत डाइट और स्ट्रेस की वजह से लिवर से जुड़ी बीमारियों का खतरा तेजी से बढ़ रहा है. ऐसे में अगर इस बीमारी का पहले ही पता चल जाए, तो इसे बढ़ने से काफी हद तक रोका जा सकता है.

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ब्लड टेस्ट जो लिवर से जुड़ी बीमारियों का पहले ही पता लगाएगा (Photo- AI generated) ब्लड टेस्ट जो लिवर से जुड़ी बीमारियों का पहले ही पता लगाएगा (Photo- AI generated)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 06 अक्टूबर 2025,
  • अपडेटेड 8:32 AM IST

लिवर की बीमारी अक्सर धीरे-धीरे बढ़ती है और शुरुआत में इसके कोई स्पष्ट लक्षण दिखाई नहीं देते. लेकिन जब बीमारी बढ़ जाती है, तब इलाज मुश्किल हो जाता है. हाल ही में स्वीडन के रिसर्चरों ने एक नया और आसान ब्लड टेस्ट बनाया है जो आपको सालों पहले ही लिवर से जुड़ी गंभीर बीमारियों का खतरा बता सकता है. इस टेस्ट से न केवल समय रहते लिवर से जुड़ी बीमारी का पहले पता चल जाएगा, बल्कि समय रहते डॉक्टर को भी इलाज करना आसान होगा. ऐसे में आज हम इस खबर में जानेंगे कि नया टेस्ट क्या है और यह कैसे काम करता है? साथ ही यह भी जानेंगे कि लिवर खराब होने पर शरीर क्या संकेत देता है.

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नई टेस्ट कैसे काम करती है

स्वीडन के रिसर्चरों ने एक ऐसा ब्लड टेस्ट बनाया है जो सिरोसिस (लिवर में घाव), लिवर कैंसर या गंभीर लिवर से जुड़ी बीमारी का जोखिम पहले से बता सकता है. यह टेस्ट तीन आसान ब्लड मापों का इस्तेमाल करता है और यह लिवर के काम में छोटे बदलाव को भी पकड़ लेता है, जिससे पीलिया या लिवर के कारण पेट दर्द जैसी समस्याओं का पता पहले ही चल सकता है. इससे पहले लिवर से जुड़े ट्रेडिशनल FIB-4 टेस्ट भी था, जो मुख्य रूप से उन मरीजों में काम आता था जिन्हें पहले से लीवर की बीमारी थी, लेकिन यह नया टेस्ट नॉर्मल लोगों के भी काम आ सकता है. यह समय रहते लिवर से जुड़ी बीमारियों का पता लगाने में मदद करता है, जिससे डॉक्टर जल्द इलाज कर सकते हैं और बीमारी को बढ़ने से रोक सकते हैं.

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यह टेस्ट कितना सफल है?

स्वीडन की टीम ने 1985 से 1996 के बीच स्टॉकहोम के 4,80,000 लोगों का डेटा देखा. 30 साल के फॉलो-अप में 1.5% लोगों को गंभीर लिवर बीमारी हुई या उन्हें ट्रांसप्लांट की जरूरत पड़ी. इस डेटा से उन्होंने एक मॉडल बनाया जो 88% मामलों में सही तरीके से जोखिम पहचान पाया. यह टेस्ट फिनलैंड और यूके में भी आजमाया गया और वहां भी सही परिणाम मिले. रिसर्चर कहते हैं कि इस टेस्ट की क्षमता को और बढ़ाने के लिए, खासकर टाइप 2 डायबिटीज और मोटापे वाले लोगों में और रिसर्च की जरूरत है.

नई ब्लड टेस्ट सालों पहले ही लिवर की बीमारी का खतरा बता सकती है, लेकिन लिवर से जुड़ी बीमारी के शुरुआती लक्षणों को जानना भी बहुत जरूरी है. लिवर की बीमारी अक्सर धीरे-धीरे बढ़ती है, लेकिन कुछ संकेत हैं जो अक्सर यह देती रहती है.

शराब से जुड़ी लिवर के बीमारी के लक्षण- मतली, अचानक वजन कम होना, भूख न लगना, आंखों या त्वचा का पीला पड़ना

नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर बीमारी-  अक्सर थकान रहना, शरीर में कमजोरी या असहज महसूस होना और दाहिने पसली के नीचे दर्द या भारीपन

लिवर सर्कोसिस  (लिवर में घाव)

त्वचा पर साफ नसें दिखना, हथेलियों का लाल या धब्बेदार होना और डाइजेशन से जुड़ी समस्याएं.

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लिवर कैंसर के लक्षण

अचानक वजन कम होना, फ्लू जैसे लक्षण, पीलिया (जौन्डिस) और पेट में सूजन या गांठ होना.

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