लाइव सर्जरी पर सुप्रीम कोर्ट की सख्ती, NMC ने जारी किए नए नियम, अब नहीं होगा मुनाफे का खेल

अब शो ऑफ नहीं, सिर्फ सीखने के लिए लाइव सर्जरी का आयोजन होगा.  NMC की इन गाइडलाइंस का मकसद है कि मरीज को सिर्फ एक डेमो केस ना बनाया जाए. डॉक्टर की शिक्षा और ट्रेनिंग ज़रूरी है, लेकिन किसी इंसान की जिंदगी को कॉन्फ्रेंस या ब्रांड प्रमोशन के लिए खतरे में डालना अमानवीय है. अब से हर लाइव सर्जरी पर नियमों की सख्त निगरानी होगी.

Advertisement
लाइव सर्जरी को लेकर सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर NMC ने जारी की सख्त गाइडलाइंस (Photo By Grok) लाइव सर्जरी को लेकर सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर NMC ने जारी की सख्त गाइडलाइंस (Photo By Grok)

मानसी मिश्रा

  • नई दिल्ली,
  • 28 जुलाई 2025,
  • अपडेटेड 3:53 PM IST

लाइव सर्जरी को लेकर देश की सबसे बड़ी मेडिकल अथॉरिटी नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) ने बड़ा फैसला लिया है. अब किसी अस्पताल या डॉक्टर को मनमर्जी से ऑपरेशन को लाइव दिखाने की इजाजत नहीं होगी. सुप्रीम कोर्ट में दाखिल एक याचिका में ये मुद्दा उठा था कि कई निजी अस्पताल मरीजों को मॉडल की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं, ताकि कॉन्फ्रेंस के जरिए प्रोडक्ट प्रमोशन और खुद की ब्रांडिंग हो सके. इसके बाद NMC ने 26 जुलाई 2025 को सख्त गाइडलाइंस जारी की हैं. 

Advertisement

सुप्रीम कोर्ट में क्या हुआ था?

जनहित याचिका में आरोप लगाया गया था कि कई निजी अस्पताल मरीजों को बिना पर्याप्त जानकारी दिए लाइव सर्जरी में शामिल कर रहे हैं. याचिकाकर्ता राहिल चौधरी ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि कई निजी अस्पताल लाइव सर्जरी के जरिए मरीजों का व्यावसायिक शोषण कर रहे हैं. कंपनियां अपने प्रोडक्ट्स का प्रचार करती हैं, सर्जन अपनी विशेषज्ञता का प्रदर्शन करते हैं और अस्पताल अपनी सुविधाओं को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करते हैं. इस दौरान मरीजों की सुरक्षा और गोपनीयता को ताक पर रखा जाता है. NMC ने इस याचिका के जवाब में एक कमेटी बनाई जिसकी सिफारिशों के आधार पर ये सख्त गाइडलाइंस तैयार की गई हैं. 

अब क्या बदलेगा? पढ़िए नई गाइडलाइंस की खास बातें

लाइव सर्जरी के लिए पहले मंजूरी जरूरी
अब किसी भी लाइव सर्जरी को प्रसारित करने से पहले राज्य मेडिकल काउंसिल या संस्था प्रमुख से इजाजत लेनी होगी.
विदेश से आए डॉक्टर को सर्जरी करने से पहले NMC की अनुमति और विशेषज्ञ पैनल की मंजूरी लेनी होगी.

Advertisement

मरीज को अब सिर्फ पढ़कर नहीं, समझकर देना होगा सहमति

मरीज को बताना जरूरी होगा कि उनकी सर्जरी लाइव प्रसारित की जाएगी.
वो कभी भी अपनी सहमति वापस ले सकता है.
उसकी पहचान पूरी तरह गोपनीय रखी जाएगी.

कोई प्रोमोशन नहीं, कोई ब्रांडिंग नहीं

लाइव सर्जरी का इस्तेमाल डॉक्टर, अस्पताल या किसी मेडिकल प्रोडक्ट की ब्रांडिंग या प्रचार के लिए नहीं किया जा सकेगा.
अगर डॉक्टर या अस्पताल का किसी उपकरण में वित्तीय हित है तो वो उसका उपयोग नहीं कर सकता.

सर्जरी के दौरान कैमरा, मगर संवाद नहीं

ऑपरेशन करते वक्त सर्जन को दर्शकों से बातचीत की इजाजत नहीं होगी ताकि उसका फोकस मरीज पर रहे.
स्पेशल केस में एक कमेंटेटर साइड से गाइड कर सकता है.

पैसे का लालच नहीं चलेगा

मरीज को कोई पैसे का लालच या लाभ नहीं दिया जाएगा. हां, उसे इंश्योरेंस कवर दिया जा सकता है ताकि किसी गड़बड़ी की स्थिति में खर्च का बोझ उस पर न पड़े.
अगर सर्जरी में कोई गड़बड़ी होती है तो उसका इलाज अस्पताल फ्री में किया जाएगा.

हर तरह की तैयारी जरूरी

OT में सभी जरूरी उपकरण और एक्सपर्ट मौजूद होने चाहिए.
लाइव सर्जरी के दौरान किसी भी इमरजेंसी से निपटने के लिए पूरा प्लान पहले से तैयार होना चाहिए.
अगर सेटअप ठीक नहीं मिला तो सर्जरी की रिकॉर्डिंग दिखाई जाएगी, लाइव नहीं.

Advertisement

क्या कहते हैं डॉक्टर?

वैसे तो मेडिकल क्षेत्र में एक विचार यह भी है कि लाइव सर्जरी से छात्रों को तकनीक समझने में मदद मिलती है. मगर NMC का कहना है कि इसके लिए रिकॉर्डेड वीडियो, कैडेवरिक ट्रेनिंग और सिमुलेशन लैब ज्यादा सुरक्षित और प्रभावी विकल्प हैं.

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement