बिना ब्लड टेस्ट फैटी लिवर कैसे पहचानें? घर बैठे आजमाएं डॉक्टर के बताए 3 आसान तरीके

फैटी लिवर दर्द नहीं करता, लेकिन नुकसान चुपचाप होता रहता है. इसलिए इसे साइलेंट किलर के नाम से भी बुलाया जाता है. फैटी लिवर के खतरे को बिना ब्लड टेस्ट के भी आप अपने घर बैठे इन आसान सेल्फ टेस्ट के जरिए भी पता लगा सकते हैं और समय रहते जोखिम को बढ़ने से रोक सकते हैं.

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कमर और पेट का साइज लिवर डैमेज के बारे में बताते हैं. (Photo: ITG) कमर और पेट का साइज लिवर डैमेज के बारे में बताते हैं. (Photo: ITG)

आजतक हेल्थ डेस्क

  • नई दिल्ली,
  • 24 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 1:15 PM IST

Detect fatty liver Without Test: लिवर और किडनी दोनों ही शरीर के जरूरी अंग होते हैं और हमारी खराब लाइफस्टाइल इन दोनों के लिए खतरा बन चुकी हैं. ज्यादातर लोग लिवर और किडनी की समस्याओं से जूझ रहे हैं. आजकल फैटी लिवर एक आम लेकिन खतरनाक समस्या बनती जा रही है, सबसे बड़ी चिंता की बात यह है कि फैटी लिवर को साइलेंट डिजीज कहा जाता है, क्योंकि इसमें शुरुआत में कोई दर्द या साफ लक्षण नजर नहीं आते. लेकिन अंदर ही अंदर लिवर लगातार डैमेज होता रहता है.

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फैटी लिवर के बारे जब मालूम चलता है, तब मामला गंभीर हो जाता है. भले ही फैटी लिवर के शुरुआती लक्षण नजर नहीं आते हैं, लेकिन हमारे शरीर में कुछ बदलाव जरूर हमें फैटी लिवर का संकेत दे रहे होते हैं, जिन्हें हम आम समझकर अनदेखा कर देते हैं. 

फैटी लिवर से सिर्फ शराब पीने वाले या बुजुर्ग लोग पीड़ित नहीं हैं, बल्कि अब तो बच्चों से लेकर यंग लोगों में भी बड़ी समस्या के तौर पर देखा जा रहा है. ऐसे में आयुर्वेदिक डॉक्टर सलीम जैदी ने इंस्टाग्राम पर अपने लेटेस्ट वीडियो में बताया कि कुछ आसान से टेस्ट आप घर बैठे ही कर सकते हैं, जिनसे फैटी लिवर के खतरे का अंदाजा लगाया जा सकता है. 

कमर का साइज 

यह फैटी लिवर का सबसे आसान और पहला संकेत माना जाता है. कमर को नाभि के लेवल पर मापें.मापते समय सामान्य सांस लें और टेप को न ज्यादा कसें, न ढीला रखें.

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  • पुरुषों के लिए: 90 सेमी से कम
  • महिलाओं के लिए: 80 सेमी से कम

अगर आपकी कमर इन सीमाओं से ज्यादा है, तो फैटी लिवर का जोखिम बढ़ जाता है. पेट के आसपास जमा चर्बी सीधे लिवर पर असर डालती है. 

कमर और लंबाई का अनुपात

इस टेस्ट में कमर और लंबाई के अनुपात से फैटी लिवर के जोखिम का पता लगाया जाता है. 

इस फॉर्मूला के लिए आपको सबसे पहले अपनी कमर के साइज को लंबाई से डिवाइड करना होता है. जैसे-

  • कमर = 96 सेमी
  • लंबाई = 170 सेमी
  • 96 ÷ 170 = 0.56

रिजल्ट का मतलब

  • अगर 0.5 से कम है तो आप फैटी लिवर की समस्या से सुरक्षित है.
  • अगर 0.5 से अधिक हो तो आपको फैटी लिवर का हाई रिस्क है.
  • अगर 0.6 से ज्यादा होता है तो आपको लिवर फैटी का बहुत ज्यादा जोखिम है.

इस टेस्ट की खास बात यह है कि यह नियम पुरुष और महिला दोनों के लिए समान है. गोल्डन रूल यह है कि आपकी कमर आपकी लंबाई के आधे से कम होनी चाहिए.

बेली की शेप 

तीसरा और आखिरी टेस्ट है, अगर आपका पेट सख्त, टाइट और मटके जैसा बाहर निकला हुआ है, तो यह विसरल फैट का संकेत हो सकता है. यह फैट सबसे ज्यादा खतरनाक होता है क्योंकि यह सीधे लिवर को नुकसान पहुंचाता है और फैटी लिवर की संभावना बढ़ाता है. 

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डॉ. सलीम जैदी ने लोगों को चेतावनी देते हुए कहा, 'लिवर दर्द नहीं करता, लेकिन नुकसान चुपचाप होता रहता है. समय रहते टेस्ट और लाइफस्टाइल में सुधार करके फैटी लिवर के जोखिम को कम किया जा सकता है. स्वस्थ खानपान, रोजाना एक्सरसाइज और वजन कंट्रोल लिवर को बचाने की अहम चीजें हैं. अगर इन 3 में से 2 टेस्ट पॉजिटिव आते हैं, तो इसे नजरअंदाज न करें. तुरंत डॉक्टर की सलाह लें और परामर्श के अनुसार जरूरी हो तो अल्ट्रासाउंड एब्डॉमेन और जरूरी ब्लड टेस्ट कराएं.'

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