भारतीय सेना का कमाल: रोबोटिक लेजर से हुई देश की पहली ब्लेडलैस मोतियाबिंद सर्जरी, जानें क्या है FLACS तकनीक

आर्मी अस्पताल रिसर्च एंड रेफरल (AHRR) ने रोबोटिक कस्टम लेजर मोतियाबिंद सर्जरी की शुरुआत की है, जो देश का पहला सरकारी संस्थान और दक्षिण एशिया में दूसरा है. यह तकनीक अत्याधुनिक लेजर तकनीक का उपयोग करती है और मरीजों को सुरक्षित और प्रभावी इलाज प्रदान करती है.

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रोबोटिक लेजर सर्जरी से मोतियाबिंद का सुरक्षित और प्रभावी तरीका है. रोबोटिक लेजर सर्जरी से मोतियाबिंद का सुरक्षित और प्रभावी तरीका है.

आजतक हेल्थ डेस्क

  • नई दिल्ली,
  • 29 अगस्त 2025,
  • अपडेटेड 3:17 PM IST

भारतीय सेना के चिकित्सा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल हुई है. आर्मी अस्पताल रिसर्च एंड रेफरल (AHRR) ने रोबोटिक कस्टम लेजर मोतियाबिंद सर्जरी की शुरुआत की है, जो देश का पहला सरकारी संस्थान और दक्षिण एशिया में दूसरा है. इस तकनीक का नाम ALLY Adaptive Cataract Treatment System है, जो अत्याधुनिक लेजर तकनीक का उपयोग करती है. यह उपलब्धि ऑप्थल्मोलॉजी डिपार्टमेंट (नेत्र विभाग) के लिए एक बड़ी सफलता है क्योंकि इससे ब्लेडलैस,रोबोटिक और कंप्यूटर गाइडेड मोतियाबिंद सर्जरी का मार्ग खुल गया है, जिसे Femto-second Laser Assisted Cataract Surgery (FLACS) कहा जाता है.

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ये सर्जरी क्यों है खास

यह खास सर्जरी ब्रिगेडियर एसके मिश्रा के ओर से की गई. जिसमें 61 वर्षीय श्रीमती बिरमयी देवी का ऑपरेशन किया गया. श्रीमती बिरमयी देवी हवलदार रुपेन्द्र की मां हैं, जो AHQ Provision Unit में तैनात हैं. मोतियाबिंद आंख की प्राकृतिक लेन्स में होने वाला धुंधलापन होता है, जिससे देखने में परेशानी आती है. पारंपरिक सर्जरी भी फायदेमंद होती है, लेकिन FLACS तकनीक ने इसे एक नई ऊंचाई दी है. इस लेजर तकनीक की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह माइक्रोन लेवल की सटीकता के साथ कोर्नियल कटिंग, कैप्सुलेटॉमी और मोतियाबिंद को तोड़ने जैसे बेहद नाजुक काम आसानी से करती है.

FLACS तकनीक क्या है?

आर्मी अस्पताल रिसर्च एंड रेफरल (AHRR)में FLACS तकनीक को अपनाना यह दर्शाता है कि हमारी मिलिट्री की चिकित्सा सेवा का मुख्य उद्देश्य अपने मरीजों को सबसे, एडवांस और सेफ इलाज उपलब्ध कराना है. मिलिट्री मेडिसिन के लिए बेहतर रिजल्ट मिलना काफी जरूरी है, और इस तकनीक से इन्ही जरूरतों को पूरा किया जा रहा है.

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रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह और थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी के नेतृत्व में, आर्मी अस्पताल रिसर्च एंड रेफरल (AHRR) का नेत्र विज्ञान विभाग सबसे उन्नत नेत्र देखभाल प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है. इस विभाग का उद्देश्य मरीजों को हाई क्वॉलिटी वाली मेडिकल सर्विस देना है.

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