कफ सिरप ही नहीं, लापरवाही से दी गईं ये दवाएं भी हो सकती हैं बच्चों के लिए जानलेवा!
कफ सिरप ही नहीं बल्कि कुछ ऐसी दवाइयां भी हैं जो बच्चों को नहीं देनी चाहिए. ये उनके लिए खतरनाक साबित हो सकती हैं, अपने बच्चें को दवा देने से पहले ये लिस्ट जरूर देख लें.
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बच्चों के लिए हर दवा सही नहीं होती है. (Photo Credit: Adobe Image)
राजस्थान और मध्यप्रदेश में कफ सिरप पीने से बच्चों की मौतों के मामले सामने आने के बाद पूरे देश में लोगों में आक्रोश और डर का माहौल है. खांसी-जुकाम में अक्सर पैरेंट्स बिना डॉक्टर की सलाह के बच्चों को कफ सिरप दे देते हैं, लेकिन जिस तरह से कप सिरप बच्चों के लिए काल बन गया है, उसने ये सोचने पर मजबूर कर दिया है कि कहीं ये आदत जानलेवा न बन जाए. हाल की घटनाओं को देखते हुए लोगों को लग रहा है कि कफ सिरप बच्चों को नहीं देना चाहिए. मगर सिर्फ कफ सिरप ही नहीं, बल्कि कुछ और दवाइयां भी हैं जिन्हें बच्चों को बिना डॉक्टर की सलाह के देना खतरनाक हो सकता है.
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इसका कारण यह है कि बच्चों और बड़ों के शरीर में दवाओं का असर और रिएक्शन अलग होता है. जो दवा बड़ों के लिए फायदेमंद होती है, वही बच्चों के लिए नुकसानदायक साबित हो सकती है. बच्चों में दवाइयों के साइड इफेक्ट्स वयस्कों की तुलना में और गंभीर हो सकते हैं. इसलिए किसी भी बीमारी में बच्चे को दवा देने से पहले, खासकर पहली बार कोई दवा देने से पहले हमेशा डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए. चाहे वो नेचुरल या हर्बल दवाइयां ही क्यों ना हों.
हम इस आर्टिकल में आपको कुछ ऐसी दवाइयों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्हें आपको अपने बच्चों को नहीं देना चाहिए. इन दवाओं के लिए बड़े और बच्चों के लिए अलग-अलग गाइडलाइन होती है. बच्चों को जिन दवाइयों से दूर रखना चाहिए, उनमें एस्पिरिन (Aspirin) और एंटीबायोटिक्स (Antibiotics) जैसी दवाएं खासतौर पर शामिल हैं.
सिरदर्द ,दांत दर्द और मासिक धर्म के दर्द के लिए एस्पिरिन का इस्तेमाल किया जाता है. इसके अलावा सर्दी-ज़ुकाम और फ्लू और तेज बुखार में एस्पिरिन लोग लेते हैं और एस्पिरिन को एसिटाइलसैलिसिलिक एसिड के नाम से जाना जाता है.
बच्चों (खासकर 12 साल से छोटे) में एस्पिरिन देने से रेये सिंड्रोम नाम की गंभीर बीमारी हो सकती है जो लिवर और ब्रेन को नुकसान पहुंचाती है.
खासतौर पर एस्पिरिन का इस्तेमाल वायरल इंफेक्शन के समय करने से इसका खतरा बढ़ जाता है. इसलिए जब तक आपको डॉक्टर ना बोलें, अपने बच्चों को एस्पिरिन या उससे जुड़ी कोई दवा न दें.
एस्पिरिन को कभी-कभी 'सैलिसिलेट' और 'एसिटाइलसैलिसिलिक एसिड' के तौर पर भी इस्तेमाल किया जाता है, इसलिए हमेशा दवाइयों के लेबल को अच्छे से पढ़कर ही खरीदना चाहिए.
बुखार और दूसरी किसी बीमारी में एसिटामिनोफेन या इबप्रोफेन देने के बारे में अपने बच्चे के डॉक्टर से पूछें.
एसिटामिनोफेन कब नहीं देनी चाहिए?
3 महीने से कम उम्र के बच्चों को नहीं दें.
अगर बच्चे को लिवर की बीमारी है तो एसिटामिनोफेन देना खतरनाक हो सकता है.
बच्चा पहले से दूसरी ओटीसी (ओवर द काउंटर) दवाइयां ले रहा है तो भी एसिटामिनोफेन देने से पहले डॉक्टर से सलाह लें.
आइबुप्रोफेन कब नहीं देनी चाहिए?
6 महीने से कम उम्र के बच्चों को नहीं दें.
किसी भी अन्य दवा के साथ आइबुप्रोफेन देने से पहले हमेशा डॉक्टर की सलाह लें.
सर्दी की दवा क्यों नहीं देनी चाहिए?
अमेरिकन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स (AAP) कहती है कि 6 साल से छोटे बच्चों को बिना डॉक्टर की सलाह के खांसी या सर्दी की दवा नहीं देनी चाहिए.
ये दवाएं इस उम्र में आमतौर पर लक्षण कम नहीं करती.
गलती से ज्यादा खुराक लेने पर हानिकारक हो सकती हैं.
सर्दी की दवाइयां बच्चों में साइड इफेक्ट्स कर सकती है, बच्चों को बहुत नींद आना, पेट खराब होना,दाने या एलर्जी हो सकती है.
इनका काफी गंभीर असर हो सकता है जैसे दिल की धड़कन तेज हो जाना, दौरे या ज्यादा सीरियस मामले में जान भी जा सकती है.
एंटीबायोटिक्स के साइड इफेक्ट
एंटीबायोटिक्स दवाइयां सिर्फ बैक्टीरियल इंफेक्शन में काम करती हैं.
वायरल इंफेक्शन (जुकाम, फ्लू) में इन्हें देना गलत होता है और इससे एंटीबायोटिक रेजिस्टेंस बढ़ने का खतरा बढ़ जाता है.
हर्बल या नेचुरल दवाइयां
बहुत से लोग मानते हैं कि ये पूरी तरह सुरक्षित हैं.
लेकिन बच्चों में ये भी एलर्जी या साइड इफेक्ट्स पैदा कर सकती हैं.
माता-पिता को बरतनी चाहिए ये सावधानियां
बच्चों की दवा हमेशा उम्र और वजन के हिसाब से दें. अपने डॉक्टर से परामर्श लें और उसे फॉलो करें.
कोई भी दवा देने से पहले लेबल और डोज निर्देश ध्यान से पढ़ें.
असामान्य लक्षण जैसे तेज बुखार, उल्टी या त्वचा पर रैश होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.
आजतक हेल्थ डेस्क