भारत में कैंसर के मामले महिलाओं में अधिक, लेकिन मौत पुरुषों की ज्यादा!

भारत में हर साल महिलाओं में ज्यादा कैंसर डायग्नोज होते है, लेकिन मरने वालों में पुरुषों की संख्या ज्यादा पाई जाती है. आइए जानते हैं कि आखिर इसकी क्या वजह है और ऐसा क्यों होता है.

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भारत में कैंसर से महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों की अधिक मौत होती है. (Photo: Ai Generated) भारत में कैंसर से महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों की अधिक मौत होती है. (Photo: Ai Generated)

आजतक हेल्थ डेस्क

  • नई दिल्ली,
  • 12 सितंबर 2025,
  • अपडेटेड 11:41 AM IST

Cancer Survival Paradox India: भारत में कैंसर का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है और ये जानलेवा बीमारी हर छोटे-बड़े शहर को अपनी चपेट में ले रही है. खासतौर पर महिलाओं में अधिक मामले सामने आ रहे हैं. पुरुषों की तुलना में महिलाएं ज्यादा कैंसर से पीड़ित हैं लेकिन फिर भी मृत्युदर पुरुषों की ज्यादा है. भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) के आंकड़े बताते हैं कि भारत में कैंसर के कुल मामलों में 51.1% महिलाएं और 48.9% पुरुष शामिल हैं, यानी महिलाओं में कैंसर के मामले ज्यादा दर्ज होते हैं. लेकिन जब मौत की बात आती है तो महिलाएं 45 प्रतिशत और पुरुष 55 प्रतिशत है. ऐसे में अब बड़ा सवाल ये है कि महिलाओं में कैंसर ज्यादा डायग्नोज क्यों होता है लेकिन उनकी मृत्यु दर पुरुषों से कम क्यों रहती है?

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महिलाओं में होने वाले कैंसर कम खतरनाक

रिपोर्ट बताती हैं कि महिलाओं और पुरुषों में पाए जाने वाले कैंसर के प्रकार की वजह से भी मरने वालों की संख्या में फर्क है. महिलाओं में डायग्नोज होने वाले कैंसर, जैसे ब्रेस्ट कैंसर, सर्वाइकल कैंसर और ओवेरियन कैंसर आम हैं. अगर ये कैंसर समय पर पता चल जाएं तो आसानी से कंट्रोल और ठीक किए जा सकते हैं.आजकल इन कैंसर के लिए नई-नई और असरदार ट्रीटमेंट तकनीकें आ चुकी हैं, जिससे महिलाओं की सर्वाइवल रेट बेहतर हो रही है.

पुरुषों में होने वाले कैंसर ज्यादा खतरनाक

महिलाओं की तुलना में पुरुषों में फेफड़े, लिवर और ओरल कैंसर जैसे गंभीर और खतरनाक कैंसर ज्यादा देखने को मिलते हैं. ये कैंसर अक्सर देर से डायग्नोज होते हैं और उनका इलाज भी मुश्किल होता है. पुरुषों में होने वाले कैंसर की सबसे बड़ी वजह उनमें धूम्रपान, शराब का सेवन और पॉल्यूशन से जुड़ा एक्सपोजर ज्यादा होता है.

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महिलाएं रहती हैं ज्यादा अलर्ट

महिलाएं अपने शरीर में छोटे-छोटे बदलावों को भी नोटिस कर लेती हैं, जैसे कि ब्रेस्ट में गांठ, असामान्य ब्लीडिंग और थकान. ऐसे लक्षण दिखने पर वे डॉक्टर के पास तुरंत पंहुच जाती हैं, इससे बीमारी का पता शुरुआती स्टेज पर लग जाता है और इलाज के अच्छे नतीजे देखने को मिलते हैं. 

महिलाओं को सोशल सपोर्ट अधिक मिलता है

महिलाओं को अक्सर परिवार और समाज से ज्यादा इमोशनल और प्रैक्टिकल सपोर्ट मिल जाता है. इलाज और फॉलो-अप के दौरान ये सपोर्ट उन्हें नियमित तौर पर डॉक्टर के पास जाने और पूरा इलाज लेने में मदद करता है. इसी सपोर्ट और प्यार की वजह से उनके जल्दी ठीक होने की संभावना भी बढ़ जाती है. 

महिलाओं में कैंसर क्यों ज्यादा दिखता है लेकिन मौत कम होती है?

  • महिलाएं अपने शरीर में बदलावों को जल्दी नोट कर लेती हैं और टाइम रहते टेस्ट करा लेती हैं. 
  • ब्रेस्ट, सर्वाइकल जैसे कैंसर अक्सर कम खतरनाक होते हैं और समय रहते डायग्नोज किए जा सकते हैं.
  • महिलाओं को परिवार और समाज से ज्यादा देखभाल और सपोर्ट मिलता है. 
  • पुरुषों में धूम्रपान, शराब और प्रदूषण से जुड़े गंभीर कैंसर ज्यादा पाए जाते हैं.
  • इन सभी कारणों की वजह से ही पुरुषों में मृत्यु दर ज्यादा है, जबकि महिलाओं की कम
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