Breast pain causes symptoms: ब्रेस्ट पेन/सीने में दर्द आज कल एक बहुत ही आम समस्या बन गया है. आपने ज्यादातर महिलाओं को कभी ना कभी इस दर्द का सामना करना पड़ता है. ब्रेस्ट पेन को डॉक्टर्स मास्टाल्जिया कहते हैं. नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर हेल्थ एंड केयर एक्सीलेंस (NICE) के अनुसार, लगभग 70% महिलाओं को जीवन में कभी न कभी ब्रेस्ट पेन होता है. ज्यादातर मामलों में ये हार्मलेस होता है और हार्मोनल बदलावों की वजह से होता है, लेकिन कभी-कभी ये किसी गंभीर समस्या जैसे इंफेक्शन, सिस्ट या ब्रेस्ट कैंसर का संकेत भी हो सकता है. ऐसे में ज्यादातर महिलाएं उनकी ब्रेस्ट में दर्द होते ही उसे ब्रेस्ट कैंसर समझने लगती हैं और बहुत ज्यादा परेशान हो जाती हैं. लेकिन आपको ये समझने की जरूरत है कि सभी तरह सीने के दर्द ब्रेस्ट कैंसर नहीं होते. ऐसे में सवाल ये उठता है कि महिलाओं को कब ब्रेस्ट पेन को लेकर चिंता करनी चाहिए और कब नहीं?
ब्रेस्ट पेन के कारणों, लक्षणों और ट्रीटमेंट के तरीकों को समझने के लिए, हमने दिल्ली के एक्शन कैंसर हॉस्पिटल में सर्जिकल ऑन्कोलॉजी के डॉयरेक्टर डॉ. आशीष गोयल से बात की. चलिए उनसे जानते हैं क्या बोले डॉक्टर, लेकिन इससे पहले जानते हैं कि आखिर ब्रेस्ट पेन क्या होता है.
ब्रेस्ट पेन को डॉक्टर्स की भाषा में मास्टाल्जिया कहा जाता है. इसमें एक या दोनों ब्रेस्ट में बेचैनी, सॉफ्टनेस या दर्द होता है. दर्द कितना तेज है और कितनी देर तक होता है ये सबमें अलग-अलग हो सकता है और इसकी गंभीरता उसके असली कारण पर निर्भर करती है.
जब उनसे पूछा गया कि आज कल ब्रेस्ट पेन इतना आम क्यों हो गया है तो डॉ. गोयल ने कहा कि ब्रेस्ट पेन बहुत आम है और लगभग 70% महिलाओं को जीवन में कभी न कभी इसका सामना करना पड़ता है. ज्यादातर मामलों में इसकी वजह कैंसर नहीं होता. बहुत से मामलों में ब्रेस्ट पेन के पीछे महिलाओं के हार्मोंस में पीरियड्स और प्रेग्नेंसी के दौरान आने वाले बदलाव होते हैं. इसके साथ ही ब्रेस्ट में इंफेक्शन या सिस्ट भी दर्द का कारण हो सकते हैं.
इस सवाल का जवाब देते हुए डॉ. गोयल ने बताया कि सिर्फ ब्रेस्ट पेन आमतौर पर कैंसर का संकेत नहीं होता. लेकिन कभी-कभी कुछ प्रकार के ब्रेस्ट कैंसर, जैसे कि लोकली एडवांस्ड ट्यूमर(ये कैंसर की वो स्टेज है जिसमें ट्यूमर जिस अंग में फैला होता है उस अंग में बड़ा हो चुका होता है और आस-पास के टिशू या नजदीकी अंगों तक फैल गया होता है, लेकिन शरीर के दूसरे दूर के हिस्सों तक अभी नहीं पहुंचा होता) या सूजन वाले कैंसर, दर्द का कारण बन सकते हैं. ऐसे मामलों में ट्यूमर स्किन, मसल्स या लिम्फ नोड्स में बदलाव कर सकता है, जिससे दर्द या कई अन्य तरह की परेशानियां हो सकती हैं.
डॉ. गोयल कहते हैं कि हां, कभी-कभी दर्द ब्रेस्ट से नहीं बल्कि चोट, मसल्स में खिंचाव या पसलियों में सूजन की वजह से भी हो सकता है, खासकर अगर आपने बहुत ज्यादा एक्सरसाइज की हो या फिजियोथेरेपी कराई हो. ऐसे दर्द में भी ब्रेस्ट में दिक्कत महसूस हो सकती है, लेकिन ये आमतौर पर बहुत नॉर्मल होता है. फिर भी ब्रेस्ट की किसी भी संभावित समस्या को जानने के लिए डॉक्टर से जांच और अल्ट्रासाउंड करवाना जरूरी है.
डॉ. गोयल कहते हैं कि जब ब्रेस्ट में ट्यूमर होता है, तो ये आस-पास की स्किन, मसल्स या टिशूज को एफेक्ट कर सकता है. कभी-कभी बगल में सूजे हुए लिम्फ नोड्स भी दर्द का कारण बनते हैं. इसके अलावा, कैंसर के इलाज जैसे सर्जरी या रेडिएशन थेरेपी से भी समस्या हो सकती है. इसलिए समय पर पता लगाना और सही जांच कराना बहुत जरूरी है, ताकि दर्द के कारण को समझा जा सके और उसका सही इलाज किया जा सके.
डॉ. गोयल के अनुसार, अगर ब्रेस्ट पेन लगातार हो और किसी अन्य बदलाव के साथ हो, तो डॉक्टर से मिलना जरूरी है. डॉ. गोयल ने कुछ लक्षण भी बताए जिनके दिखने पर आपको डॉक्टर से संपर्क करने की जरूरत होती है. इन लक्षणों में
ये संकेत किसी गंभीर समस्या का संकेत हो सकते हैं, जिसमें ब्रेस्ट कैंसर भी शामिल है. इसलिए इनके दिखते ही जांच कराना बहुत जरूरी है.
डॉ. गोयल सलाह देते हैं कि हमेशा अपने शरीर पर ध्यान दें और किसी भी बदलाव को नजरअंदाज न करें. अगर दर्द लगातार बना रहे या कोई संकेत दिखें, तो ब्रेस्ट एक्सपर्ट से मिलें. ज्यादातर मामलों में दर्द कैंसर से नहीं जुड़ा होता, लेकिन जांच कराना और इमेजिंग करवाना बेहतर रहता है. जल्दी पता लगाने से इलाज और रिजल्ट दोनों बेहतर हो सकते हैं.
पलक शुक्ला