Long Life Tips: शरीर के इस 'मास्टर अंग' को मजबूत करने से लंबी होगी उम्र, डॉक्टर ने बताया

Healthy Long Life Tips: अमेरिका के हार्वर्ड, स्टैनफोर्ड और AIIMS जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों से ट्रेनिंग ले चुके डॉक्टर सौरभ सेठी का कहना है कि लंबी जिंदगी का असली राज शरीर के इस हिस्से से जुड़ा है. अगर आप इसे मजबूत करते हैं तो आपकी उम्र लंबी हो सकती है.

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इस अंग को मजबूत बनाने से लंबी हो सकती है उम्र (Photo: ITG) इस अंग को मजबूत बनाने से लंबी हो सकती है उम्र (Photo: ITG)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 20 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 8:30 AM IST

Healthy Long Life Tips: दुनिया में हर कोई 100 साल की लंबी उम्र चाहता है लेकिन यह काफी हद तक हमारे खुद के खानपान और जीवनशैली से जुड़ा है. अपनी सेहत का ध्यान रखकर आप अपनी उम्र को लंबा कर सकते हैं. AIIMS, हार्वर्ड और स्टैनफोर्ड से ट्रेंनिंग ले चुके कैलिफॉर्निया के गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट डॉ. सौरभ सेठी ने अपनी हालिया पोस्ट में कहा है कि पैरों की मजबूती लंबी उम्र से जुड़ी हुई है.

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पैरों को रखेंगे मजबूत तो ज्यादा जिएंगे 

वह बताते हैं कि शरीर के निचले हिस्से की मसल्स ग्लूकोज कंट्रोल, मेटाबोलिक हेल्थ, बैलेंस और कॉग्निटिव फंक्शन में मदद करती हैं जबकि कमजोर पैरों से गिरने और पुरानी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. वो पैरों को मजबूत रखने के लिए आसान स्ट्रेंथ एक्सरसाइज और रोजाना मूवमेंट करने की सलाह देते हैं.

सौरभ सेठी ने छेड़ी बहस

AIIMS, हार्वर्ड और स्टैनफोर्ड से ट्रेनिंग लिए हुए कैलिफॉर्निया के एक गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट ने इस बात पर नई चर्चा शुरू की है कि असल में लंबी उम्र का अंदाजा किससे लगाया जा सकता है. हाल ही में एक इंस्टाग्राम पोस्ट में डॉ. सौरभ सेठी ने एक ऐसे फैक्टर पर जोर दिया जिसे अक्सर BMI और वजन जैसे आम मार्कर नजरअंदाज कर देते हैं. उनके मुताबिक, जब उम्र और लंबे समय तक मेटाबोलिक मजबूती की बात आती है तो किसी व्यक्ति के पैरों की मजबूती कहीं ज्यादा असरदार हो सकती है.

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डॉक्टर ने समझाया गणित

डॉक्टर ने इस फ्रेमवर्क का इस्तेमाल यह समझाने के लिए किया कि फैटी लिवर की बीमारी, डायबिटीज, PCOS और पुरानी ब्लोटिंग जैसी दिक्कतें अक्सर लगातार स्ट्रेंथ ट्रेनिंग से क्यों ठीक हो जाती हैं. जैसा कि उन्होंने पोस्ट में बताया, मसल्स मास बढ़ने से इंसुलिन सेंसिटिविटी बढ़ती है, ट्राइग्लिसराइड्स कम होते हैं, लिवर फैट कम होता है और पुरानी सूजन कम होती है.

शरीर की निचली ताकत और कॉग्निटिव हेल्थ के बीच एक लिंक
डॉ. सेठी ने पैरों की ताकत को ब्रेन हेल्थ से जोड़ने वाली बढ़ती रिसर्च की ओर भी ध्यान दिलाया. उसी रिपोर्ट में उन्होंने कहा कि जिन लोगों के पैर मजबूत होते हैं, उनकी याददाश्त बेहतर होती है, डिमेंशिया का खतरा कम होता है और कॉग्निटिव प्रोसेसिंग तेज होती है. उन्होंने आगे कहा कि पैरों की ताकत कम होने के हल्के लक्षणों में सीढ़ियों से बचना, फर्श से उठने में मुश्किल होना और लंबी वॉक के दौरान अजीब तरह की थकान महसूस होना शामिल है.

पैरों को मजबूत बनाने के लिए क्या करें
डॉक्टर ने इस दौरान कई आसान मूवमेंट बताए जो किसी भी उम्र में शरीर के निचले हिस्से की ताकत को फिर से बना सकते हैं, जैसे स्क्वैट्स, लंजेस, स्टेप अप्स, रेजिस्टेंस बैंड वर्क और रेगुलर ऊपर की ओर चलना. रोजाना की आदतों जैसे लिफ्ट के बजाय सीढ़ियां चुनना भी मददगार हो सकता है.

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पैर इंसान को जिंदगी में कई तरह से आगे ले जाते हैं और उन्हें शुरू में मजबूत करने से आपके शरीर को दशकों तक कई बीमारियों से आजादी और अच्छी सेहत मिल सकती है.

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