कुत्ते के चाटने से गई बच्चे की जान! लार से शरीर में पहुंचा खतरनाक वायरस, डॉक्टर ने दी ये चेतावनी

बदायूं के सहसवान इलाके में 2 साल के बच्चे की रेबीज से मौत हो गई है. जबकि कुत्ते ने सिर्फ उसके पुराने घाव को चाटा था, उसे काटा नहीं था. जानें कैसे कुत्त की लार भी रेबीज और खतरनाक इंफेक्शन फैला सकती है और उसमें कौन-कौन से बैक्टीरिया होते हैं.

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कुत्ते के काटने से एक 2 साल के बच्चे की मौत हो गई है. (Photo: Ai Generated) कुत्ते के काटने से एक 2 साल के बच्चे की मौत हो गई है. (Photo: Ai Generated)

अंकुर चतुर्वेदी / aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 20 अगस्त 2025,
  • अपडेटेड 9:52 PM IST

Rabies Death From Dog Saliva: सुप्रीम कोर्ट के दिल्ली-NCR में सभी आवारा कुत्तों को सड़कों से हटाकर डॉग शेल्टर होम भेजने के आदेश का लोग विरोध जता रहे थे. मगर इसी बीच एक ऐसी दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है कि हर कोई शॉक्ड है. कुत्ते के काटने से खतरनाक बीमारी और मौत की खबरें तो आपने कई बार सुनी होगी. मगर कुत्ते के महज चाटने से एक दो साल के मासूम की मौत ने तो सभी को हिलाकर रख दिया है. बदायूं के सहसवान इलाके में उस समय मातम पसर गया, जब अदनान नाम के 2 साल के बच्चे की मौत रेबीज से हो गई. जबकि बच्चे को कुत्ते ने काटा भी नहीं था, बस उसकी पुरानी चोट को चाटा था. लेकिन बस इसी लापरवाही ने बच्चे की जान ले ली.  

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कुत्ते ने 1 महीने पहले मोहम्मद अदनान के पैर के घाव को चाटा था और बच्चे में पानी से डरने और पीने से मना करने जैसे लक्षण सामने आए थे, जिन्हें हाइड्रोफोबिया कहते हैं. उसकी हालात बिगड़ने पर उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया था, जहां बच्चे ने अगले दिन दम तोड़ दिया. इस घटना से पूरे इलाके में दशहत फैल गई है और गांव के करीब दो दर्जन लोग एहतियातन अस्पताल पहुंचे और सभी को रेबीज का इंजेक्शन लगाया गया. डॉक्टरों की टीम ने गांव जाकर स्थिति की जांच की और लोगों को जागरूक किया कि कुत्ते के काटने या चोट को चाटने पर तुरंत चोट धोना और रेबीज वैक्सीन लेना जरूरी है.

डॉक्टर ने दी ये चेतावनी

इस घटना पर बदायूं जिला अस्पताल के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. प्रशांत त्यागी ने कहा कि ये घटना इस बात पर जोर देती है कि कुत्तों के काटने या चाटने को कभी हल्के में नहीं लेना चाहिए, क्योंकि इससे रेबीज होने का खतरा होता है. सिर्फ कुत्ते ही नहीं बल्कि बिल्ली और बंदर के काटने और चाटने पर फौरन रेबीज का टीका लगवाना चाहिए, इसको बिल्कुल भी अनदेखा या हल्के में नहीं लेना चाहिए. 

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रेबीज क्या है?

रेबीज एक ऐसी बीमारी है जो दिमाग और नर्वस सिस्टम को प्रभावित करती है. यह बीमारी वायरस के कारण होती है, जिसका नाम रैपटो वायरस है. जानवरों के काटने या चाटने से ये बीमारी इंसानों को फैलती है और ये जानलेवा भी हो सकती है.

कैसे फैलता है रेबीज?

रेबीज ज्यादातर संक्रमित जानवरों के काटने या खरोंचने से इंसानों में फैलता है. संक्रमित जानवरों में आमतौर पर कुत्ते, चमगादड़, लोमड़ी, और जंगली जानवर शामिल होते हैं, काटने या खरोंचने के अलावा, अगर संक्रमित जानवर का लार (Saliva) किसी खुले घाव या आंख, नाक और मुंह के रास्ते शरीर में चला जाए तो भी वायरस फैल सकता है.

क्यों खतरनाक है कुत्ते का लार से संपर्क?

कुत्ते की लार में रेबीज वायरस मौजूद हो सकता है जो घाव या म्यूकस मेम्ब्रेन (आंख, मुंह, नाक) के संपर्क में आने पर इंसान में संक्रमण फैला सकता है. ये संक्रमण अक्सर घाव पर काटने या चाटने से होता है. रेबीज तो वायरस से होता है, लेकिन कुत्ते के मुंह में कई तरह के बैक्टीरिया भी रहते हैं जो इंसानों में संक्रमण फैला सकते हैं. ये बैक्टीरिया अगर घाव, खरोंच या त्वचा के कटे हिस्से के संपर्क में आ जाएं तो गंभीर समस्या पैदा कर सकते हैं.

कुत्तों की लार में पाए जाने वाले बैक्टीरिया

  • पास्तुरेला मल्टोसिडा (Pasteurella multocida): पास्तुरेला मल्टोसिडा एक बहुत ही आम बैक्टीरिया है जो कुत्तों और बिल्लियों की लार में पाया जाता है. ये छोटे से घाव को भी गंभीर बना सकता है.
  • कैप्नोसाइटोफागा कैनिमॉरसस (Capnocytophaga canimorsus): कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोगों में खून का संक्रमण (सेप्सिस), बुखार और गंभीर बीमारी कर सकता है. 
  • स्टैफिलोकोकस ऑरियस (Staphylococcus aureus):चोट को संक्रमित करता है, कभी-कभी ये एमआरएसए नाम का खतरनाक एंटीबायोटिक-रेजिस्टेंट जीवाणु भी होता है.
  • स्ट्रेप्टोकोकस (Streptococcus): स्किन और गले के संक्रमण का कारण बनता है, घाव में सूजन और पस कर सकता है.
  • ऐनारोबिक बैक्टीरिया (Anaerobic bacteria): जैसे बैक्टेरॉइड्स और फ्यूसोबैक्टीरियम. ये गहरे घावों में पनपते हैं और मसल्स और  टिश्यू को सड़ा सकते हैं.
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