फैक्ट चेक : राम मंदिर पर आने वाली किसी फिल्म का नहीं, वाराणसी पर आधारित ‘मोहल्ला अस्सी’ का है ये सीन

सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें दावा किया जा रहा है कि यह राम मंदिर पर बन रही एक फिल्म का सीन है. वायरल हो रहे सीन में सनी देओल, साक्षी तंवर, रवि किशन और सौरभ शुक्ला जैसे मशहूर एक्टर दिखाई दे रहे हैं.

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आजतक फैक्ट चेक

दावा
ये वीडियो अयोध्या के राम मंदिर पर आने वाली नई फिल्म का सीन है.
सच्चाई
ये आठ साल पहले रिलीज हुई बनारस पर आधारित फिल्म है.

विकास भदौरिया

  • नई दिल्ली,
  • 21 जनवरी 2024,
  • अपडेटेड 2:59 PM IST

अयोध्या में 22 जनवरी को होने वाले राम मंदिर "प्राण प्रतिष्ठा" समारोह की तैयारियों के बीच सोशल मीडिया पर तमाम भ्रामक खबरें फैल रही हैं. इसी कड़ी में एक फिल्म के सीन  को शेयर करते हुए कहा जा रहा है कि ये राम मंदिर पर आने वाली नई फिल्म है. 

वायरल हो रहे सीन में सनी देओल, साक्षी तंवर, रवि किशन और सौरभ शुक्ला जैसे मशहूर एक्टर दिखाई दे रहे हैं. इस क्लिप को शेयर करते हुए एक यूजर ने लिखा, “अयोध्या राम मंदिर पर बनी न्यू मूवी part 2.” ऐसे ही एक पोस्ट के आर्काइव्ड वर्जन को यहां देखा जा सकता है. 

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इस फिल्म के और भी कई सीन कुछ ऐसे ही दावों के साथ सोशल मीडिया पर शेयर किए जा रहे हैं. 

आजतक फैक्ट चेक ने पाया कि वायरल क्लिप अयोध्या के मुद्दे पर बनी कोई हालिया फिल्म का सीन नहीं, बल्कि काशी नाथ सिंह के उपन्यास पर 2015 में बनी ‘मोहल्ला अस्सी’ फिल्म का है. 

कैसे पता लगाई सच्चाई?

कीवर्ड सर्च की मदद से हमें ये सीन यूट्यूब पर मिला, जिसे यहां ‘मोहल्ला अस्सी’ फिल्म का डायलॉग बताकर शेयर किया गया है. 

सर्च करने पर हमें ये पूरी फिल्म  यूट्यूब पर ही मिल गई. 

दरअसल, मोहल्ला अस्सी फिल्म साल 2015 में आई थी. ये फिल्म बनारस की रोजमर्रा जिंदगी और संस्कृति पर आधारित है. फिल्म मशहूर लेखक काशी नाथ सिंह के उपन्यास ‘काशी का अस्सी’ पर आधारित है. 

ये फिल्म सांप्रदायिकता के जहर, रूढ़िवादी परम्पराओं और धर्म के बाजारीकरण को भी दिखाती है. इसके अलावा, ये मण्डल कमीशन और बाबरी मस्जिद-राम मंदिर जैसे विषयों को भी छूती है. 

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चंद्रप्रकाश द्विवेदी के निर्देशन में बनी इस फिल्म को लेकर तब काफी विवाद  हुआ था. साल 2016 में ‘सीबीएफसी’ ने फिल्म पर बैन लगा दिया था. तीन साल बाद, 2018 में दिल्ली हाई कोर्ट ने इस फिल्म को 'ऐडल्ट' सर्टिफिकेट के साथ रिलीज करने की अनुमति दी. 

अयोध्या और राम मंदिर पर कई फिल्में  बन रही हैं, लेकिन ये उनमें से नहीं है. 

ये फिल्म राम मंदिर के संघर्ष को दूर से छूती जरूर है, लेकिन एक बात साफ है कि ये एक पुरानी फिल्म का सीन है जो बनारस की संस्कृति पर आधारित है. 

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