रोजगार के मुद्दे पर मोदी सरकार पर अक्सर सवाल उठते रहते हैं. विपक्ष सरकार को नौकरी को लेकर किये गए उनके वादों को याद दिलाता रहता है. अब इसी के चलते सोशल मीडिया पर 'आजतक' चैनल का एक स्क्रीनशॉट जमकर वायरल होने लगा है. स्क्रीनशॉट के मुताबिक पीएम मोदी ने कहा है कि उनकी सरकार ने कोरोना काल में लॉकडाउन के दौरान 150 करोड़ लोगों को रोजगार दिया. यूजर्स मोदी के इस कथित बयान पर चुटकी लेते हुए कमेंट कर रहे हैं कि लगभग 130 करोड़ की जनसंख्या वाले देश में सरकार ने 150 करोड़ लोगों को नौकरी कैसे दे दी. वायरल स्क्रीनशॉट को सच मानते हुए लोग मोदी की कड़ी आलोचना कर रहे हैं कि प्रधानमंत्री ने झूठ बोला. देश में बढ़ते कोरोना मामलों को ध्यान में रखते हुए इस स्क्रीनशॉट में दोबारा लॉकडाउन लगने की संभावना का भी जिक्र है.
इंडिया टुडे एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि वायरल स्क्रीनशॉट के साथ छेड़छाड़ की गई है. ना ही पीएम मोदी ने नौकरियों को लेकर ऐसा बयान दिया और ना ही 'आजतक' ने इस तरह की कोई खबर दिखाई है.
इस फर्जी स्क्रीनशॉट को फेसबुक पर काफी शेयर किया जा रहा है. तस्वीर को शेयर करते हुए यूजर्स कैप्शन में लिख रहे हैं "स्मेक , चरस गांजा सब एक साथ नशा करता है ये बच्चे बच्चे को मिला है रोजगार। PM केयर्स फण्ड का क्या हुआ? कितने पैसे जनता के ऊपर खर्च हुए?सबको खा गया नशा कर गया सबका". वायरल पोस्ट का आर्काइव यहां देखा जा सकता है.
खोजने पर सामने आया कि इस तस्वीर को 'आजतक' पर 8 अप्रैल को चली एक खबर के स्क्रीनशॉट के जरिये बनाया गया है. 'आजतक' पर ये खबर उस समय चल रही थी जब पीएम मोदी लाइव थे और कोरोना की विकराल स्थिति और वैक्सीनेशन पर बोल रहे थे. इसका वीडियो 'आजतक' के यूट्यूब चैनल पर मौजूद है.
वीडियो में 34.08 मिनट के बाद के एक कीफ्रेम को उठाकर फर्जी स्क्रीनशॉट बनाया गया है. वीडियो में देखा जा सकता है कि चैनल पर मोदी की "टीका उत्सव" मनाने की अपील के बारे में बताया जा रहा है. वायरल स्क्रीनशॉट जैसे दोबारा लॉकडाउन की संभावना वाली बात भी वीडियो में नहीं दिखती. बल्कि पीएम मोदी ने ये खुद कहा है कि अभी देश को सम्पूर्ण लॉकडाउन की जरूरत नहीं.
हमें ऐसी कोई खबर भी नहीं मिली जिसमें जिक्र किया गया हो कि मोदी ने रोजगार को लेकर इस तरह का कोई अजीबो गरीब बयान दिया है. अगर प्रधानमंत्री ऐसा दावा करते तो उसके बारे में कई खबरें इंटरनेट पर मौजूद होतीं. यहां हमारी पड़ताल में साबित हो जाता है कि वायरल स्क्रीनशॉट फर्जी है. एडिटिंग सॉफ्टवेयर की मदद से ऐसा दिखाने की कोशिश की गई है कि प्रधानमंत्री ने ये बेतुका बयान दिया है.
(सौरभ भटनागर के इनपुट के साथ)
अर्जुन डियोडिया