फैक्ट चेक: क्या गूगल मैप ने भारतीय नक्शे से एलओसी को हटा दिया है?

इस वायरल मानचित्र में पूरे जम्मू-कश्मीर एक साथ दिखाया गया है और इसमें पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर को अलग करने वाली नियंत्रण रेखा नहीं दिख रही है. ​इसके कारण ऐसा लग रहा है कि पाक अधिकृत कश्मीर अब भारत का हिस्सा है.

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आजतक फैक्ट चेक

दावा
गूगल मैप ने भारतीय नक्शे से एलओसी को हटा दिया है.
सच्चाई
गूगल मैप को भारत से देखने पर एलओसी दिखाई नहीं देती, लेकिन भारत के बाहर किसी अन्य देश से देखने पर यह दिखाई देती है.

अर्जुन डियोडिया

  • नई दिल्ली,
  • 11 मई 2020,
  • अपडेटेड 5:30 PM IST

भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने हाल ही में पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों के लिए मौसम का पूर्वानुमान जारी करना शुरू किया है. इसके बाद, भारत का एक गूगल मानचित्र सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमें नियंत्रण रेखा (LoC) नहीं दिख रही है.

इस वायरल मानचित्र में पूरे जम्मू-कश्मीर एक साथ दिखाया गया है और इसमें पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर को अलग करने वाली नियंत्रण रेखा नहीं दिख रही है. ​इसके कारण ऐसा लग रहा है कि पाक अधिकृत कश्मीर अब भारत का हिस्सा है. इस मानचित्र के साथ दावा किया जा रहा है कि गूगल ने एलओसी को भारत के नक्शे से हटा दिया है और जल्दी ही पीओके भारत का हिस्सा होगा.

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इंडिया टुडे के एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने पाया कि वायरल मानचित्र के साथ किया जा रहा दावा गलत है. अगर कोई व्यक्ति भारत के बाहर, किसी और देश से गूगल मैप देखता है, तो एलओसी दिखाई देगा. इसका कारण यह है कि गूगल मैप विवादित सीमाओं को पुनर्परिभाषित करता रहता है और यह इस पर निर्भर करता है कि गूगल मानचित्र किस जगह से देखा जा रहा है.

यह पोस्ट फेसबुक और ट्विटर पर खूब शेयर की जा रही है.

वायरल पोस्ट में गूगल मैप के साथ कैप्शन में लिखा है, “गूगल मैप ने LOC हटा दिया है… समय की बात है #POK हमारा होगा. अगर आपकी सहमति है तो दर्ज कराएं!”

पोस्ट का आर्काइव यहां देखा जा सकता है.

AFWA की पड़ताल

कीवर्ड्स सर्च की मदद से हमें “द वॉशिंगटन पोस्ट ” की एक रिपोर्ट मिली जिसमें कहा गया है कि भारत में गूगल मैप पूरे जम्मू-कश्मीर को पूरी तरह से भारतीय नियंत्रण में प्रदर्शित करता है. लेकिन अगर भारत के नक्शे को ही किसी दूसरे देश से देखा जाता है तो यह पीओके को जम्मू-कश्मीर से अलग करने वाली नियंत्रण रेखा भी दिखाता है.

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इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि बॉर्डर लाइन खींचने के लिए गूगल स्थानीय सरकारों और अन्य अधिकारियों से संपर्क करता है और कभी-कभी यह राजनीतिक दबाव में मैप को बदलता भी है. यह रिपोर्ट इसी साल फरवरी में छपी है.

AFWA ने वॉशिंगटन पोस्ट की इस रिपोर्ट के दावे की पुष्टि के लिए सिंगापुर से भारत के नक्शे को देखने के लिए VPN की मदद ली. सिंगापुर में जो गूगल मैप पर जो भारत का मानचित्र दिखता है उसमें एलओसी को अलग करके दिखाने वाली रेखा स्पष्ट दिखती है, लेकिन अगर वही मैप भारत से देखा जाता है, तो एलओसी दिखाई नहीं देती है.

“द वॉशिंगटन पोस्ट” की रिपोर्ट में दुनिया के दूसरे देशों के बीच सीमा विवाद का उदाहरण दिया है, जैसे क्रीमिया को लेकर रूस और यूक्रेन के बीच का विवाद. यहां भी गूगल विवादित नियंत्रण रेखा को इसी तरह से दिखाता है कि कोई उसे कहां से देख रहा है.

मैप को लेकर गूगल पॉलिसी कहती है कि गूगल “विवादित सीमाओं डैश से बनी एक ग्रे लाइन के रूप में प्रदर्शित करता है. इसमें शामिल जगहों को लेकर एक निर्धारित सीमा रेखा पर सहमति नहीं हैं.”

इस तरह पड़ताल से साफ है कि गूगल मैप में भारतीय नक्शे से एलओसी हटाने का दावा गलत है. अगर भारतीय नक्शे को किसी अन्य देश से गूगल मैप पर देखा जाए तो यह दिखाई देती है.

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