आप पहले से अनुमान लगा चुके होंगे कि ये ऑफर फर्जी है. लेकिन ये फर्जीवाड़ा करने वाली उन तमाम वेबसाइट्स में से एक नहीं है जो लालच देकर आपका व्यक्तिगत डाटा चुराना चाहती है. बल्कि इस 'जियो स्क्रैच कार्ड' का जाल ऐसा है कि कुछ जीतना तो दूर, आप सीधे 999 रुपये गवां सकते हैं.
क्या है 'जियो स्क्रैच कार्ड' ऑफर?
सोशल मीडिया और व्हाट्सऐप पर घूम रहा 'जियो स्क्रैच कार्ड' पहली नजर में एकदम असली लगता है. इस स्क्रैच कार्ड में जियो का लोगो और मुकेश अम्बानी की तस्वीर लगी है. लिखा है, जियो कंपनी के सात साल पूरे होने पर आपको 999 रुपये दिए जा रहे हैं.
जैसे ही आप ये गिफ्ट कार्ड स्क्रैच करेंगे, आपकी स्क्रीन पर एक मैसेज आपको 999 रुपये जीतने की बधाई देता है. इसके बाद ये आपको जीती हुई राशि अपने खाते में ट्रांसफर करने का ऑप्शन देता है. इस पर क्लिक करते ही, अगर आपके फोन में पेटीएम ऐप पहले से मौजूद है, तो वो खुल जाएगी. स्क्रैच कार्ड वाली वेबसाइट का आर्काइव यहां देखा जा सकता है.
आगे क्या होगा ये बताने से पहले अभी सिर्फ इतना बता दें कि ऐसा करने पर आपके खाते से पैसे चोरी होने का खतरा है. स्क्रैच कार्ड आजमाने का खतरा उठाए बगैर अगर आप जानना चाहते हैं कि आगे क्या होता है तो नीचे वीडियो में देख सकते हैं.
दरअसल, जो स्क्रैच कार्ड आपको दिखता है उसके पीछे एक ठगी करने वाली वेबसाइट छिपी हुई है. हालांकि इस वेबसाइट की नीली कलर स्कीम जियो की आधिकारिक वेबसाइट से काफी मिलती-जुलती है, लेकिन, गौर से देखा जाए तो इनमें कई अंतर देखे जा सकते हैं. अगर आप इस वेबसाइट के यूआरएल पर ध्यान दें, तो आपको कुछ अटपटा दिखेगा. सोचने वाली बात है कि जियो जैसी कंपनी अपने ऑफर के लिए “cartbag.xyz” जैसे अजीब नाम की वेबसाइट का इस्तेमाल क्यों करेगी.
साथ ही, इस वेबसाइट को कुछ इस तरह डिजाइन किया गया है कि ये केवल मोबाइल फोन पर ही ठीक से चलती है. अगर इसे कंप्यूटर पर खोला जाए तो पैसे ट्रासंफर करने वाला लिंक सही से काम नहीं करता. इसके दो कारण हैं — पहला, ज्यादातर लोग मोबाइल पर पेटीएम इस्तेमाल करते हैं, कंप्यूटर पर नहीं. और दूसरा ये कि मोबाइल के मुकाबले कंप्यूटर पर वेबसाइट के यूआरएल आदि की जांच करना आसान होता है. फर्जीवाड़ा करना वाला ये कतई नहीं चाहेगा.
लेकिन, ये 'cartbag.xyz' है क्या ?
इस वेबसाइट के बारे में "GoDaddy Whois" पर खोजबीन करने से पता चला कि “cartbag.xyz” नाम का डोमेन लगभग तीन महीने पहले 26 सितंबर, 2022 को बनाया गया था. अक्सर, ऐसी जालसाजी करने वाली वेबसाइट्स कुछ दिन चला कर बंद कर दी जाती हैं ताकि ठगी का पता न चल पाए.
खबरदार! लिंक पर क्लिक न करें
अगर आप पैसे ट्रांसफर करने वाले लिंक पर क्लिक करते हैं तो सबसे पहले आपके फोन में पेटीएम ऐप खुल जाएगा. ऐप पर राशि पहले से ही 999 रुपये लिखा होगा और उसके ठीक नीचे लिखा होगा "ट्रांसफर टू योर बैंक" - यानि अपने खाते में 999 रुपये पाएं. इस पर क्लिक करते ही ये आपका चार अंकों वाला यूपीआई पिन मांगेगा.
अगर भूल से भी आप यहां अपना पिन डाल देते हैं तो आप इनके जाल में फंस जाएंगे और आपके खाते से 999 रुपये किसी 'लक्खी मलिक' नाम के व्यक्ति को ट्रांसफर हो जाएंगे. ध्यान देने वाली बात ये है कि जब कोई आपके खाते में पैसे डालता है तो आपको अपनी यूपीआई पिन डालने की जरुरत नहीं होती. पिन सिर्फ पैसे भेजने के लिए और बैलेंस देखने के लिए डाला जाता है.
कौन है 'लक्खी मलिक'?
पेटीएम ऐप के पेमेंट विंडो में “8327049816@okbizaxis” यूपीआई आईडी देखी जा सकती है जो किसी 'लक्खी रिपेयर शॉप' के नाम है. नाम के साथ लगा ब्लू टिक बताता है कि इस यूजर ने केवाईसी प्रक्रिया पूरी कर रखी है.
यूपीआई आईडी में एक नंबर के आगे "@okbizaxis" लिखा हुआ है. रिजर्व बैंक के नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के मुताबिक, “@okbizaxis” एक फॉर्मेट है जिससे 'गूगल पे' ऐप पर यूपीआई आईडी बनाई जाती है. ‘गूगल पे’ पर इसे क्रॉस-चेक करने पर हमने पाया कि वाकई ये यूपीआई आईडी किसी 'लक्खी रिपेयर शॉप' से जुड़ी हुई है.
इसके बाद हमने पेटीएम और ट्रू कॉलर पर यूपीआई आईडी में लिखे नंबर '8327049816' की जांच की. हमने पाया कि ये पश्चिम बंगाल और अंडमान निकोबार सर्कल का वोडाफोन-आइडिया (VI) नंबर है. पेटीएम पर भी ये नंबर किसी 'लक्खी मलिक' नाम के व्यक्ति का ही बताया जा रहा है.
मजे की बात तो ये है कि इस साल जियो अपनी सातवीं सालगिरह मना ही नहीं रहा है. बल्कि 5 सितंबर 2022 को जियो ने छह साल पूरे किए हैं. जाहिर है, इस फर्जी स्कैच कार्ड से सिर्फ एक ही व्यक्ति ‘लकी’ हो रहा का है और वो है चालबाज - “लक्खी मलिक”.
ज्योति द्विवेदी / बालकृष्ण