2024 लोकसभा चुनाव में दो चरणों के मतदान बाकी हैं. इस बीच सोशल मीडिया पर गृह मंत्री अमित शाह का एक वीडियो खूब वायरल हो रहा है. वीडियो में वो कहते हैं, “मैं कहता हूं कि गारंटी का कोई मतलब नहीं है, ये चुनाव तक बोलते हैं फिर भूल जाते हैं.” सोशल मीडिया यूजर्स की मानें तो अमित शाह की ये टिप्पणी प्रधानमंत्री मोदी के लिए है.
वीडियो को शेयर करते हुए एक फेसबुक यूजर ने लिखा, “अमित शाह जी ने ही जुमले का अविष्कार किया था, अब बोल रहे हैं गारंटी का भी कोई मतलब नहीं है. ये चुनाव तक बोलते हैं फिर भूल जाते है, कुल मिलाकर ये प्रधानमंत्री की कुर्सी पर खुद कब्जा करना चाहते हैं. पहले जुमलेबाज़ के नाम से मोदी को फसाया, अब गारंटी की भी वाट लगा दी.” इस पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है.
आजतक फैक्ट चेक ने पाया कि वायरल वीडियो अधूरा है, असल में अमित शाह ने ये बयान पीएम मोदी के बारे में नहीं बल्कि कांग्रेस पार्टी के बारे में दिया था.
कैसे पता लगाई सच्चाई?
वायरल वीडियो के कीफ्रेम्स को रिवर्स सर्च करने पर हमें अमित शाह का एक इंटरव्यू मिला जिसे एएनआई के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर 15 मई 2024 को अपलोड किया गया था. अपने इस इंटरव्यू में अमित शाह पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर, कांग्रेस पार्टी अरविंद केजरीवाल-स्वाति मालीवाल, ममता बनर्जी और लोकसभा चुनावों समेत कई मुद्दों पर बात करते हैं.
एएनआई की संपादक स्मिता प्रकाश ने जब अमित शाह से चुनावों में कांग्रेस की गारंटियों के बारे में सवाल पूछा तो उन्होंने जवाब देते हुए कहा कि, “मैं अभी तेलंगाना गया था वहां की महिलाएं राह देख रही है कि हमारा 12 हजार रुपये कब आएगा, वहां के किसान दो लाख के कर्ज माफी की राह देख रहे हैं, वहां की बच्चियां स्कूटी की राह देख रही है जो प्रॉमिस राहुल जी ने किया था उनकी गारंटी थी, अब आप ढूंढो राहुल जी को."
स्मिता प्रकाश ने कहा कि दक्षिण में तो में चुनाव खत्म हो गए राहुल जी अब उत्तर में आ गए हैं. इसके बाद शाह वायरल वीडियो वाला बयान देते हैं. वो कहते हैं, "मगर दक्षिण में थे तब भी तो वह जाते थे, इसलिए मैं कहता हूं गारंटी का कोई मतलब नहीं है ये चुनाव तक बोलते हैं फिर भूल जाते हैं." कांग्रेस पार्टी पर की गई उनकी इस टिप्पणी को 25:35 के मार्क पर सुना जा सकता है.
इससे ये बात साबित हो जाती है कि वायरल क्लिप अधूरा है.
साफ है, चुनावों के दौरान गारंटी देकर बाद में भूल जाने वाला अमित शाह का बयान प्रधानमंत्री मोदी के लिए नहीं बल्कि कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी के लिए था.
फैक्ट चेक ब्यूरो