चीन भारत के घोर दुश्मन पाकिस्तान का वर्षों से सहयोगी देश रहा है. चीन न सिर्फ पाकिस्तान में भारी मात्रा में निवेश करता रहा है, बल्कि वैश्विक मंच पर लगातार उसका बचाव भी करता है. इसके अलावा चीन और भारत का आपस में सीमा विवाद भी है.
इस संदर्भ में सोशल मीडिया पर एक पोस्ट वायरल है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि भारत चीनी सामानों का मुख्य आयातक है और भारत को बीजिंग के साथ सभी तरह का व्यापार बंद कर देना चाहिए.
पोस्ट में एक उदाहरण देकर बताया गया है कि अमेरिका ने 1945 में जापान के हीरोशिमा और नागाशाकी में परमाणु बम गिराया था, इसलिए जापान ने देशभक्ति दिखाते हुए अमेरिका से सुई तक आयात करने से मना कर दिया.
इंडिया टुडे एंटी फेक न्यूज वॉर रूम (AFWA) ने अपनी पड़ताल में पाया कि ये दोनों ही दावे गलत हैं. 2018 में अमेरिका के लिए जापान चौथा सबसे बड़ा निर्यात बाजार था. इसके अलावा, भारत चीन से सामान आयात करने वाले देशों की सूची में सातवें नंबर पर रहा, अमेरिका इस सूची में नंबर एक पर है.
यह भ्रामक और गलत दावा 25 अगस्त को फेसबुक पेज ‘Dekh Bhai’ पर पोस्ट किया गया. पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है.
यह पोस्ट सोशल मीडिया पर 2017 से ही वायरल है और बहुत से यूजर्स ने शेयर की है.
AFWA की पड़ताल
यूनाइटेड स्टेट्स ट्रेड रिप्रजेंटेटिव की वेबसाइट खंगालने पर AFWA ने पाया कि अमेरिका ने 2018 में जापान को 120.4 बिलियन डॉलर का निर्यात किया, जिसमें विभिन्न सामान और सेवाएं शामिल हैं. जबकि इसी साल अमेरिका ने जापान से 177.1 बिलियन डॉलर का आयात भी किया. अगर हम 2019 की बात करें तो यूनाइटेड स्टेट्स सेंसस ब्यूरो की बेवसाइट कहती है कि जून, 2019 तक अमेरिका जापान को तकरीबन 37 बिलियन डॉलर का निर्यात कर चुका है.
पोस्ट में यह भी दावा किया गया है कि भारत चीन से आयात करने वाला सबसे बड़ा देश है. लेकिन Statista की रिपोर्ट कहती है कि अमेरिका चीन से आयात करने वालों की सूची में नंबर एक पर है. यह चीन के कुल निर्यात का 19.2 फीसदी आयात करता है, जबकि चीन के कुल निर्यात में भारत का हिस्सा मात्र 3.1 फीसदी है. इस तरह भारत चीन से आयात करने वालों की सूची में सातवें नंबर पर है.
इसलिए यह दावा पूरी तरह गलत है कि जापान ने अमेरिका से आयात करना बंद कर दिया है और चीन से आयात करने के मामले में भारत नंबर एक पर है.
अर्जुन डियोडिया