महाराष्ट्र के चंद्रपुर जिले में दो अलग-अलग घटनाओं में बाघ के हमले में एक किसान और तीन बैलों की मौत हो गई. इन घटनाओं से नाराज स्थानीय लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया और बाघ को पकड़ने व पीड़ितों को मुआवजा देने की मांग की. नवभारत टाइम्स की 28 अक्टूबर की एक रिपोर्ट के मुताबिक, चंद्रपुर में इस साल अब तक वन्य जीवों के हमलों में 37 लोगों की जान जा चुकी है.
इसी संदर्भ में सोशल मीडिया पर एक डराने वाला वीडियो वायरल हो गया है जिसमें इत्मीनान से बैठकर चाय पी रहे एक व्यक्ति पर एक बाघ अचानक हमला कर देता है.
ये वीडियो किसी सीसीटीवी की रिकॉर्डिंग जैसा लग रहा है और इसमें 31 अक्टूबर, 2025 की तारीख लिखी हुई है. इसमें कुर्सी पर बैठे व्यक्ति पर हमला करने के बाद बाघ उसे खींचकर ले जाता है.
एक एक्स यूजर ने वीडियो को शेयर करते हुए लिखा, "सीसीटीवी रिकॉर्डिंग at ब्राह्मपुरी फारेस्ट गेस्ट हाउस. (चंद्रपुर डिस्ट्रिक)".
पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है.
आजतक फैक्ट चेक ने पाया कि ये वीडियो AI जेनरेटेड है. ये किसी असली घटना को नहीं दिखाता. हालांकि चंद्रपुर में लोगों पर बाघ के हमलों की बात सच है.
कैसे पता लगाई सच्चाई?
वायरल वीडियो में ऐसी कई बातें हैं जिनसे इसके एआई से बने होने का पता चलता है. उदाहरण के तौर पर, जब कुर्सी पर बैठा शख्स बाघ के आने पर घबराकर उठ खड़ा होता है, तो उसका कुर्ता क्रीम कलर का दिखता है, लेकिन जब बाघ उसे घसीटते हुए ले जाने लगता है, तो कुर्ते का रंग सफेद हो जाता है. इसी तरह, जिस जगह पर ये आदमी बैठा है, वहां ढेर सारे पत्ते पड़े हैं. लेकिन जब बाघ भागते हुए वहां आता है और आदमी को ले जाता है, तो इतनी हलचल के बावजूद ये पत्ते जरा भी नहीं हिलते, मानों, जमीन से चिपके हुए हों.
हमें ओडिशा के रिटायर्ड फॉरेस्ट ऑफिसर सुशांत नंदा का एक एक्स पोस्ट मिला जिसमें उन्होंने लिखा है कि बाघ कभी भी इस तरह भोजन के लिए इनसान का शिकार नहीं करते हैं. उन्होंने लोगों से अनुरोध भी किया है कि इस तरह के फर्जी वीडियोज के चक्कर में न फंसें.
हमने हाइव मॉडरेशन नाम के एक टूल की मदद से इस वीडियो की जांच की. टूल ने इसके एआई से बने होने की 88.1 प्रतिशत संभावना जताई.
साफ है, एआई से बने एक वीडियो को चंद्रपुर में बाघ का हमला बताकर शेयर किया जा रहा है.
फैक्ट चेक ब्यूरो