रूसी सेना के लौटने के बाद खेरसान में कैसे हैं हालात? लोग क्यों बोले- पानी-बिजली नहीं, फिर भी हम खुश

खेरसान में एक बार फिर से यूक्रेनी सेना का नियंत्रण हो गया है. पिछले हफ्ते रूसी सेना ने खेरसान से वापसी का ऐलान किया था. हालांकि, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की का दावा है कि खेरसान से जाने से पहले रूसी सैनिकों ने इसे पूरी तरह तबाह कर दिया है. यहां न तो पानी है, न बिजली है और न ही इंटरनेट है.

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खेरसान से रूसी सेना के लौटने के बाद खुशी मनाते लोग. (फोटो-AP) खेरसान से रूसी सेना के लौटने के बाद खुशी मनाते लोग. (फोटो-AP)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 14 नवंबर 2022,
  • अपडेटेड 12:48 PM IST

आठ महीनों बाद यूक्रेन के खेरसान से रूसी सेना लौट गई है. अब फिर से वहां यूक्रेनी सैनिकों की वापसी होने लगी है. खेरसान में यूक्रेनी सैनिकों की वापसी पर वहां के लोग खुश हैं. फूल बरसाकर उनका स्वागत किया जा रहा है. 

खेरसान के स्थानीय निवासी खिरिस्तिना मत्सियूता ने न्यूज एजेंसी से कहा है कि 'शहर में जिंदगी फिर से आ गई है. ऐसा लग रहा था कि हम जिंदा लाश की तरह यहां रह रहे थे. लेकिन हमारे सैनिकों के वापस आने के बाद, शहर में हर तरफ खुशी है.'

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इस साल 24 फरवरी को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) ने यूक्रेन के खिलाफ जंग का ऐलान किया था. उन्होंने इसे 'सैन्य अभियान' बताया था. जंग की शुरुआत से खेरसान अहम इलाका रहा था. मार्च में रूसी सैनिकों ने यहां कब्जा कर लिया था. लेकिन अब रूसी सैनिकों की वापसी के बाद शहर खुश है.

खेरसान यूक्रेन के दक्षिणी इलाके में पड़ता है. रणनीतिक लिहाज से ये इलाका काफी अहम माना जाता है. ये वही इलाका है जिसेस क्रीमिया का रास्ता गुजरता है. क्रिमिया पर 2014 से रूस का कब्जा है. इस साल सितंबर में पुतिन ने खेरसान में जनमत संग्रह करवाया था और दावा किया था कि यहां 87 फीसदी रूस के साथ मिलना चाहती है. लेकिन दो महीने बाद ही खेरसान से वापसी ने रूस को तगड़ा झटका दिया है.

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यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की (Volodymyr Zelensky) ने रूसी सेना पर खेरसान में 'वॉर क्राइम' का आरोप लगाया है. जेलेंस्की ने दावा किया कि रूस ने खेरसान में 400 से ज्यादा वॉर क्राइम किए हैं. उन्होंने आरोप लगाते लगाते हुए कहा कि रूसी सैनिकों ने खेरसान पर खूब अत्याचार किए हैं. हमने अब तक वॉर क्राइम के 400 से ज्यादा मामले दर्ज किए हैं, क्योंकि सैनिकों और आम नागरिकों के शव मिल रहे हैं. जेलेंस्की ने दावा किया कि 226 बस्तियों-गांवों में एक लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं.

खेरसान में न बिजली, न पानी

रूसी सेना यहां से लौट तो गई है, लेकिन यहां न बिजली है और न ही पानी की कोई व्यवस्था. हालांकि, लोग खुश हैं. 

यहां रहने वाले एंड्री ने बताया, 'हमारा पास न बिजली है, न पानी है, न इलेक्ट्रिसिटी है, न कम्युनिकेशन का कोई साधन है और न ही गर्म करने की लिए कोई चीज. लेकिन यहां कोई रूसी भी नहीं है और इसलिए हम खुश हैं.' उन्होंने कहा कि यूक्रेनी सैनिक फिर यहां आ गए हैं और सब कुछ जल्द ही ठीक हो जाएगा.

स्थानीय अधिकारियों का कहना है कि शहर के ज्यादातर इलाकों में न तो बिजली है और न ही पानी. अधिकारी सेवाओं को बहाल करने का काम कर रहे हैं, लेकिन हालात अब भी 'बहुत कठिन' बनी हुई है.

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जेलेंस्की का दावा है कि खेरसान से लौटने से पहले रूसी सैनिकों ने यहां के इन्फ्रास्ट्रक्चर को बुरी तरह तबाह कर दिया है. उन्होंने ये भी दावा किया कि रविवार शाम तक दो हजार से ज्यादा विस्फोटकों को हटाया जा चुका है.

सैनिकों का स्वागत कर रहे लोग

8 महीने बाद खेरसान में फिर से यूक्रेनी सैनिकों की वापसी हुई है. यहां से रूसी सेना पूरी तरह से जा चुकी है और यूक्रेनी सैनिकों ने नियंत्रण हासिल कर लिया है. इससे लोग काफी खुश हैं. खेरसान के मुख्य चौराहे पर रविवार को लोगों ने यूक्रेनी झंडे लहराए.

सेना और वॉलेंटियर के यहां आने पर लोगों ने उनका स्वागत किया. 'यूक्रेन की जय' लिखे झंडे लहराए और उन पर फूल बरसाए.

लोगों के पास खाने-पीने का सामान भी नहीं है. लेकिन अब सेना के वॉलेंटियर इनकी मदद कर रहे हैं. उन तक खाने के पैकेट पहुंचा रहे हैं. यहां रहने वाले एक स्थानीय नागरिक ने कहा, 'मैं हर दिन टीवी में देखता था कि क्या हमारे सैनिकों ने रूसियों से हमें मुक्त करवा लिया. उस दिन मैंने टीवी नहीं देखी. शाम को कुछ लोग यूक्रेनी झंडे लेकर मेरे घर आए और मुझे पता चला कि शाम को ही रूसी सेना यहां से जा चुकी है.'

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वर्ल्ड सेंट्रल किचन ऑर्गनाइजेशन ने यहां अनाज, दाल, जैम और खाने-पीने से जुड़ी दूसरी चीजों के फूड पैकेट्स बनाए हैं और उन्हें खेरसान के अलग-अलग जिलों में बांट रहे हैं. संगठन से जुड़े एक वॉलेंटियर स्तानिस्लाव स्तोइकोव ने बताया कि लोग खाना ज्यादा ले रहे हैं, क्योंकि यहां कुछ भी नहीं था. 

तो क्या जंग खत्म होने की राह पर!

इस बारे में अभी कुछ नहीं कहा जा सकता. यूक्रेन से जंग लड़ते हुए रूस को 9 महीने से भी ज्यादा लंबा समय हो गया है. हालांकि, अब तक रूसी सेना को कोई बड़ी कामयाबी नहीं मिली है. खेरसान पर रूसी सेना की पकड़ मजबूत थी, लेकिन उसे भी छोड़ना पड़ा है.

हालांकि, खेरसान से रूसी सेना की वापसी को नई रणनीति के तौर पर भी देखा जा रहा है. अक्टूबर में ही पुतिन ने यूक्रेन जंग की कमान जनगर सर्गेई सुरोविकिन को सौंपी थी. जनरल सुरोविकिन ने पिछले हफ्ते रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु को बताया कि हमें अपने सैनिकों को बचाने की जरूरत है, ताकि उन्हें दूसरे मोर्चों पर लगाया जा सके.

यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की ने दावा किया है कि पूर्वी यूक्रेन के डोन्त्स्क में जंग अभी भी उतनी ही तेज है, जितनी पहले थी. रूसी सेना के हमलों में कोई कमी नहीं आई है. उन्होंने कहा कि हमारे सैनिकों का उत्साह और साहस चरम पर है और हम उन्हें अपने इलाकों में घुसने नहीं देंगे.

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