जंग का डरावना सच... बेगुनाह बच्चे बन रहे युद्ध के शिकार, इन 5 देशों में गंवाई सबसे ज्यादा जान

सिर्फ इजरायल-हमास जंग ही नहीं, बल्कि हालिया संघर्षों में बच्चों पर हमले बढ़ गए हैं. 10 सबसे खतरनाक कॉन्फ्लिक्ट जोन में सीरिया ऐसी जगह है, जहां होने वाली हर दूसरी मौत में एक बच्चा होता है.

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इजरायल-हमास जंग में सैकड़ों बच्चे मारे गए हैं. इजरायल-हमास जंग में सैकड़ों बच्चे मारे गए हैं.

सम्राट शर्मा

  • नई दिल्ली,
  • 19 अक्टूबर 2023,
  • अपडेटेड 1:55 PM IST

Israel-Hamas War: इजरायल और हमास के बीच चल रही जंग में 17 अक्टूबर को गाजा के एक अस्पताल पर बड़ा हमला हुआ. इस हमले में 500 लोगों के मारे जाने का दावा किया गया है. हालांकि, अब तक इस बात पर विवाद बना हुआ है कि ये हमला किसने किया? 

बहरहाल, इस जंग में बच्चे बुरी तरह प्रभावित हुए हैं. इजरायल और फिलिस्तीन दोनों ही जगह बड़ी संख्या में बच्चों की मौत हुई है. सोशल मीडिया पर कई तस्वीरें और वीडियो वायरल हो रहे हैं. 

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फिलिस्तीन के स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, गाजा पट्टी में कम से कम 2,778 फिलिस्तीनियों की मौत हुई है, जिनमें 724 बच्चे हैं. करीब 10 हजार लोग घायल हुए हैं और इनमें से लगभग ढाई हजार बच्चे हैं.

वहीं, इजरायल के इतिहास में ये अब तक का सबसे घातक हमला है. इस हमले में करीब 1,400 लोग मारे गए हैं, साढ़े 3 हजार घायल हुए हैं और 200 नागरिकों को हमास के लड़ाकों ने बंधक बना लिया है. हालांकि, इजरायली सरकार ने बच्चों को लेकर कोई आंकड़ा जारी नहीं किया है.

सात अक्टूबर को जंग शुरू होने के बाद से इजरायल और फिलिस्तीन में बच्चों के खिलाफ बड़े पैमाने पर गंभीर उल्लंघन की जानकारियां सामने आई हैं. बच्चों की हत्या, अपंगता और किडनैपिंग की रिपोर्ट है. 

ऐसा नहीं है कि इसी जंग में बच्चों को टारगेट किया जा रहा है. बल्कि हर संघर्ष या जंग में बच्चों को निशाना बनाया जाता है. मौजूदा समय में 10 सबसे खतरनाक कॉन्फ्लिक्ट जोन में सीरिया ऐसा देश है, जहां मरने वालों में हर दूसरा बच्चा होता है.

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सोमालिया में हर तीन मौतों में से एक बच्चे की होती है. माली और बुर्किना फासो में हर छह मरने वालों में से एक और कॉन्गो में हर आठ मरने वालों में एक बच्चा होता है.

हालिया सालों में बच्चे और भी ज्यादा सॉफ्ट टारगेट हो गए हैं, क्योंकि दुनियाभर में संघर्ष बढ़ रहे हैं. इस वजह से मौतें भी बढ़ गई हैं. 2022 में करीब 2.38 लाख मौतें हुई थीं. ये आंकड़ा 28 साल में सबसे ज्यादा है.

सबसे ज्यादा मौतें इथियोपिया, यूक्रेन, मेक्सिको, कॉन्गो, माली, यमन, सोमालिया, नाइजीरिया और म्यांमार में हुईं.

कुछ चौंकाने वाले आंकड़े

1. 'सेव द चिल्ड्रन' संगठन के मुताबिक, 2013 से 2017 के बीच 10 सबसे खतरनाक कॉन्फ्लिक्ट जोन में कम से कम साढ़े पांच लाख नवजात मारे गए हैं.

2. जब पांच साल से कम उम्र के सभी बच्चों को शामिल किया गया तो बच्चों की मृत्यु दर बढ़कर 8.7 लाख हो गई.

3. यूनिसेफ के आंकड़ों के मुताबिक, 2005 से 2022 के बीच सशस्त्र बलों या संगठनों ने एक लाख से ज्यादा बच्चों को भर्ती किया है.

4. 'सेव द चिल्ड्रन' का कहना है कि 2021 में हर दिन औसतन 22 बच्चे या तो मारे गए या फिर अपंग हो गए.

इजरायल और फिलिस्तीन के बीच दशकों से संघर्ष चल रहा है. इस संघर्ष में दोनों ओर के हजारों बच्चों मारे गए हैं.

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इजरायली इन्फोर्मेशन सेंटर फॉर ह्यूमन राइट्स के मुताबिक, फिलिस्तीन में जिन 2,270 बच्चों की मौत हुई है, उनमें से 334 की उम्र पांच साल से भी कम थी. इसी दौरान इजरायल में पांच साल से कम उम्र के 33 बच्चों की मौत हुई है.

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