महिलाओं से दूरी कैसे हेट मूवमेंट में बदल गई, क्या अमेरिका Incel को घरेलू आतंकवाद मानने की तैयारी में?

साल 2025 में जो शब्द इंटरनेट पर सबसे ज्यादा खोजे गए, उनमें इन्सेल (Incel) भी एक रहा. यह टर्म ऐसे लोगों के लिए है, जो चाहते हुए भी महिला साथी नहीं खोज पाते. ऐसे लोगों ने ऑनलाइन समूह बना लिए जो धीरे-धीरे हेट ग्रुप में बदल गए. ये इतने खतरनाक हैं कि रूस जैसे कई देशों में इनपर प्रतिबंध लगने लगा.

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 इन्सेल से जुड़ी हिंसा और आतंकी हमलों के बड़े उदाहरण अमेरिका और कनाडा में मिल चुके. (Photo- Unsplash) इन्सेल से जुड़ी हिंसा और आतंकी हमलों के बड़े उदाहरण अमेरिका और कनाडा में मिल चुके. (Photo- Unsplash)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 09 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 2:04 PM IST

साल 2025 बीतने को है. इससे पहले तमाम ट्रेडिंग चीजों के बीच शब्दों की भी बात होती है, जो गूगल पर ज्यादा सर्च किए गए. इन्हीं में से एक टर्म है इन्सेल (Incel). यह शब्द उनके लिए इस्तेमाल होता है जो महिलाओं को आकर्षित नहीं कर पाते और अनचाहे ही उनसे दूर हो जाते हैं. अकेले पड़े पुरुषों ने मिलकर ऑनलाइन बिरादरी बना ली, जो महिलाओं को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करता है. यह बाकायदा ऑनलाइन अभियान बन चुका.

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तो आखिर इन्सेल है क्या

इन्सेल वे पुरुष हैं जो खुद को इनवॉलंटरी सेलिबेट यानी अनचाहे ही अविवाहित या बिना रिलेशनशिप का पाते हैं. यह ऑनलाइन ग्रुप है. इस सोच वाले कई पुरुष महिलाओं से गहरी नाराजगी रखते हैं. उन्हें लगता है कि उनके जीवन में प्यार की कमी के लिए महिलाएं जिम्मेदार हैं. वे यौन संबंधों को भी अपना हक मानते हैं, फिर महिलाएं ये चाहें या न चाहें. इन्हीं में से एक चरमपंथी हिस्सा महिलाओं के खिलाफ हिंसा की वकालत भी करता है, हालांकि सारे वैसे नहीं. 

इस मूवमेंट की शुरुआत 1990 के दशक में हुई थी. शुरुआत में यह कोई नफरती ग्रुप नहीं था, बल्कि कनाडा की एक महिला ने एक वेबसाइट बनाई थी, जहां ऐसे लोग अपने अनुभव रख सकें जिन्हें रिश्ते बनाने में दिक्कत होती थी. इनवॉलंटरी सेलिबेट शब्द यहीं पर आया था. 

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इन्सेल समूहों की शुरुआत अकेलापन साझा करने की सोच के साथ हुई थी. (Photo- Pixabay)

जल्द ही ये कम्युनिटी बढ़ने लगी. इससे पुरुष ज्यादा जुड़ने लगे. वक्त के साथ इसकी टोन बदली. पुरुषों ने अपनी निजी परेशानियों और रिश्तों के टूटने का दोष महिलाओं पर डालना शुरू किया. ऑनलाइन फोरम में हेट स्पीच बढ़ती चली गई. पिछले दो दशकों में सोशल मीडिया साइट्स पर इन्सेल ज्यादा सक्रिय हो गए.

चूंकि ये समूह इमोशन्स बांटने के नाम पर काम करते हैं तो तुरंत इनकी गतिविधियां समझ नहीं आतीं. इनमें भी एक्सट्रीमिस्ट होते हैं, जो पहचान छिपाकर भी काम करते हैं. ये नाराजगी को हिंसक रूप देने के लिए बाकी मॉडरेट सदस्यों को भी उकसाते रहते हैं और इसपर सुझाव भी देते हैं कि हमले कैसे किए जाएं. 

ऐसी कुछ घटनाएं 

- साल 2018 में एक कनाडाई युवक, जो खुद को इन्सेल बताता था, ने वैन चढ़ाकर लोगों को कुचल दिया. हमले से पहले उसने इन्सेल विचारधारा को सपोर्ट किया था. 

- अमेरिका में 22 साल के युवक ने महिलाओं पर गोलीबारी की. उसने भी पहले इन्सेल समर्थन में वीडियो बनाया था. 

- जर्मनी में एक व्यक्ति, जो ऑनलाइन इन्सेल फोरम पर सक्रिय था, ने महिलाओं को निशाना बनाने की कोशिश की, हालांकि वो पकड़ा गया. 

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अमेरिकी एजेंसियां इन्सेल मूवमेंट को घरेलू आतंकवाद मानने पर जोर दे रही हैं. (Photo- AP)

इन्सेल समुदाय इंटरनेट पर तेजी से फैला. कई देशों में इसे महिलाओं के लिए नफरत, ऑनलाइन ट्रोलिंग, धमकियों और हिंसा को बढ़ावा देने वाला माना गया.  हिंसक घटनाएं भी होने लगीं, जिसके बाद सरकारों ने ऐसे ऑनलाइन समूहों पर कड़े कदम उठाए. 

- तुर्की ने इन्सेल समूहों को खतरनाक मानते हुए उन ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स को ब्लॉक कर दिया जहां इन्सेल कम्युनिटी सक्रिय थी. वहां कई इन्सेल फोरम पर साइबर-बुलिंग और यौन शोषण से जुड़ी चीजें भी मिली थीं.

- रूस ने भी सोशल और चैट प्लेटफॉर्म्स पर प्रतिबंध लगा रखा है जहां इन्सेल समुदाय एक्टिव दिखा. मॉस्को ने ऐसे कंटेंट को चरमपंथी और समाज के लिए खतरा मानते हुए कई और एक्शन भी लिए.

अमेरिकी एजेंसियां घरेलू आतंकवाद की तरह देख रहीं

ऐसे कई हमले झेल चुके अमेरिका में इन्सेल हिंसा को अब घरेलू आतंकवाद के दायरे में डालने की बात हो रही है. हालांकि इसे आधिकारिक रूप से आतंकवादी संगठन नहीं घोषित किया गया, लेकिन सुरक्षा एजेंसियां जैसे FBI और होमलैंड सिक्योरिटी इसे डोमेस्टिक टैरर थ्रेट की तरह देखने लगे हैं. माना जा रहा है कि ऑनलाइन रेडिकलाइजेशन हो रहा है, जहां पुरुष महिलाओं और समाज के लिए नफरत से भरते जाते हैं और सब खत्म करने को तुल जाते हैं. चूंकि पिछले दशकभर में यूएस में ऐसी कई घटनाएं हुई, लिहाजा इसे आतंकवाद की श्रेणी में रखने की मांग तेज हो चुकी है.

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वहां ऐसी हिंसा पर संघीय घरेलू आतंकवाद कानून के तहत खुद FBI कार्रवाई करने लगी है. वहीं, अगर कोई समूह या शख्स महिलाओं के खिलाफ हिंसा फैला रहा या धमकी दे रहा है, तो इसे स्टेट लेवल हेट क्राइम भी माना जा सकता है, जैसे ऑनलाइन धमकियां या टारगेटेड हमले.

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