लगभग तीन साल पहले चीन से एक तस्वीर वायरल हुई थी. गले में चेन से बंधी हुई एक युवती, जिसे शादी के लिए तस्कर किया गया था. दक्षिणपूर्वी चीन में बरामद हुई युवती को नाम दिया गया- लिटिल प्लम फ्लावर. लड़की की कहानी पुरानी चीनी कहानियों से मिलती-जुलती थी, जहां उसे जबरन दुल्हन बनाया जा रहा था. युवती को बेहद ठंड में भी एक खुले कमरे में रखा गया था, जहां से उसे आते-जाते लोग देख सकें और पसंद आ जाए तो शादी के लिए खरीद सकें.
अमेरिकी मानवाधिकार संगठन ह्यूमन राइट्स वॉच के मुताबिक चीन ने मामले को ढांपने की भरसक कोशिश की थी, लेकिन लंबे समय तक तूफान मचा रहा. अब एक बार फिर ब्राइड ट्रैफिकिंग चर्चा में है. ढाका स्थित चीनी दूतावास ने खुद एडवायजरी निकालते हुए अपने लोगों को क्रॉस-बॉर्डर शादियों से बचने कहा है.
चीन में ऐसा क्या हो रहा है जो वहां के लड़कों को रिश्ते के लिए लड़कियां नहीं जुट रहीं. और क्या इसी वजह से चीनी युवक दूसरे देशों से दुल्हन खरीद रहे हैं? ये समझने से पहले एक बार तीन साल पहले वायरल हुई लिटिल प्लम फ्लावर की कहानी को थोड़ा और डिटेल में पढ़ते चलें. यांग सरनेम की युवती चीन के युन्नान प्रांत की थी.
नब्बे के दशक में दो बार चीन के भीतर ही उसकी दुल्हन की तरह खरीद-फरोख्त हुई. हाल में इतने सालों बाद एक बार फिर उसे डिस्प्ले के लिए खुले कमरे में रखा गया था ताकि खरीदार उसे देख-परख सकें. इंटरनेशनल एनजीओ और थिंक टैंक ह्यूमन राइट्स वॉच का आरोप है कि मामला वायरल होने पर सरकार ने उसपर लीपापोती करनी चाही. यहां तक कि खोजबीन कर रहे अपने ही नागरिकों को भी परेशान किया.
इसके तुरंत बाद एक और मामला आया. शान्शी प्रांत में एक पुरुष ने कथित तौर पर एक बेघर स्त्री को अगवा किया और उससे जबरन शादी कर ली. युवती भाग न जाए, इसके लिए उसे लगातार पिंजरे में रखा गया. ये वीडियो इंटरनेट से डिलीट हो चुका.
चीन में ब्राइड ट्रैफिकिंग काफी गंभीर समस्या है. साल 2019 में चीन की पुलिस ने जॉइंट छापेमारी में 1100 महिलाओं को बचाया था. वियतनाम, लाओस, कंबोडिया और म्यांमार ये आई युवतियां शादी के मकसद से लाई गई थीं. एक अनुमान के मुताबिक, चीन में 30 मिलियन से ज्यादा पुरुषों को शादी के लिए लड़कियां नहीं मिल पा रहीं. इसी पुल को पाटने के लिए अब विदेशों से लड़कियों की तस्करी हो रही है.
कहां गायब हो गई लड़कियां
चीन में दशकों तक वन-चाइल्ड पॉलिसी रही. आबादी पर काबू के लिए सरकारी दबाव बहुत ज्यादा था. ऐसे में लड़के की इच्छा रखने वाले परिवार गर्ल-चाइल्ड की भनक पाते ही अबॉर्शन करवाने लगे. ये 35 सालों तक चला रहा. जब तक बीजिंग को अंदाजा हुआ कि आबादी कंट्रोल करने की धुन उसे कहां ले आई, बहुत देर हो चुकी थी. सेक्स-रेश्यो बुरी तरह से गड़बड़ाया हुआ था. साल 2000 में हर 100 लड़कियों पर 121 लड़के थे.
अब सरकार शादी और ज्यादा से ज्यादा बच्चों को जन्म देने पर जोर दे रही है. लेकिन बची-खुची युवतियां ही बिदक चुकीं. वे शादी और बच्चों की बजाए करियर चुन रही हैं. ऐसे में बहुत से पुरुष, जो शादी करना चाहते हैं, वे अकेले छूट रहे हैं. ये आबादी इतनी ज्यादा है कि चीन में उन्हें shengnan shidai यानी बचे-खुचे पुरुष कहा जाने लगा. अनुमान है कि अगले कुछ सालों में 50 मिलियन चीनी युवक दुल्हन नहीं खोज सकेंगे.
अपने देश में हारे हुए युवक विदेशी दुल्हनों की तरफ जाने लगे. बहुत सी एजेंसियां बन गईं, जो एशियाई गरीब देशों को टारगेट करती हैं. वहां से लड़कियां काम और अच्छे पैसों का लालच देकर चीन लाई जाती हैं और फिर भारी कीमत पर बेच दी जाती हैं. लंबे समय तक इंतजार के बाद मोटी रकम खर्च कर चुके युवकों को डर रहता है कि खरीदी हुई लड़की कहीं भाग न जाए. ऐसे में वे उसे घर में बंद करके रखते हैं, जब तक कि कई बच्चे न हो जाएं.
किन देशों से हो रही सप्लाई
अवैध क्रॉस बॉर्डर ट्रैफिकिंग के लिए एशिया के लगभग सारे गरीब देश या ऐसे देश टारगेट किए जा रहे हैं, जिनका खानपान और कल्चर कुछ-कुछ चीन जैसा हो. यूके होम ऑफिस का फरवरी 2025 का डेटा कहता है कि वियतनाम से गायब हुई 75% लड़कियां शादी के लिए चीन लाई गईं. म्यांमार, कंबोडिया, लाओस के अलावा अब पाकिस्तान और बांग्लादेश से भी लड़कियों की ट्रैफिकिंग हो रही है.
चीन खुद अपने यहां बूढ़ी होती आबादी से डरा हुआ है और शादी-बच्चों पर जोर दे रहा है. यही वजह है कि विदेशी शादियों पर उसका कोई खास एतराज नहीं, जब तक कि तस्करी का मामला साबित न हो जाए. या फिर केस चर्चा में न आ जाए. वैसे फॉरेन ब्राइड आने पर शादी के रजिस्ट्रेशन के अलावा दोनों पक्षों को सिविल अफेयर्स ब्यूरो में मिलना होता है ताकि अपनी बात रख सकें. साथ ही मैरिज ब्यूरो भी विदेशी दुल्हनों की बात नहीं कर सकते. न ही निजी स्तर पर कोई शख्स फॉरेन ब्राइड लाने के लिए किसी को कोई रकम दे सकता है.
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