यूनाइटेड नेशन्स को दुनिया में मानवाधिकार पर काम करने वाली सबसे बड़ी संस्था माना जाता है. इसके कई विभाग हैं, जिनपर अलग-अलग जिम्मा रहा. कोई महिलाओं पर बात करता है, कोई सेहत पर. यूनाइटेड नेशन्स सिक्योरिटी काउंसिल भी है, जिसका काम शांति बनाए रखना है. लेकिन बीते कुछ समय से इसकी ताकत पर सवाल उठने लगे. रूस-यूक्रेन युद्ध के समय उम्मीद की गई कि यूएन दखल देकर लड़ाई रोक लेगा, लेकिन डेढ़ साल बाद भी मामला वहीं का वहीं है. अब यूएन महासचिव एंटोनियो गुटेरेस भी अपने बयान को लेकर कटघरे में हैं.
ऐसा क्या कहा गुटेरेस ने
सिक्योरिटी काउंसिल की बैठक में उन्होंने शांति की अपील करते हुए कह दिया कि हमास ने इजरायल पर बेवजह हमला नहीं किया है. फिलिस्तीन के लोग पिछले 56 सालों से घुटन में जी रहे हैं. उनके घर और काम छिन गए. हालांकि गुटेरेस ने इसके साथ और भी बहुत सी बातें कीं, लेकिन इजरायल को उनकी बात में आतंकियों के लिए हमदर्दी दिख गई.
इजरायल का क्या रहा रिएक्शन
वहां के विदेश मंत्री एली कोहेन ने UN चीफ के साथ मिलने का अपना प्लान रद्द कर दिया. उन्होंने हमास को ISIS से भयंकर बताते हुए करते हुए कहा कि 14 सौ लोगों को बर्बरता से मारा गया है. औरतों का रेप हुआ. बच्चों का सिर काटा गया. हमास नए नाजी हैं. इसके बाद भी गुटेरेस सीजफायर की बात कर रहे हैं. इस बात को सोशल प्लेटफॉर्म X पर भी लिखते हुए कोहेन ने कहा कि 7 अक्टूबर को जो हत्याएं हुईं, इसके लिए संतुलन जैसी कोई बात नहीं होगी.
हो रही है इस्तीफे की मांग
अब इजरायल यूएन प्रमुख से इस्तीफे की मांग कर रहा है. इस लड़ाई में दूसरे देश भी शामिल हो गए. यूके के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक के प्रवक्ता ने कहा कि हमास के बर्बर हमले पर किसी तरह की कोई दलील नहीं दी जानी चाहिए.
विवाद बढ़ने के बाद गुटेरेस ने सफाई दी
उन्होंने कहा कि उनके बयान को गलत तरीके से लिया गया. हालांकि सफाई के बीच भी गुटेरेस ने इजरायल की भावनाएं आहत करने पर माफी नहीं मांगी. इसपर नाराजगी और बढ़ी हुई है. ये तो हुआ ताजा मामला, लेकिन पहले भी गुटेरेस विवादों में घिर चुके हैं.
UN में यौन शोषण के मामले बढ़े
गुटेरेस पर सबसे गंभीर आरोप साल 2019 में लगा था. वे यौन शोषण के आरोपी को सपोर्ट करने और प्रमोशन देने के लिए घेरे में आ गए थे. असिस्टेंट सेक्रेटरी जनरल फेब्रिजियो ड्रमंड पर यौन शोषण को लेकर जांच चल रही थी, इसी बीच गुटेरेस ने उन्हों प्रमोट कर दिया. हल्ला मचने पर सफाई में उन्होंने कहा कि वे ऑलरेडी प्रमोशन दे चुके थे, जिसके बाद उन्हें इस बारे में पता लगा.
सफाई के बाद भी यूएन की काफी सारी महिला सदस्यों ने एतराज जताया था. उनका कहना था कि इतने ऊंचे पद पर बैठे शख्स को क्या इतना भी नहीं पता होता है कि जिसे वे तरक्की दे रहे हैं, उसपर कितने गंभीर आरोप लगे हुए हैं. कथित तौर पर ये भी पाया गया कि प्रमोशन से महीनेभर पहले ही फेब्रिजियो की जूनियर कर्मचारी ने उनपर यौन शोषण का इलजाम लगाया था.
हर 3 में से 1 यौन शोषण का शिकार
गुटेरेस साल 2017 में यूएन चीफ बने. इसके बाद से सेक्सुअल हैरासमेंट के मामले कथित तौर पर बढ़े. साल 2019 में हुआ सर्वे कहता है कि वहां काम करने वाली हर 3 में से 1 महिला का बीते दो सालों में किसी न किसी तरह से शोषण हुआ.
ये ऑनलाइन सर्वे डिलॉइट ने किया था, जिसमें यूएन में काम करने वाले 30 हजार से ज्यादा लोग शामिल हुए. 'सेफ स्पेस सर्वे रिपोर्ट' नाम से इस सर्वे में दावा किया गया कि 38 प्रतिशत से ज्यादा महिलाओं का वर्कप्लेस पर यौन शोषण हुआ.
गुटेरेस पर कब-कब लगे आरोप
- चीन में उइगरों पर हिंसा के मामले में वे लगातार चुप्पी साधे रहे. यहां तक कि चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की तारीफ भी करते रहे.
- सऊदी अरब के पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या पर यूएन चीफ से उम्मीद की गई कि वे जांच कमेटी बिठाएंगे, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ.
- सीरिया में केमिकल वेपन्स के इस्तेमाल की बात आ रही थी, लेकिन इसपर भी यूएन ने कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया.
- पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने देश में मुस्लिमों की एंट्री बैन करने की बात कही. इसपर गुटेरेस का बयान काफी बाद में आया.
- अफ्रीकन यूनियन की बैठक के दौरान गुटेरेस ने तत्कालीन सूडानी राष्ट्रपति उमर हसन के साथ तस्वीरें खिंचवाईं, जबकि उमर पर वॉर क्राइम्स का आरोप था, और इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट उनकी तलाश में थी.
दूसरे लीडरों की तुलना में कमजोर कहलाते रहे
गुटेरेस की उनसे पहले के यूएन प्रमुखों से तुलना होती रही. अमेरिकी इतिहासकार स्टीफन शेलसिंगर ने अपनी किताब 'एक्ट ऑफ क्रिएशन: फाउंडिंग ऑफ यूनाइटेड नेशन्स' में दावा किया कि काबिल होने के बाद भी गुटेरेस पिछले लीडर्स जैसे मजबूत नहीं रहे. खासकर वे सिक्योरिटी काउंसिल के सदस्य देशों- अमेरिका, ब्रिटेन, चीन, रूस और फ्रांस पर किसी भी तरह की रोक-टोक से बचते रहे.
गुटेरेस कैसा काम कर रहे हैं, इसपर इंटरनेशनल सेंटर फॉर रिसर्च ऑन वीमन ने लगातार कई सालों तक रिपोर्ट कार्ड तैयार किया. पहले साल यानी 2017 में उन्हें सी+ मार्क्स मिले. इसके बाद वे लगातार बी- पर अटके रहे. ये सालाना रिपोर्ट ऑनलाइन भी उपलब्ध है.
क्या इस्तीफा मांगा जा सकता है
यूएन महासचिव गुटेरेस से इस्तीफे की मांग हो रही है. इजरायल से पहले सोशल मीडिया पर भी इस तरह की ट्रोलिंग हो रही थी, जब युद्ध रोकने में नाकामयाबी का ठीकरा यूएन के सिर फोड़ दिया गया. इस्तीफे की डिमांड अलग बात है, लेकिन यूएन के इतने बड़े पद पर बैठे शख्स से जबरन इस्तीफा नहीं लिया जा सकता.
जनरल असेंबली ही कर सकती है पहल
गुटेरेस को जनरल असेंबली ने चुना है, जिसके पीछे सिक्योरिटी काउंसिल की सहमति है. सिक्योरिटी काउंसिल के पांचों देश दुनिया की महाशक्तियां हैं. ऐसे में जब तक वे राजी नहीं होंगे, इस तरह की कोई कार्रवाई नहीं की सकती, जब तक कि यूएन प्रमुख खुद ही रिजाइन न कर दें.
aajtak.in