एजेंडा आजतक 2025 के मंच पर जयदीप अहलावत ने अपनी आने वाली फिल्म 'इक्कीस' के बारे में खूब बातें कीं. शहीद अरुण खेत्रपाल की बायोपिक में जयदीप महत्वपूर्ण किरदार निभा रहे हैं. इस फिल्म में बॉलीवुड लेजेंड, स्वर्गीय एक्टर धर्मेंद्र ने अरुण के पिता का किरदार निभाया है. जयदीप ने धर्मेंद्र के साथ काम करने के अनुभव भी शेयर किए और उनके किस्से सुनाए.
'इक्कीस'में ये किरदार निभा रहे हैं जयदीप
जयदीप ने 'इक्कीस' के पीछे मकसद बताते हुए कहा कि मेकर्स नई पीढ़ी तक शहीद अरुण खेत्रपाल की कहानी पहुंचाना चाहते हैं. उन्होंने अपने किरदार के बारे में ज्यादा डिटेल्स तो नहीं रिवील कीं. पर एक हिंट देते हुए उन्होंने कहा कि वो उस व्यक्ति का किरदार निभा रहे हैं, जो अरुण खेत्रपाल की आखिरी लड़ाई में उनके सामने था. उन्होंने बताया कि वो बचपन से फौजी बनना चाहते थे. ये चस्का उन्हें हरियाणा में अपने साथी लड़कों को देखकर लगा था.
जब धर्मेंद्र ने लिया जयदीप का ड्राइविंग टेस्ट
जयदीप ने कहा कि वो बहुत लकी हैं जो उन्हें धर्मेंद्र के साथ फिल्म करने का मौका मिला. वो बोले, 'कभी सोचा नहीं था कि ये उनकी आखिरी फिल्म होगी. मैं जब प्रोजेक्ट पर आया तो बहुत खुशी थी. मेरे पापा उनके बहुत बड़े फैन थे. मैंने उन्हें मिलवाया भी. मैंने अपने बाप को कभी इतना नर्वस, इतना फैन-बॉय की तरह नहीं देखा.'
'इक्कीस' में उनके बहुत सारे सीन्स धर्मेंद्र के साथ हैं. उन्होंने कहा, 'वो एकदम बच्चों की तरह थे, हमेशा एनर्जी से भरे हुए. पूरे सेट को वो इतना प्यार देते थे. मैं बहुत लकी रहा कि उनके अधिकतम सीन मेरे साथ रहे. उनके साथ काम करने की यादें मेरे जीवन की एक धरोहर हैं. उनसे चाहे जीतने किस्से सुन लो.'
जयदीप अहलावत ने धर्मेंद्र के किस्से भी सुनाए. वो बोले, 'एक सीन था जिसमें हमें कहीं पहुंचना था. जगह थोड़ी मुश्किल थी, गलियां तंग थीं, वहां रिवर्स करना पॉसिबल नहीं होता था. मैं ठीकठाक ड्राइव करता हूं. लेकिन मुझे भी टाइम लग रहा था. पहले शॉट में थोड़ा टाइम लगा. फिर थोड़ा कम. फाइनली कुछ टेक्स के बाद शॉट ओके हुआ. धर्मेंद्र जी ने मेरे कंधे पर हाथ रखा और बोले- 'बेटे अब तेरा ड्राइविंग लाइसेन्स बन जाएगा!'
धर्मेंद्र से मिले प्यार को याद करते हुए जयदीप ने बताया, 'उन्होंने एक बार काम करते हुए मेरे गालों पर हाथ रखा और बोले- किन्ना सोणा मुंडा है मेरा जयदीप.मैं तो खुशी के मारे चीख ही पड़ा था.'
जयदीप ने धर्मेंद्र के साथ चंडीगढ़ में 'इक्कीस' शूट करने का एक और किस्सा सुनाया. उन्होंने बताया, 'चंडीगढ़ के बाहर कहीं शूट कर रहे थे और किसी तरह सभी को पता चल गया कि धर्मेंद्र जी शूट कर रहे हैं. वो भी ड्राइव करने का ही सीन था. पर उस चौक पर इतनी भीड़ हो गई कि शूट करना मुश्किल हो गया. हम आगे बढ़ ही नहीं पा रहे थे.उन्होंने बैठे-बैठे मेरे कंधे पर हाथ रखा और बोले- 'पुत्तर कयामत तक खत्म हो जाएगा ये शॉट!'
अपनी बात खत्म करते हुए जयदीप ने कहा कि धर्मेंद्र बहुत प्यारे शख्स थे. उन्होंने कभी नहीं सोच था कि वो धर्मेंद्र की आखिरी फिल्म में उनके साथ होंगे. जयदीपने अपनी बात खत्म करते हुए कहा कि वो धर्मेंद्र की यादों को अपने दिल के बहुत पास सहेजकर रखे हुए हैं.
aajtak.in