21 की उम्र में अगस्त्य को ऑफर हुई थी 'इक्कीस', बताया कैसे शहीद अरुण खेत्रपाल बने

एजेंडा आजतक 2025 में फिल्म 'इक्कीस' की कास्ट भी मंच पर पहुंची. शहीद अरुण खेतरपाल की इस बायोपिक में लीड रोल अगस्त्य नंदा कर रहे हैं. उन्होंने ये किरदार निभाने के अनुभव शेयर करते हुए बताया कि ये उनके लिए कितना चैलेंजिंग था.

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अगस्त्य नंदा के के लिए क्यों चैलेंज थी फिल्म 'इक्कीस' (Photo: अगस्त्य नंदा के के लिए क्यों चैलेंज थी फिल्म 'इक्कीस' (Photo:

aajtak.in

  • नई दिल्ली ,
  • 10 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 4:42 PM IST

दिसंबर में रिलीज होने जा रही फिल्म 'इक्कीस' की कास्ट से जयदीप अहलावत, अगस्त्य नंदा और सिमर भाटिया, बुधवार को एजेंडा आजतक 2025 के मंच पर पहुंचे. ये फिल्म महज इक्कीस महीने की उम्र में, सिर्फ 6 महीने की ट्रेनिंग के बाद देश के लिए बलिदान देने वाले सेकंड लेफ्टिनेंट अरुण खेतरपाल की बायोपिक है. तीनों ने फिल्म करने के अनुभव और अपने किरदारों को लेकर बात की. 

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अगस्त्य ने अपने किरदार के लिए ऐसे की तैयारी
अगस्त्य नंदा ने फिल्म में अरुण का किरदार निभाया है. उन्होंने बताया कि इस फिल्म का मकसद आने वाली पीढ़ियों तक अरुण की कहानी को पहुंचाना है. अरुण का रोल करने का अनुभव बताते हुए अगस्त्य ने कहा, 'ये जो अनुभव रहा है, अभी मैं भी इसे समझने की कोशिश कर रहा हूं, तीन साल हो चुके हैं. शुक्रगुजार हूं कि डायरेक्टर श्रीराम राघवन और प्रोड्यूसर दिनेश विजन ने मुझे इस रोल के लायक समझा.'

अगस्त्य ने बताया कि इस किरदार के लिए उन्होंने किस तरह तैयारी की— 'हमने एनडीए से शुरू किया, वहां से एक ऑफिसर की क्वालिटीज सीखी. पठानकोट में टैंक के साथ ट्रेनिंग की. एक सिविलियन के तौर पर हमें समझ नहीं आता कि टैंक के साथ रहना कैसा होता है. हमने वो सीखा.'

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अगस्त्य के लिए फौजी बनने की ट्रेनिंग, उस लाइफस्टाइल को सीखना बहुत खास रहा. 'हम चाहते थे कि उन्हें पूरी ईमानदारी से पर्दे पर उतारा जाए. हम चाहते थे कि लोग फिल्म देखकर सिर्फ अरुण की बहादुरी ही ना देखें, ये भी देखें कि  एक फौजी होने का मतलब क्या होता है.'

अरुण की इस बात से कनेक्ट कर पाए अगस्त्य 
अगस्त्य ने आगे कहा, 'जब मुझे ये फिल्म ऑफर हुई थी, मैं इक्कीस साल का था. वो मेरे लिए अरुण खेतरपाल से कनेक्ट करने का पहला पॉइंट था. मैंने लाइफ में कभी इतना बहादुरी भरा कोई काम नहीं किया, ना शायद कभी कर पाऊंगा. जब आप इतने यंग होते हो तो लोग कहते हैं- अभी आप छोटे हो, अभी आपको समझ नहीं है. और इस उम्र में अरुण देश के लिए शहीद हो गए.'

अरुण की बहादुरी का मतलब लोगों को समझाते हुए अगस्त्य ने बताया, 'जो टैंक बैटल होते हैं, उनमें टैंक बहुत आमने-सामने नहीं होते. बहुत दूर होते हैं, दिखते भी नहीं. युद्ध में पाकिस्तान के 14 टैंक उनके सामने से आ रहे थे. अरुण अपने दो सहयोगी टैंक्स के साथ उन टैंकों से लोहा लिया.'

अगस्त्य ने बताया कि अरुण खेतरपाल के पिता का 'इक्कीस' देखना उनके लिए एक बहुत महत्वपूर्ण मोमेंट था. उन्होंने बताया, 'जब उन्होंने फिल्म देखी तो मेरे लिए बहुत बड़ा मोमेंट था. मुझे बहुत डर था कि हम पता नहीं सही से रोल कर पाए या नहीं. जस्टिस पर पाए या नहीं. पर उनका रिएक्शन देखकर तसल्ली हुई.'

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फिल्म में अरुण की प्रेमिका किरण का किरदार सिमर भाटिया ने निभाया है. उन्होंने कहा, 'मुझे पुराना दौर, तब की कहानियां बहुत आकर्षित करती हैं. और ये किरदार निभाना, उस दौर के प्यार को जीना बहुत अच्छा लगा.'

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