प्लेट तोड़ी-दी गालियां...पूरे सीजन फरहाना भट्ट ने मचाया हंगामा, फिर भी क्यों हाथ से निकल गई ट्रॉफी?

फरहाना भट्ट ने पूरे सीजन अपने फायर बोल का ढंका बजाया लेकिन बावजूद इसके वो गौरव खन्ना से बिग बॉस 19 की ट्रॉफी हार गईं. ऐसा क्यों हुआ आखिर, कि टॉप 2 में पहुंचकर भी वो जीत की हकदार नहीं बन पाईं. आइये जानते हैं.

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क्यों हारीं फरहाना भट्ट? (Photo: Sana Farzeen) क्यों हारीं फरहाना भट्ट? (Photo: Sana Farzeen)

आरती गुप्ता

  • नई दिल्ली,
  • 08 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 7:16 AM IST

बिग बॉस सीजन 19 का अंत हो चुका है. शो को उसका विनर गौरव खन्ना मिल गया है. जीत की ट्रॉफी भले ही गौरव के सिर सजी हो लेकिन सीजन कश्मीर की कली फरहाना भट्ट के नाम से ही जाना जाएगा. ये तो तय है! क्योंकि घर में इतनी उथल-पुथल करना और फिर भी डटे रहना, ये दम सिर्फ फरहाना ही रखती हैं. टॉप 2 में आकर, सलमान खान के बगल में खड़े होकर भी वो जीत की हकदार नहीं बन पाईं, ऐसा क्यों आइये जानते हैं. 

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पूरे सीजन में अगर किसी ने घर का माहौल हिला-डुला कर रखा, तो वो थीं फरहाना भट्ट. उनसे खाने की प्लेट छीनी गई, फरहाना ने खुद प्लेट तोड़ी भी, उनका गुस्सा, किसी को भला बुरा कहना, तेज रिएक्शन, झगड़ों में कूदने का अंदाज और हर मुद्दे पर अपनी राय ठोक कर रखने की आदत ने उन्हें सीजन की सबसे विवादित कंटेस्टेंट बना दिया. लेकिन वही हाई-वोल्टेज पर्सनालिटी आखिर में उनके लिए भारी पड़ गई- और वो बिग बॉस 19 की ट्रॉफी से चूक गईं.

लगातार बवाल ने इमेज को किया कमजोर

फरहाना की सबसे बड़ी ताकत- उनका आक्रामक और दमदार अंदाज था, आखिर में ये उनकी सबसे बड़ी कमजोरी बन गई. फैंस को शुरू में उनका 'फियरलेस' स्वभाव पसंद आया, लेकिन सीजन आगे बढ़ते-बढ़ते यही एटीट्यूड ओवर-द-टॉप लगने लगा. हर झगड़े में शामिल होना, लड़ाई को लंबा खींचना और दूसरों को ट्रिगर करना- इससे उनकी नेगेटिव इमेज बनती चली गई.

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घरवालों के साथ रिश्ते बिगड़ते गए

रियलिटी शो में रिश्ते भी गेम का हिस्सा होते हैं. लेकिन फरहाना अपने तेज और हावी होने वाले रवैये की वजह से घरवालों के साथ मजबूत बॉन्ड नहीं बना पाईं. अक्सर घरवाले भी मानते थे कि- फरहाना बहुत रिएक्टिव हैं, उन्हें बात बढ़ाने की आदत है, और वो किसी की सुनने के बजाय टकराव चुनती हैं. ये चीजें दर्शकों के वोटों पर सीधे असर डालती हैं.

दर्शक जोड़ नहीं पाईं- रिलेटेबिलिटी कम थी

फरहाना की पर्सनालिटी दमदार जरूर थी, लेकिन रिलेटेबल कम थी. वोटिंग में सबसे ज्यादा फायदा उन कंटेस्टेंट्स को मिलता है जिनसे दर्शक खुद को जोड़ पाते हैं. लेकिन फरहाना की इमेज “तेज, गुस्सैल, हमेशा लड़ाई के लिए रेडी” वाली बन गई थी. इसलिए बड़े पैमाने पर वोट उन्हें हासिल नहीं हो सके.

आखिरी हफ्तों में कंट्रोल खोना पड़ा भारी

फिनाले से पहले वाले एपिसोड्स में फरहाना का गुस्सा कई बार कंट्रोल से बाहर जाता दिखा. जहां बाकी कंटेस्टेंट्स अपने गेम को शांत और स्ट्रैटेजिक ढंग से खेल रहे थे, वहीं फरहाना का गुस्सा चरम पर चला गया- और यही चीज फिनाले की रेस में उनके खिलाफ चली गई. फरहाना भले ही सीजन की सबसे चर्चित और एंटरटेनिंग कंटेस्टेंट रहीं हों, लेकिन बिग बॉस जीतने के लिए सिर्फ ड्रामा काफी नहीं होता- कनेक्शन, कंट्रोल और क्लीन गेम भी जरूरी है.

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यही तीन चीजें फरहाना की कमजोरी बन गईं और इनकमिंग बवाल क्वीन, ट्रॉफी जीतने से बस एक कदम दूर रह गईं. बावजूद इसके फरहाना को शो से वो नाम और शोहरत मिली, जिसकी वो सही मायने में हकदार रहीं. जाते जाते उनके फॉलोअर्स इंस्टाग्राम पर 2.2 मिलियन का आंकड़ा क्रॉस कर गए. अब वो दुनियाभर में जानी जाती हैं. 

फरहाना भले ही शो जीतने से चूक गई हों लेकिन फैंस का दिल वो भरपूर जीत चुकी हैं.

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