टीवी की फेमस एक्ट्रेस और अनुपमा शो से हाउस होल्ड नेम बनीं रुपाली गांगुली कथावाचक अनिरुद्धाचार्य के आश्रम पहुंचीं. उन्होंने वहां बांके बिहारी के दर्शन तो किए ही, साथ ही उनके वृद्धा आश्रम जाकर घर से निकाली गईं मांओं से मुलाकात की. रुपाली सभी से मिलकर, उनकी आपबीती सुनकर बेहद भावुक हो गईं. उनकी आंखें नम हो गईं. उन्होंने सभी मांओं से हाथ जोड़कर मुलाकात की. लेकिन बातचीत के दौरान अपनी शूटिंग को लेकर एक शॉकिंग खुलासा भी कर दिया.
रुपाली की आंखें नम हुईं
रुपाली ने कथावाचक से बातचीत भी की और बताया कि वो पहली बार वृंदावन आई हैं, उन्हें जैसे ही पता चला कि वहां अनिरुद्धाचार्य का आश्रम है, वो खुद को उनसे मिलने से रोक नहीं पाईं. रुपाली को जब अनिरुद्धाचार्य ने बताया कि उनके आश्रम में सैकड़ों वृद्ध महिलाएं रहती हैं, एक्ट्रेस ने उनसे मिलने की भी इच्छा जताई. रुपाली अपने बेटे के साथ वहां पहुंची थीं.
अनिरुद्धाचार्य ने जब बताया कि कुछ दिन पहले ही एक माता का देहांत हुआ, जब उन्होंने उनके बेटे को कॉल करके बताया कि अंतिम संस्कार करने के लिए आ जाएं तो जवाब मिला कि वो पहले ही कर चुके हैं. घर से निकाली गईं माताओं की ये दुखभरी कहानी सुनकर रुपाली रो पड़ीं. उनकी आंखों से आंसू आ गए.
अनुपमा की फैन वृद्धा आश्रम की महिलाएं
इसके बाद रुपाली ने सभी वृद्धाओं से मुलाकात की और आशार्वाद लिया. रुपाली ये सुनकर बेहद खुश हुईं कि वहां बहुत सी महिलाएं उन्हें अनुपमा के नाम से जानती हैं. सभी ने एक्ट्रेस को गले लगाकर मिलने आने के लिए शुक्रिया अदा किया.
इसके बाद रुपाली ने सभी भक्तों में प्रसाद बांटा. आखिर में रुपाली ने अनिरुद्धाचार्य के पैर छूकर कर आशीर्वाद लिया और उनसे विदा लिया. पर साथ ही एक वादा भी किया कि- इस बार तो वो जल्दबाजी में पहली बार वृंदावन आई थीं लेकिन जब अगली बार आएंगी तो गुरुकुल और गौशाला भी देखेंगी.
बंदर-सांप के बीच शूटिंग करती हैं रुपाली
कथावाचक से बातचीत में रुपाली ने बताया कि वो अनिरुद्धाचार्य के मनुष्य प्रेम के साथ पशु प्रेम से भी बहुत प्रभावित हुई हैं. वो बताती हैं कि जिस जगह उनके सीरियल की शूटिंग होती है, वहां बहुत बंदर हैं, कुत्ते हैं, कभी-कभी सांप भी आ जाते हैं. लेकिन सभी बड़े प्यार से गोद में बैठते हैं. बहुत अच्छे से मेरे पास आ जाते हैं. कभी कोई नुकसान नहीं पहुंचाता. ये सुनकर कथावाचक भी कहते हैं कि- जो बोलना नहीं जानते, उनके लिए हम ही सहारा हैं. जीव में ही नारायण का वास है. उनकी सेवा करनी ही चाहिए.
aajtak.in