चकाचौंध छोड़ नूपुर अलंकार बनीं पीताम्बरा मां, गुफा में बसाया घर-भिक्षा मांग कर रहीं गुजारा

टीवी एक्ट्रेस नूपुर अलंकार ने शोहरत और ग्लैमर की दुनिया छोड़कर आध्यात्मिक जीवन अपना लिया है. पीतांबरा मां के रूप में उन्होंने संन्यास लिया और अब सादगी, भक्ति और आत्मशांति से भरा जीवन जी रही हैं. जानिए कैसे पीएमसी बैंक घोटाले और निजी संघर्षों ने उन्हें इस राह पर ला खड़ा किया.

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 क्यों सन्यासी बनीं  नुपुर अलंकार? (PHOTO: Screengrab) क्यों सन्यासी बनीं नुपुर अलंकार? (PHOTO: Screengrab)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 04 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 7:15 AM IST

टीवी की मशहूर एक्ट्रेस नूपुर अलंकार अगले जन्म मोहे बिटिया ही कीजो और घर की लक्ष्मी बेटियां जैसे फेमस शोज के लिए जानी जाती हैं. लेकिन अब वो मां पीताम्बरा बन चुकी हैं. उन्होंने साल 2022 में सभी को चौंकाते हुए संसारिक जीवन त्याग कर संन्यास ले लिया. मनोरंजन जगत में सफल करियर के बाद उन्होंने पूरी तरह से आध्यात्मिक जीवन को अपनाने का फैसला किया.

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नूपुर ने बताया कि किन परिस्थितियों ने उन्हें ये बड़ा कदम उठाने पर मजबूर किया. टेली टॉक इंडिया से उन्होंने कहा कि भले ही एक्टिंग के दौरान भी उनका जीवन आध्यात्मिक झुकाव वाला रहा हो, लेकिन निजी जिंदगी में आए दुखों और आर्थिक परेशानियों की एक लंबी फेहरिस्त ने उन्हें संसार से दूर होकर ईश्वर की भक्ति के रास्ते पर ला दिया.

PMC बैंक घोटाला बना जीवन का टर्निंग पॉइंट

नूपुर ने बताया कि PMC बैंक घोटाला उनके जीवन का सबसे बड़ा मोड़ साबित हुआ. उन्होंने कहा,“मेरे जीवन में जो कुछ भी हुआ, वह सब गूगल पर दर्ज है. सब कुछ PMC बैंक घोटाले से शुरू हुआ, जब जिंदगी की सच्चाई सामने आई. इस घोटाले के बाद मेरी मां बीमार हो गईं, उनके इलाज में आर्थिक दिक्कतें आईं. फिर मेरी मां और बहन दोनों का निधन हो गया- वही मेरे लिए आखिरी झटका था.”

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दुनियादारी से अलग हुईं नूपुर

नूपुर बोलीं, “मैं पहले ही दुनिया से कटने लगी थी. मुझे अब इस भौतिक जीवन में रुचि नहीं रही. जिनसे मेरा रिश्ता था, मैंने सबकी अनुमति ली और फिर आध्यात्मिक मार्ग अपना लिया.”

सादगी और संतोष भरा जीवन

आज नूपुर बेहद शांत और संतुष्ट जीवन जी रही हैं. उनका कहना है कि इस जीवन ने उन्हें असली सुकून और आत्मिक स्पष्टता दी है. “जब मैंने भौतिक दुनिया से दूरी बनाई, तब जिंदगी आसान हो गई. पहले बिल, खर्चे और दिखावे में बहुत उलझन थी. अब मैं महीने में सिर्फ 10–12 हजार रुपये में अपना जीवन चला लेती हूं.” 

भिक्षा मांगकर करती हैं गुजारा

उन्होंने अपने संन्यासी जीवन के बारे में कहा,“मैं साल में कुछ बार भिक्षाटन करती हूं. यानी लोगों से भोजन मांगती हूं और उसे भगवान और अपने गुरु के साथ शेयर करती हूं. इससे अहंकार मिटता है. मेरे पास सिर्फ चार-पांच जोड़ी कपड़े हैं. लोग आश्रम में जो कुछ भी दान करते हैं, वही मेरे लिए पर्याप्त होता है.”

नूपुर ने बताया कि उन्होंने गुफाओं में रहकर तपस्या की है और उस दौरान चूहे के काटने और सर्दी से चोट जैसी कठिनाइयों का सामना भी किया.

पति अलंकार श्रीवास्तव का सपोर्ट

2022 में नूपुर ने मनोरंजन जगत को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया और संन्यास लेकर “पीताम्बरा मां” का नाम अपना लिया था.नूपुर की शादी टीवी एक्टर अलंकार श्रीवास्तव से हुई थी, और दोनों का रिश्ता 20 साल से ज्यादा चला. हालांकि नूपुर ने जब संन्यास लेने का फैसला किया, तब भी अलंकार ने उनका पूरा समर्थन किया.

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आर्थिक संकट जिसने बदल दी जिंदगी

2019 का PMC बैंक संकट नूपुर के लिए बेहद मुश्किल समय था. बैंक में गड़बड़ियों के कारण आरबीआई ने खाते फ्रीज कर दिए थे, जिससे नूपुर की सारी जमा पूंजी अटक गई. उन्होंने बताया,“घर में पैसे नहीं थे. मुझे अपनी ज्वेलरी बेचनी पड़ी. एक एक्टर ने मुझे 3,000 रुपये उधार दिए और दूसरे ने 500 रुपये ट्रांसफर किए ताकि मैं यात्रा कर सकूं. मैंने दोस्तों से करीब 50,000 रुपये उधार लिए. हमें डर था कि हमारी मेहनत की कमाई चली जाएगी.”

उस समय नूपुर ने अपना दर्द साझा करते हुए कहा था,“मुझे क्या पता था कि मेरा परिवार और मेरी सारी बचत ऐसे फ्रीज हो जाएगी. बिना पैसे मैं कैसे जिऊं? क्या अब मुझे अपना घर गिरवी रखना होगा? मैंने हमेशा टैक्स भरा है, फिर भी मैं सजा क्यों भुगत रही हूं?”

प्रसिद्धि से परे एक शांत जीवन

आज नूपुर अलंकार, जो अब पीताम्बरा मां के नाम से जानी जाती हैं, सादगी, सेवा और भक्ति का जीवन जी रही हैं. वह लोगों को सलाह देती हैं कि भौतिक चीजों के पीछे भागने के बजाय आत्मिक शांति और ईश्वर से जुड़ाव को प्राथमिकता दें.

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