Big Boss OTT में पिछले दिनों मिलिंद गाबा और अक्षरा सिंह को एविक्ट कर दिया गया था. आजतक से बातचीत के दौरान मिलिंद ने बिग बॉस हाउस के कई राज का खुलासा किया है.
वहां के लोग खुद के बारे में ही सोचते हैं
बिग बॉस के घर से बाहर निकल कर बहुत ही पॉजिटिव महसूस कर रहा हूं. काफी समय बाद असल की दुनिया देख खुशी हो रही है. एक्सपीरियंस पर मिलिंद कहते हैं, अरे वो तो बहुत डरावना घर है. मैं सोच कर यही गया था कि मैं जैसा हूं, वैसा ही बनकर रहूंगा और मुझे गर्व है कि लोगों को मेरी सच्चाई दिखी. उस घर की बात करें, तो वहां एनर्जी क्लैसेज काफी होते हैं. हरेक की सोच एक दूसरे से अलग होती है. ऐसे में उसे हैंडल करना बहुत मुश्किल होता है. मैं तो एक कलाकार बंदा हूं. हम खुद से ज्यादा लोगों के बारे में ज्यादा सोचते हैं. वहां के लोग सेल्फ सेंटर्ड है. वो खुद के बारे में ही सोचते हैं.
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लोगों का प्यार देखकर, मेरी और अक्षरा की जीत हुई है
जब सोशल मीडिया पर देखा कि लोग हमारे सपोर्ट में उतरे हैं, वो देखकर वाकई में बहुत खुशी हुई. यह एक तरफ से मेरी और अक्षरा की जीत है. हमें लोगों के दिलों में जगह ऐसी बनाई है कि वो हमारे लिए लड़ रहे हैं. मैं उन्हें दिल से शुक्रियाअदा करता हूं.
मैं टॉप पर रहना डिजर्व करता था
अगर आप परफॉर्मेंस की देखें, तो मैं गेम में रहना डिजर्व करता था. ऐसा तो था नहीं कि मैं गेम अच्छा नहीं खेल रहा था. मैं टास्क में भी टॉप रहा था. मेरी गेम प्लानिंग भी काफी क्लीन थी. मैं किसी को हटाकर अपनी स्ट्रैटेजी नहीं बना रहा था, जो बाकी लोग कर रहे थे. मेरे पैरेंट्स काफी खुश हैं कि उनके बेटे को अच्छे संस्कार मिले हैं. खासकर मेरे ससुरालवाले भी कह रहे हैं कि हमें लड़के के रूप में हीरा मिल गया है.
अक्षरा के सपोर्ट में हूं
अक्षरा द्वारा लगाए गए आरोपों पर मिलिंद कहते हैं, अगर अक्षरा कह रही है, तो वो सच ही कह रही होगी. मैं उनके साथ खड़ा हूं और हमेशा खड़ा रहूंगा. मैं अक्षरा को जितना समझता हूं, वो दिल से बहुत प्योर इंसान है और किसी का बुरा न चाहने वाली हैं. वो अगर आरोप लगा रही है, तो सही कह रही होगी.
हां, बिग बॉस के घर में क्षेत्रवाद तो है
घर पर बहुत बार अक्षरा को उनकी शुद्धा हिंदी को लेकर कहा गया है. उनकी हिंदी का मजाक बनाया गया है. अक्षरा के संस्कार पर भी सवाल उठे, लेकिन उनके संस्कार बहुत अच्छे हैं. हां, अक्षरा थोड़ी बहस करती हैं लेकिन वो बद्तमीज नहीं है. वहां क्षेत्रवाद तो थोड़ा सा था. नेहा ने जो कैमरे में कहा है, तो मैं भी उनकी लैंग्वेज से असहज था. वो जिस तरह शमिता और राकेश को छेड़ रही थीं, वो भाषा बहुत डिग्नीफाइड नहीं थी. अक्षरा की लैंग्वेज को अगर गंदी बताई जा रही है, तो उनकी भी भाषा कुछ साफ-सुथरी नहीं थी. वहां कुछ हफ्तों में ही मुझे अक्षरा और दिव्या को साइडलाइन कर दिया गया था. उनकी गेम प्लानिंग ही यही थी कि हमें साइडलाइन कर दिया.
नेहा ने फ्लिप मारा था
नेहा ने फ्लिप मारा, तो मुझे यही गिला रह गया कि अगर आपको प्रतीक के पास ही जाना था, तो मैं कोई नहीं होता आपको रोकने वाला. लेकिन बिना बताए जाना और जजमेंटल बोलना यह सही नहीं था. वो मुझे कुछ कहने भी नहीं देती थी. अगर वो बता कर फ्लिप करतीं, तो मुझे इतना बुरा नहीं लगता. मैं बाहर नेहा से शायद ही दोस्ती रख पाऊंगा. मैं चाहूंगा कि उनसे सामना ज्यादा न हो. बस हाय, हेलो तक ही सीमित रहूंगा.
बाकी कनेक्शन फेक लगते हैं
बिग बॉस में मुझे मेरा अक्षरा का ही कनेक्शन प्योर लगता था. इसके अलावा निशांत और मूस के बीच की बॉन्डिंग भी सही लगती है. बाकी कनेक्शन देखकर मुझे लगता है कि यह तो फेक है.
नेहा वर्मा