भोजपुरी एक्टर पवन सिंह उनकी पत्नी ज्योति सिंह के बीच चल रहा विवाद नया मोड़ ले चुका है. बुधवार, 8 अक्टूबर को पवन सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर ज्योति सिंह पर बड़े आरोप लगाए थे. उन्होंने कहा था कि ज्योति राजनीति के लिए नीचे गिर रही हैं. इसके अलावा ज्योति सिंह ने पवन सिंह से उनके घर जाकर मिलने की कोशिश की थी, जिसके बाद उन्हें पुलिस द्वारा बाहर का रास्ता दिखा दिया गया. ज्योति सिंह ने भी 8 अक्टूबर की शाम एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में अपना पक्ष रखा. उन्होंने अपनी आपबीती सुनाते हुए कहा कि राजनीति के लिए पवन खुद गिर गए हैं.
पवन सिंह के घर में घुसने पर बोलीं ज्योति
ज्योति सिंह ने अपने साथ खड़े लोगों को शुक्रिया कहा. ज्योति ने कहा कि वो पति पवन सिंह के खिलाफ बात करने नहीं आई हैं. उन्होंने पवन की प्रेस कॉन्फ्रेंस में उनके उठाए हर सवाल का जवाब दिया. ज्योति सिंह ने कहा, '5 तारीख को पवन जी से मिलने मैं उनके आवास पर पहुंची थी. वहां पर जब मैं पहुंची तो, उनके भाई द्वारा बोला गया था कि पुलिस वहां पर थी, लेकिन ऐसा कुछ नहीं था. मैं जब वहां पर पहुंची तो पहले हम लोगों ने गार्ड से पूछा. गार्ड ने ही हमें मना कर दिया था कि आपको ऊपर जाने की अनुमति नहीं है. मना किया गया है. उतनी देर में प्रशासन आती है और उनकी तरफ से बोला जाता है कि आप थाने चलिए, वहां बैठकर आपसे बात की जाएगी. मैंने मना कर दिया और कहा कि मैं थाने नहीं जाऊंगी. उसका वीडियो है मेरे पास.' इसके बाद ज्योति सिंह ने अपना वीडियो दिखाया, जो पवन सिंह के घर पहुंचने के बाद लिया था, जब पुलिस को बुलाया गया.
ज्योति सिंह ने कहा कि प्रशासन को बुलाकर उनके साथ बदतमीजी की गई. उन्होंने यह भी कहा, 'पवन जी कह रहे हैं मेरे रूम में जाने के बाद प्रशासन को बुलाया गया. ऋतिक जी, उनके भाई कह रहे हैं कि सुबह से ही प्रशासन को बुलाया हुआ था. तो आप दोनों भाइयों की बात में ही फर्क समझ जाइए. दोनों भाई अलग-अलग बात कर रहे हैं.'
पवन सिंह के लिए छोड़ देंगी घर-परिवार
पवन सिंह ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि ज्योति सिंह जो अपने पति के लिए अपनापन दिखा रही हैं. ये अपनापन चुनाव से 5 महीने पहले क्यों नहीं दिखा या चुनाव के दो महीने बाद क्यों नहीं दिखा. ये आज ही क्यों दिख रहा है. साथ ही एक्टर ने उन्हें गिरा हुआ भी बताया था. इसके जवाब में ज्योति सिंह ने कहा, 'मैंने उसके बाद भी एक पोस्ट डाला था कि अगर आप मुझे पत्नी रूप में स्वीकार करते हैं तो मैं आज भी चुनाव लड़ने के लिए मना कर रही हूं. मैं चुनाव नहीं लड़ूंगी. मैं यहां तक भी बोल रही हूं कि अगर आप बोलेंगे कि आप अपने परिवार से रिश्ता खत्म कर दीजिए, अगर आप मेरे साथ ये भी शर्त करते हैं कि आप अपने परिवार से नहीं मिलेंगी, अपने मायके नहीं जाएंगी तो मैं वो भी करने के लिए तैयार हूं. चुनाव नहीं लड़ेंगी, मैं वो भी करने के लिए तैयार हूं. लेकिन बशर्ते कि आप मुझे पत्नी के रूप में स्वीकार करिए.'
चुनाव की बात करते हुए ज्योति सिंह ने आगे कहा, 'आप लोग ही बताइए 15 साल से पार्टी में स्टार प्रचारक के रूप में पवन जी ने काम किया है. 15 साल में वो अपने खुद के लिए टिकट नहीं ले पाए तो मैं किस मुंह से जाऊंगी उनसे यह कहने कि आप मुझे भाजपा का टिकट दिलाइए. मेरा ये सवाल है कि मैं किस मुंह से जाऊंगी. पहले वो अपने लिए तो टिकट ले लें. फिर तो वो हमें दिला पाएंगे. जो 15 साल से कार्यकर्ता के रूप में काम करते आ रहे हैं पार्टी में, फिर भी उनको पार्टी के द्वारा टिकट नहीं मिला, तो वो हमें टिकट क्या दिलाएंगे.'
ज्योति सिंह से पूछा गया कि क्या वो पवन सिंह के खिलाफ चुनाव लड़ेंगी. इसपर उन्होंने कहा कि अगर पवन सिंह उन्हें स्वीकार लेते हैं तो वो चुनाव नहीं लड़ेंगी. वरना उन्हें मजबूरन उनका सामना करना पड़ेगा. उनकी कुछ पार्टियों से बात हुई है, लेकिन उनके नाम का खुलासा ज्योति ने नहीं किया. कराकाट से चुनाव लड़ने की इच्छा भी ज्योति ने जताई. ज्योति ने कहा कि जब पवन सिंह ने वहां से लोकसभा चुनाव लड़ा था, तब भी वो वहां नहीं गए थे. लोगों ने उन्हें वोट दिया था और उनके इमोशन्स के साथ भी पवन ने खेला. ज्योति सिंह ने कहा कि वो मुझे कह रहे हैं कि आप राजनीति के लिए ये सब कर रही हैं. लेकिन राजनीति के लिए वो आप इतना गिर चुके हैं कि आज आप जो 2 लाख 75 हजार लोगों ने आपको वोट दिया आप उनके भी नहीं हुए. आप अपनी पत्नी को तो छोड़ दीजिए, आप तो किसी के भी नहीं हुए.
चुनाव के लिए किया गया मेरा इस्तेमाल: ज्योति
ज्योति ने जनता से पवन सिंह से एक सवाल पूछने की अपील की. उन्होंने कहा कि पवन जी मेरी बात का जवाब तो दे नहीं रहे हैं. मैं जनता से कहूंगी कि मेरी तरफ से आप उनसे पूछें कि क्या जब उन्होंने मुझे लोकसभा चुनाव में बुलाया था, उस समय कोर्ट में मामला नहीं था? क्या जब दोबारा मेरी मांग में सिंदूर डाला गया तब कोर्ट में मामला नहीं था? क्या जब पति-पत्नी की तरह दोबारा मुझे रखा गया, उस समय कोर्ट में मामला नहीं था? क्या जब लोकसभा चुनाव से पहले पवन जी मुझे अपने फ्लैट में लेकर गए, उस समय कोर्ट में मामला नहीं था? क्या जब चुनाव के बाद पवन जी ने मुझे अपने घर में लाकर 20-25 दिन रखा, उस समय कोर्ट में मामला नहीं था? रही बात पति को याद करने की, तो मैं आज से उनसे संपर्क करने की कोशिश नहीं कर रही हूं. मैं बहुत पहले से उनसे संपर्क करने की कोशिश कर रही हूं. लेकिन कभी उनके भाई द्वारा मुझे धुत्कार दिया जाता है, कभी उनके परिवार से... पवन जी से मेरी बात होती नहीं है. पवन जी मेरा फोन उठाते नहीं हैं और मैं किसी और से बात करने की कोशिश करती हूं तो वो लोग मुझसे इस तरीके से बात करते हैं.' इसके बाद ज्योति सिंह ने पवन सिंह के बड़े भाई रानु संग अपनी बातचीत की ऑडियो रिकॉर्डिंग सुनाई. इसमें रानु को ज्योति पर चिल्लाते हुए सुना जा सकता है.
उन्होंने आगे कहा, 'जब लोकसभा चुनाव से पहले हमारी कोई बात नहीं थी तो मैं उस समय संतुष्ट हो गई थी कि पवन जी ने मुझपर डिवोर्स फाइल कर दिया है. पहले तो मैं ये साफ कर दूं कि डिवोर्स हमारी तरफ से फाइल नहीं हुआ है. पवन जी की तरफ से फाइल किया गया है. पहले पवन जी ने डिवोर्स का केस डाला है. शुरू से ही मैं लगी थी कि अपना रिश्ता बचा लूं. हां, जब डिवोर्स फाइल हुआ था तो मैं उस समय शांत हो गई. लेकिन दोबारा जब लोकसभा चुनाव में मुझे बुलाकर मुझे यूज किया गया, दोबारा मेरी मांग में सिंदूर भरा गया तो क्या मेरा कोई मान-सम्मान नहीं है. क्या औरत की कोई इज्जत नहीं है? क्या औरत सिर्फ एक इस्तेमाल की चीज बनकर रह गई है आज समाज के लिए कि जब आपको जरूरत पड़ेगी आप औरत को बुलाएंगे, मांग में सिंदूर डालेंगे, पति-पत्नी का संबंध बनाएंगे और फिर चुनाव के बाद छोड़ देंगे ये कहकर कि कोर्ट में मामला है. ये कहां से इंसाफ है और ये कहां का इंसाफ है. आज पवन जी कह रहे हैं कि चुनाव के टाइम... छोड़ा तो आपने भी था हमको चुनाव से पहले, तो फिर चुनाव के लिए क्यों याद किया? राजनीति के लिए मैं गिरी हुई हूं या आप कर रहे हैं ये काम.'
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