The Batman movie review: लौटा बैटमैन का भौकाल, रोल में छाए रॉबर्ट पैटिनसन, जबरदस्त है सस्पेंस

The Batman movie review: बैटमैन मूवी सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है. मूवी की क्रिटिक्स ने जमकर तारीफ की है. बैटमैन के किरदार में रॉबर्ट पैटिनसन हैं. बैटमैन बनकर उन्होंने पूरे नंबर कमा लिये हैं. मैट रीव्स ने फ़िल्म को बेहद डार्क बनाये रखा है और बैटमैन को कुछ और भी अंधेरे में डूबा दिखाया है. जानें कैसी बनी है फिल्म?

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द बैटमैन द बैटमैन

केतन मिश्रा

  • नई दिल्ली,
  • 03 मार्च 2022,
  • अपडेटेड 5:21 PM IST
फिल्म:action, suspense, thriller
3.5/5
  • कलाकार : Robert Pattinson, Zoe Kravitz
  • निर्देशक : Matt Reeves

The Batman फ़िल्म आ चुकी है. और लगभग दो साल बाद एक मल्टीप्लेक्स थियेटर में जाकर ये फ़िल्म देख डाली गयी. फ़िल्म से पहले यही उहापोह थी कि भरे थियेटर में दो-सवा दो घंटे कैद रहने का रिक्स लिया जाना चाहिये या नहीं. लेकिन फ़िल्म ख़तम होते-होते समझ में आया कि ठीक किया जो आ गए. डायरेक्टर मैट रीव्स ने बढ़िया चीज़ सामने रखी है. क्रिस्टोफ़र नोलन ने द डार्क नाइट और द डार्क नाइट राइज़ेज़ के ज़रिये बैटमैन को जिस मुकाम पर पहुंचाया था, रीव्स ने निराश नहीं किया. क्योंकि अमूमन सुपर हीरो मूवीज़ में मामला ख़राब होने का स्कोप बेहद ज़्यादा होता है.

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कहानी के मामले में थीम पुरानी ही है, बस किरदार नये हैं. गॉथम शहर में नया विलेन आया है जो लोगों को मार भी रहा है और पहेलियां भी छोड़ रहा है. पहेलियों के जवाब में उसकी पहचान छिपी है. साथ ही और लोगों की ज़िन्दगी भी. विलेन का नाम है रिड्लर (पहेलियां बूझने वाला). रिड्लर दावा ये करता है कि वो गॉथम को उसके भ्रष्ट लोगों से मुक्त कर रहा है. 

इसी क्रम में उसका सामना होता है फ़िल्म के हीरो, गॉथम के हीरो, बैटमैन से. बैटमैन और गॉथम पुलिस के बीच आपसी संबंध बहुत अच्छे नहीं हैं लेकिन जेम्स गॉर्डन न केवल उसका साथ देता है बल्कि उसकी मदद भी मांगता है. एक तरफ़ रिड्लर गॉथम शहर के भ्रष्ट अफ़सरों को निशाना बना रहा होता है तो दूसरी तरफ़ इस पूरे मामले की जांच के दौरान बैटमैन और गॉथम की पुलिस के सामने राज़ पर राज़ खुलने लगते हैं. रिड्लर नाम के उस हत्यारे समेत तमाम भ्रष्ट लोगों को खुले में लाने का पूरा घटनाक्रम ही द बैटमैन फ़िल्म की कहानी गढ़ता है. इन किरदारों के अलावा सेलीना काइल का किरदार भी शामिल है जो यूं तो ग़लत रोशनी में देखे जाने वाले लोगों के साथ भी दिखती है लेकिन वो अपनी ही कहानी के पूर्ण विराम की तलाश में होती है. ज़्यादा कुछ कहना स्पॉइलर की केटेगरी में आ जायेगा.

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चौंका देंगे रॉबर्ट पैटिनसन

बैटमैन के किरदार में रॉबर्ट पैटिनसन हैं. रॉबर्ट ने अपनी पिछली फ़िल्म 'द डेविल ऑल द टाइम' में प्रेस्टन टीगार्डिन के डार्क किरदार से सभी को चौंकाया था. लेकिन बैटमैन बनकर उन्होंने पूरे नंबर कमा लिये हैं. मैट रीव्स ने फ़िल्म को बेहद डार्क बनाये रखा है और बैटमैन को कुछ और भी अंधेरे में डूबा दिखाया है. हालांकि कई मौकों पर ये अंधेरा स्क्रीन पर ज़बरदस्ती ठेला हुआ मालूम देता है. आपको आंखों पर ज़ोर देकर स्क्रीन पर मौजूद सभी एलिमेंट्स को समझना पड़ता है. बैटमैन के साथ जेम्स गॉर्डन ने सबसे ज़्यादा स्क्रीन शेयर की है और जेफ़्री राइट इतने सहज तरीक़े से दिखते हैं कि उनकी मौजूदगी का अहसास ही नहीं होता है. गॉर्डन के कैरेक्टर के लिये ये सबसे मुफ़ीद है. सेलीना काइल बिल्लियों की शौक़ीन है और बिल्ली की माफ़िक ही घरों में घुसती और निकलती है. इस रोल में ज़ोई क्रेवित्ज़ हैं लेकिन अभी भी सेलीना का किरदार उतनी मज़बूती से स्थापित हुआ मालूम नहीं देता है. उसका आगा-पीछा बहुत ठोस नहीं है और इसी वजह से कई मौकों पर हम उसके और ख़ुद के बीच के कनेक्शन को टूटा हुआ पाते हैं.

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बेन एफ़्लेक ने बैटमैन का ग्राफ़ नीचे गिरा दिया था. मैट रीव्स और रॉबर्ट पैटिनसन ने मिलकर बैटमैन को उबारा है. फ़िल्म बीच-बीच में कहीं हल्की होती मालूम देती है लेकिन फिर मामला संभल ही जाता है. उन हल्के मौकों को छांट दिया जाता तो जनता का भला भी होता क्यूंकि द बैटमैन 176 मिनट लम्बी है और अब जनता को इतना वक़्त देने की आदत नहीं रही है. सुपरहीरो मूवीज़ के लिहाज़ से ये वैसे भी कुछ ज़्यादा ही लम्बा वक़्त हो जाता है.

थ्रिल और सस्पेंस के मामले में अच्छी है कहानी

जैसा पहले बताया है, बैटमैन की थीम कामोबेश वही है. लेकिन थ्रिल और सस्पेंस के मामले में कहानी अच्छी है. हालांकि अगर आपको ऐसी फ़िल्मों का कीड़ा है तो आप पायेंगे कि इस फ़िल्म का प्लॉट डेविड फ़िंचर की फ़िल्म Se7en (ब्रैड पिट, मॉर्गन फ़्रीमैन और केविन स्पेसी वाली) से काफ़ी मिलता है.

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कुल मिलाकर द बैटमैन अच्छी, पकड़ बनाये रखने वाली फ़िल्म है. स्लो बर्न है इसलिये कहीं-कहीं जी करता है कि फ़ोन निकालकर नोटिफ़िकेश चेक कर लिये जाएं, लेकिन फिर अगले ही मौके पर कहानी तेज़ी से आगे बढ़ने लगती है. बैटमैन का भौकाल लौट आया है और नोलन वाले बैटमैन को टक्कर देता मालूम दे रहा है. ओटीटी पर आने का इंतज़ार न करते हुए फ़िल्म बड़ी स्क्रीन पर देखी जाए तो बेहतर होगा. आईमैक्स, सोने पर सुहागा माना जाए. जिस तरह की भीड़ आज देखने को मिली और जिस तरह से तालियां बज रही थीं, आने वाले दिनों में द बैटमैन भीड़ खींचती देखी जायेगी.

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नोट: मार्वेल की फ़िल्मों में दर्शकों के शोर के वीडियोज़ के चलते डीसी के फ़ैन्स पर अतिरिक्त दबाव साफ़ दिखता है. इंटेंस सिचुएशन में बैटमैन की एक झलक पाते ही वो शोर मचाने की पूरी चेष्टा करते हैं लेकिन धमाका उस स्तर का नहीं होता है और एक-आध हो-हू के शोर के सिवा और कुछ सुनाई नहीं पड़ता. डीसी कॉमिक्स को इस बात का भी संज्ञान लेना चाहिये.


 

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