जब सुरेखा सीकरी ने कहा था, 'मुझे काम की जरूरत है पैसों की नहीं'

सुरेखा सीकरी ने 75वें साल में इस दुनिया को अलविदा कह दिया है. कई बार टीवी स्क्रीन पर सख्त मिजाज असल जिंदगी में बेहद ही खुशमिजाज थीं. उनकी खुद्दारी की लोग मिसाल दिया करते थे.

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सुरेखा सीकरी सुरेखा सीकरी

aajtak.in

  • मुंबई,
  • 16 जुलाई 2021,
  • अपडेटेड 3:05 PM IST
  • 2020 में ब्रेन स्ट्रोक से हो गई थीं ग्रस्त
  • बीमार सुरेखा ने चैरिटी लेने से कर दिया इनकार
  • काम करने को उत्सुक थीं सुरेखा

शुक्रवार को सुरेखा सीकरी की कार्डियाक अरेस्ट की वजह से मौत हो गई. एक लंबे समय से बीमार चल रहीं सुरेखा ने मुंबई स्थित अपने आवास में आखिरी सांस लिया है. सुरेखा के अचानक निधन से पूरी इंडस्ट्री सदमे में हैं. 

बता दें, सुरेखा का करियर लगभग 43 साल कर रहा है. इस दौरान सुरेखा ने कई उतार-चढ़ाव देखे हैं. एक वक्त ऐसा भी था, जब सुरेखा के पास कोई काम नहीं था. ऐसे में सुरेखा की आर्थिक मदद के लिए उनके कई जान-पहचान खड़े हुए थे. 

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2020 में आया था ब्रेन स्ट्रोक

अपनी खुद्दारी के लिए पहचानी जाने वालीं सुरेखा ने उन सभी आर्थिक मदद को सिरे से नकार दिया था. दरअसल 2020 में बीमार पड़ गई थीं. ब्रेन स्ट्रोक की वजह से उन्हें अस्पताल में दाखिल करवाया गया. मीडिया में खबरें आने लगीं कि उन्हें फाइनैंसल हेल्प की जरूरत है. मीडिया में सुरेखा के नर्स के हवाले से खबरें फैल गई थी कि फीस ज्यादा होने की वजह से वे अस्पताल में इलाज नहीं करवा पा रही हैं. ऐसे में सुरेखा के कई जानकार उनकी मदद के लिए आगे आए. 

 

 

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आर्थिक तंगी की खबरों का किया था खंडन 

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सुरेखा ने इस सभी खबरों का खंडन करते हुए कहा था कि उन्हें किसी फाइनैंसियल हेल्प की जरूरत नहीं है. सुरेखा के मैनेजर ने इस मामले पर सफाई देते हुए कहा था, मीडिया में गलत तरीके से सुरेखा जी को दर्शाया गया है. उनकी आर्थिक स्थिती ठीक है और बेटे समेत पूरा परिवार इस घड़ी में उनके साथ खड़ा हुआ है. फिलहाल उन्हें आर्थिक मदद नहीं चाहिए, मदद के लिए आए लोगों का शुक्रिया.

घर बैठ परिवार पर बोझ नहीं बनना चाहती थीं सुरेखा

वहीं कोरोना की वजह से 65 से अधिक उम्र के लोगों पर लगी पाबंदी के सुरेखा खासी नाराज थीं. उन्होंने इंटरव्यू के दौरान कहा था, इस तरह घर पर बैठकर अपने परिवार पर बोझ नहीं बनना चाहती हूं. साथ ही मैं लोगों के बीच कोई गलत धारणा नहीं डालना चाहती कि मैं भीख मांग रही हूं. मैं काम करने में सक्षम हूं और चाहती हूं कि मुझे पैसे देने के बजाय काम दिया जाए. जिसे मैं सम्मानपूर्वक करना चाहती हूं. 

 

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