'8 घंटे काम करते हैं महेश बाबू...', बोले राजामौली, लोगों को याद आईं दीपिका पादुकोण

बीते दिनों फिल्म इंडस्ट्री में 8 घंटे की शिफ्ट डिमांड को लेकर कई बड़े कलाकारों ने अपनी राय रखी हैं. अब दिग्गज फिल्म डायरेक्टर SS राजमौली ने महेश बाबू के वर्किंग ओवर पर उनके काम की तारीफ की है.

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महेश बाबू पर बोले रामाजौली (Photo: YOGEN SHAH) महेश बाबू पर बोले रामाजौली (Photo: YOGEN SHAH)

aajtak.in

  • नई दिल्ली ,
  • 17 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 4:56 PM IST

एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण के आठ घंटे काम की डिमांड को लेकर इंडस्ट्री में लगातार ही बहस छिड़ी हुई है. इस बीच SS राजामौली की अपकमिंग फिल्म 'वाराणसी' की भी हर तरफ हर चर्चा हो रही है. हैदाराबाद में हजारों लोगों के सामने ग्लोबट्रॉटर इवेंट के दौरान फिल्म का टीजर पेश किया गया. इस दौरान राजामौली ने फिल्म के एक्टर महेश बाबू की जमकर तारीफ की और वर्किंग आवर्स पर कमेंट किया.

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ग्लोबट्रॉटर इवेंट के दौरान एसएस राजामौली ने कहा, 'महेश बाबू शूटिंग के दौरान लगातार आठ घंटे काम करते हैं और इस बीच अपना फोन नहीं छूते. वह बेहद ही प्रोफेशनल और फिल्म के हर सीन में अपनी पूरी ताकत झोंक देते हैं.'

काम के घंटों पर बोले राजामौली
महेश बाबू और काम के घंटों पर कमेंट करते हुए डायेरक्टर एसएस राजामौली ने कहा, 'महेश बाबू के किरदार में कुछ खास बात है. हम सभी उनसे कुछ सीख सकते हैं. मैं आपको बता दूं कि जब महेश बाबू ऑफिस या शूटिंग के लिए आते हैं, तो वह अपने मोबाइल फोन को हाथ तक नहीं लगाते. वह आठ घंटे काम करते हैं और वापस आने पर ही अपने मोबाइल फोन को देखते हैं.'

दिलचस्प बात यह है कि महेश बाबू के आठ घंटे शिफ्ट का कमेंट ऐसे वक्त आया है, जब बॉलीवुड सुपरस्टार दीपिका पादुकोण ने मां बनने के बाद आठ घंटे की शिफ्ट डिमांड पर काफी जोर दिया है. उनके इस फैसले ने कथित तौर पर एक्टर प्रभास की 'कल्कि 2' और 'स्पिरिट' जैसी बड़ी फिल्मों से उन्हें निकलना पड़ा. एसएस राजमौली के स्टेटमेंट से सोशल मीडिया पर यूजर्स दीपिका पादुकोण को भी याद कर रहे हैं.

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दीपिका पादुकोण ने क्या कहा?
हार्पर बाजार इंडिया को दिए इंटरव्यू में हाल ही में दीपिका ने कहा, 'हमने जरूरत से ज्यादा काम करना नॉर्मल मान लिया है. हम थकान को समझने की भूल करते हैं. इंसान की बॉडी और दिमाग के लिए 8 घंटे काम करना काफी है. मैं इसी पर फोकस रहना चाहती हूं क्योंकि स्वस्थ रहने पर ही आप अपना बेस्ट दे सकते हैं. एक थके हुए इंसान को काम पर लाने से किसी को फायदा नहीं होता. मेरे खुद के ऑफिस में हम सोमवार से शुक्रवार 8 घंटे ही काम करते हैं. हमारे यहां मैटरनिटी और पेटरनिटी को लेकर नीतियां हैं. हमें बच्चों को काम पर लाना सामान्य बनाना होगा.'

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