'लोगों को लगता है हमें अपने बच्चों की परवाह नहीं', मां बनने के बाद काम करने पर बोलीं Sonam Kapoor

सोनम कपूर ने हेल्थ के हिसाब से अपने आप को फिट कर लिया है. साथ ही अपनी जिंदगी के नए फेज को भी उन्होंने अच्छे से अपनाया है. इंडिया टुडे/आजतक से बातचीत में सोनम कपूर ने बताया कि नई मां होना उनके लिए कैसा है और उनकी अभी तक की जर्नी कैसी रही है.

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सोनम कपूर सोनम कपूर

aajtak.in

  • मुंबई ,
  • 23 अप्रैल 2024,
  • अपडेटेड 7:20 PM IST

सोनम कपूर और आनंद आहूजा अपने बेटे वायु को पाकर बेहद खुश हैं. एक्ट्रेस ने बेटे वायु को 22 अगस्त 2022 में जन्म दिया था. सोनम मदरहुड एन्जॉय कर रही हैं. उनका कहना है कि वो हर दूसरी मां की तरह अपने बेटे के बेहद करीब हैं और बच्चे का ख्याल रखने के साथ-साथ काम पर भी ध्यान देने की कोशिश कर रही हैं. एक्ट्रेस ने हेल्थ के हिसाब से अपने आप को फिट कर लिया है. साथ ही अपनी जिंदगी के नए फेज को भी उन्होंने अच्छे से अपनाया है. इंडिया टुडे/आजतक से बातचीत में सोनम कपूर ने बताया कि नई मां होना उनके लिए कैसा है और उनकी अभी तक की जर्नी कैसी रही है.

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काम करने वाली मांओं पर बोलीं सोनम

सोनम कपूर से पूछा गया कि क्या मॉम गिल्ट एक असली चीज होती है. और क्या आप खुद को मदरहुड के लिए सही में तैयार कर सकते हैं. इसके जवाब में एक्ट्रेस ने कहा, 'कोई भी मदरहुड के लिए तैयार नहीं हो सकता. आप भले ही घर में रहने वाली मां हों या फिर कामकाजी मां. हर कोई मॉम गिल्ट से गुजरता है. भले ही आप घर में कपड़े धो रहे हों, किचन में काम कर रहे हों या फिर किसी के साथ इंटरव्यू कर रहे हों, वो गिल्ट हमेशा आपके अंदर रहता है.'

कामकाजी मांओं के बारे में भी सोनम कपूर ने बात की. वर्किंग मांओं को लेकर चली आ रही स्टीरियोटाइप सोच को तोड़ते हुए सोनम ने कहा, 'कामकाजी मांओं के बारे में सबसे बड़ी धारणा ये है कि लोग सोचते हैं कि हमें अपने बच्चों की परवाह नहीं है और हम अपने काम की परवाह ज्यादा करते हैं. ये सच नहीं है. हम अपने बच्चों की इतनी परवाह करते हैं कि हमारा काम करने का मन करे.'

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कैसे मदरहुड ने बदली जिंदगी?

सोनम से हमने ये भी पूछा कि मां बनने के बाद उनकी जिंदगी में क्या पॉजिटिव बदलाव आया है. इसपर उन्होंने कहा, 'मेरी जिंदगी में मां बनने के बाद ये पॉजिटिव बदलाव आया है कि अब मैं अपने जैसा ज्यादा महसूस करती हूं. मुझे उस पॉइंट तक पुश कर दिया गया था जहां मुझे खुद को अपनाना पड़ा, क्योंकि मेरी पूरी बॉडी बदल गई थी. मेरी सोच बदल गई और मैंने सोचा कि अब अगर मैंने अपने आप को नहीं अपनाया कि मैं कौन हूं, क्या हूं और मेरा शरीर कैसे बदल गया है, तो कभी नहीं अपना पाऊंगी. यही वक्त है मेरे समझने का नहीं तो मैं बहुत खराब जगह पर पहुंच जाऊंगी. तो मुझे खुद के साथ ओके होना सीखना पड़ा कि मैं कौन हूं और अपनी जिंदगी में कहां हूं.'

(रिपोर्ट - हेषा चीमाह)

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