राजेश खन्ना संग लिव-इन रिलेशनशिप के दौरान मैंने खुद को ही खो दिया, बोलीं अनिता आडवाणी

राजेश खन्ना की मौत के बाद से ही अनिता आडवाणी अपनी हक की लड़ाई लड़ रही हैं. अनिता का केस अब सुप्रीम कोर्ट में है. अपने अस्तित्व की इस लड़ाई में अनिता ने न केवल अपना करियर गंवाया है बल्कि वे तो आर्थिक रूप से भी काफी कमजोर हो गई हैं. हालांकि उन्होंने हार नहीं मानी हैं और उनका कहना है कि वे मरते दम तक अपने हक के लिए लड़ेंगी.

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राजेश खन्ना और अनिता आडवानी राजेश खन्ना और अनिता आडवानी

नेहा वर्मा

  • मुंबई ,
  • 01 अक्टूबर 2021,
  • अपडेटेड 6:06 PM IST
  • इन दिनों क्या कर रही हैं राजेश खन्ना की लिव इन पार्टनर अनिता
  • सुप्रीम कोर्ट तक पहुंची लड़ाई
  • कहा, कोर्ट मुकदमे से झेल रही हैं आर्थिक नुकसान

राजेश खन्ना की मौत के बाद अनिता आडवाणी काफी अकेले पड़ गई थीं. अनिता के अनुसार, उन्हें अचानक से आशीर्वाद(राजेश खन्ना का घर) से घक्के मारकर बाहर निकाल दिया गया. एक लंबे समय तक राजेश खन्ना संग लिव इन में रहने वालीं अनिता आज भी अपनी हक के लिए लड़ रही हैं. इस लड़ाई ंमें उन्होंने क्या खोया है, वो हमारे साथ शेयर करती हैं.  

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अनिता इन दिनों बांद्रा में अपने परिवार संग रह रही हैं. जब हमने उनसे संपर्क करने की कोशिश की, तो उनकी पहली लाइन यही थी, आप अचानक से इतने सालों बाद मुझसे क्या बात करना चाहती हैं.

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केस की वजह से नहीं कर रही काम 

अनिता से जब हमने जानना चाहा कि इन दिनों वे वर्कफ्रंट पर क्या कर रही हैं, तो जवाब में वे कहती हैं, मैं अभी केस की वजह से कोई काम नहीं कर पा रही हूं. हाई कोर्ट से असफलता मिलने के बाद मैंने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. इसकी काफी सुनवाई हो चुकी है और कुछ होनी बाकी है. इस वजह से बीच में आप कुछ काम कर नहीं सकते हैं. 

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इंडस्ट्री में किसी ने साथ नहीं दिया 

अनिता का परिवार और वे खुद इंडस्ट्री का हिस्सा रही हैं. अनिता ने कुछ फिल्में भी की हैं. ऐसे में इंडस्ट्री के सपोर्ट पर अनिता कहती हैं, एक चीज जो मैंने सीखी है कि यहां चढ़ते सूरज को सलाम किया जाता है. कोई भी किसी के साथ नहीं रहता है. यहां के लोग सतही हैं. मुझे यहां के लोगों से काफी उम्मीदें थीं लेकिन वो भी टूट गई. अब तो सच्चाई का सामना कर लिया है. एक दो लोग हैं, जो मेरे साथ खड़े हैं. 

आखिर में मेरा सबकुछ लुटकर ले गए 

सबकी जिंदगी तो चल ही रही थी, लोग अपनी-अपनी जगहों पर खुश भी थे. लेकिन किसी को मेरा सुकून रास नहीं आया. सबकुछ आकर बर्बाद कर दिया. बहुत बुरा लगता है ये सोचकर, कैसे न लगे.. इंसान अपनी पूरी जिंदगी दे दे और आपको रिस्पेक्ट भी न मिले. और उन लोगों का साथ न मिले, जिन्होंने एक वक्त कहा था कि आपके तो पांव धोकर पीने चाहिए. तो फिर मैं इस पर क्या ही कह सकती हूं. मैंने जो भी किया है, अपने दिल से किया है. किसी लालच में नहीं किया क्योंकि मैं उनसे वाकई में प्यार करती थी. मैंने तो अपना सबकुछ उनपर न्यौछावर कर दिया था. 

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हक के लिए मरते दम तक लड़ाई रहेगी 

अपनी लड़ाई के बारे में अनिता कहती हैं, यह लड़ाई मेरी सेल्फ रिस्पेक्ट और सेल्फ एस्टीम और हक की है. मैं उन हजार लोगों की आवाज बनना चाहती हूं, जो मेरी तरह विक्टिम रहे हैं. जिन्होंने रिश्तों का सजदा किया है.जिन्होंने अपने पार्टनर के लिए अपना सबकुछ न्यौछावर कर दिया है. ऐसे हजारों लोग हैं, जो अपने प्यार के लिए खड़ी होगीं. 2005 में लिव इन रिलेशनशिप को लेकर लॉ लाया गया है, मुझे उसकी वैल्यू दर्ज करवानी है. अगर वो कानून है और उसे मान्यता दी गई है, तो हम जैसे लोगों को राहत मिले. आपने तो खबरें तो सुनी होंगी कि लड़कियों ने मैरिज सर्टिफेकेट को लॉटरी समझ आखिरी वक्त पर इनकैश किया है. जो मेरे केस में भी ऐसा ही रहा है.   

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आशीर्वाद मेरा घर होता था 

देखिए पैसा और इन्फ्लूएंस का इस्तेमाल कर आप जीतने लगे, तो ऐसे में कोर्ट बननी ही नहीं चाहिए न. आप शक्ति का इस्तेमाल कर भले केस जीत जाएं लेकिन सच्चाई तो नहीं बदल सकते हैं न. हमारे यहां हम कानून के न्याय को हम भगवान का दर्जा देते हैं. अगर वहां भी इंसाफ न मिले, तो हम लोग यही मानेंगे  कि न कि यह केवल अमीरों और पावरफुल लोगों के लिए है. मेरी जो क्लोज फैमिली है, उन्होंने बहुत सपोर्ट किया है. उनके सपोर्ट की वजह से ही तो उनके घर पर हूं. बेशक हम उनकी तरह फाइनैंसियल  स्ट्रॉन्ग मेरा परिवार सामने वाले के परिवार के मुकाबले पावरफुल नहीं है. जिसका फर्क तो पड़ता ही है. मेरी जिंदगी ठीक-ठाक चल रही है. लेकिन जो लाइफ मैंने काका जी के साथ देखी है, वैसी तो अब बिलकुल भी नहीं रही. आशीर्वाद ही तो मेरा अपना घर होता था. 

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 बहुत आर्थिक नुकसान हो रहा है

इस पूरे वाकिये ने मुझे फाइनैंसियली बहुत नुकसान पहुंचाया है. मेरा करियर, शोहरत सबकुछ दांव पर लग गया है. मैं जहां भी जाती हूं, राजेश जी की रिस्पेक्ट मेरे साथ चलती है, तो ऐसे में मैं उनकी गरिमा का ध्यान रखते हुए मुझे काम का सोचना पड़ता है. एक्टिंग तो कहीं छूट ही गई. इन पावरफुल लोगों की वजह से भी कई बार काम मिलने में दिक्कत हुई है. लोग उनकी डर से काम देने में हिचकिचाते हैं. बिग बॉस के दौरान भी पता चला था कि मुझे बाहर निकलवाना चाहते थे. मेरे सीन्स एडिट करवाए जाते थे. इतनी पॉलिटिक्स देखकर दिमाग कई बार फ्रस्ट्रेट हो जाता है. मेरा सबकुठ छीन लिया,  मेरे घर से आकर ही मुझे निकाल दें, डोमेस्टिक वायलेंस तक झेला,  तो इससे बुरा क्या हो सकता है. मैं पिछले दस साल से ट्रॉमा में हूं. 

काका के सामने किसी की मजाल नहीं होती थी 

काका जबतक थे, तो किसी की मजाल नहीं थी कि आकर मुझसे कोई कहे. जब वे कमजोर हो गए, तो लोग आकर उनपर डिक्टेटरशिप चलाने लगे. उन्होंने कभी भी किसी की नहीं सुनी वे किसी की सुनते भी नहीं थे, फौरन लोगों को दफा कर देते थे. दुनिया को पता है कि वे लोग कितने पाखंडी है. यहां तक की जज से जब उन्होंने कहा कि हमने छोड़ा नहीं साथ थे, तो जज ने जवाब देते हुए कहा कि दुनिया जानती है, आप किसको झूठला रहे हो. लोगों को सब पता है कि वो कहां थीं किसके साथ थी, यह किसी से छिपी नहीं है बात. अगर आप झूठ कहेंगे, तो खुद का ही मजाक बनाएंगे. 

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मेरे साथ दर्दनाक धोखा हुआ है 

काका जी हमेशा कहते थे कि तुम मेरी जिम्मेदारी हो. हमारी प्राइवेटली 2007 में शादी हुई थी, जो चीजें ऑफिसियल थी, वो तो कहीं गायब ही हो गई. जब उनकी तबीयत बिगड़ी तो मुझे घर पर आने नहीं दिया, अस्पताल जाने नहीं दिया. चौथे पर बाउंसर लगा दिए गए थे. इस रिश्ते से मैंने बहुत कुछ पाया है, मैं संवरी हूं लेकिन अंत में जो दर्दनाक धोखा मेरे साथ हुआ, उसने मुझे झकझोर दिया. उसकी बहुत बड़ी कीमत चुका रही हूं, हालांकि यह दर्द मुझे और ही स्ट्रॉन्ग करता जा रहा है.

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