एक्ट‍िंग जर्नी पर बोले पंकज त्रिपाठी, 'यकीन नहीं होता गांव का लड़का एक्टर बन गया

बॉलीवुड एक्टर पंकज त्रिपाठी आज भले ही कई अवॉर्ड्स से नवाजे गए हों, लेकिन आज भी करियर के इस ऊंचाई में आने के बाद पुराने लोगों को नहीं भूले हैं. पंकज ने बताया कि एक्टिंग की इस जर्नी में कई लोगों ने उनके मनोबल को टूटने नहीं दिया है. जिनके कहे दो शब्द को भी वे किसी अवॉर्ड से कम नहीं मानते हैं.

Advertisement
पंकज त्रिपाठी पंकज त्रिपाठी

नेहा वर्मा

  • मुंबई,
  • 26 अगस्त 2021,
  • अपडेटेड 10:59 AM IST
  • पंकज त्रिपाठी इनके मेसेज को मानते हैं अपना सबसे बड़ा अवॉर्ड
  • एक्टिंग करियर पर काफी रहे उतार-चढ़ाव
  • अपनी इस जर्नी को बताया सपनों भरा

वैसे पंकज त्रिपाठी को फैंस व इंडस्ट्री वालों से बेशुमार प्यार व तारीफें मिलती रहती हैं. लेकिन एक ऐसी तारीफ है जिसे पंकज के भुलाए नहीं भूलतीं. आज पंकज त्रिपाठी को फिल्म इंडस्ट्री में आए हुए लगभग 15 साल हो गए हैं लेकिन उनके स्ट्रगल के दिनों में उनका हौसला बढ़ाने वाले चंद लोगों की तारीफें उनके जेहन में अब भी तरोताजा हैं. 

Advertisement

उन्होंने लंबी रेस का घोड़ा कहा था

पिछले दिनों आजतक से बातचीत के दौरान पंकज ने बताया कि उनके पास अवॉर्ड्स की भरमार हैं लेकिन वे कुछ लोगों के कॉम्प्लिमेंट को इन अवॉर्ड्स से ज्यादा मानते हैं. पंकज बताते हैं, आज से कई साल पहले मैंने भावना तलवार संग धरम फिल्म की थी. वो फिल्म के एडिट पर भी बैठी थीं. अचानक एक रात मुझे एडिटर और भावना का मेसेज आया था, आज हम एडिट पर बैठे हैं, तुम्हारा सीन देखकर लग रहा है कि तुम बहुत लंबी रेस का घोड़ा हो. यह आज से 12 साल पहले की बात है. इसके साथ श्रीधर राघवन अक्सर मेरा काम देखने के बाद मुझे मेसेज करते हैं. इसके अलावा मेरे एनएसडी के टीचर राम गोपाल बजाज ने मेरा प्ले देखने के बाद मुझे गले लगाते हुए बोलने लगे कि मैं खुश हूं कि तुम्हें एनएसडी में मैंने चुना था. ऐसे कई मौके रहे हैं, जो आपको जीवन में रिवॉर्ड व अवॉर्ड दे जाते हैं.

Advertisement

अमिताभ से पहले ये स्टार्स भी कर चुके हैं फिल्मों में फ्री में काम, नहीं ली कोई फीस

स्पोर्ट्स ब्रा में निया शर्मा का किलर डांस, बिना मेकअप के नजर आईं एक्ट्रेस 

पीछे मुड़कर देखता हूं, तो यकीन नहीं होता है
मेरी एक्टिंग को जर्नी को लगभग 12 साल हो गए हैं. पीछे मुड़कर देखता हूं, तो यकीन ही नहीं होता है. एक गांव का लड़का एक्टर बन गया. इन सालों में इतने किस्से होने के बावजूद लगता है कि यह, तो कल की ही बात है. मुंबई आए 16 से 17 साल हुए होंगे लेकिन लगता है कि कल की ही बात है. मैंने स्ट्रगल के दिनों भी कभी हतोस्ताहित भी नहीं हुआ था कभी. ये एक सपनों से भरी यात्रा लगती है, जिसमें समय का एहसास नहीं हुआ. हां, उतार-चढ़ाव, आशा-निराशा, सपने, उम्मीद भरे रहे. वैसे मैं कभी किसी से प्रभावित नहीं हुआ. न ही सफलता को सिर पर चढ़ने दिया है और न ही असफलता को दिल से लगाकर बैठता हूं. यह फिल्मी जर्नी है, जिसका सफर तय करते रहना है. 

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement