प्रभास, सैफ अली खान और कृति सेनन की रामायण एडाप्टेशन 'आदिपुरुष' को भला कौन भूल सकता है. 2023 में आई ये फिल्म जब अनाउंस हुई थी तो बॉलीवुड के सबसे बड़े प्रोजेक्ट्स में से एक थी. शुरूआत में 'आदिपुरुष' का बजट करीब 400 करोड़ रखा गया था जो फिल्म के थिएटर्स में पहुंचते-पहुंचते 600 करोड़ का आंकड़ा भी पार कर गया था. मगर इस फिल्म का जो हाल हुआ उसने मेकर्स ही नहीं, ऑडियंस को भी शॉक कर दिया.
'आदिपुरुष' उन दुर्लभ फिल्मों में से एक है जिसकी सबसे बड़ी आलोचना उन दर्शकों ने की जो इसके आने का इंतजार सबसे ज्यादा बेसब्री से कर रहे थे. ऐसी बड़ी फिल्म के फ्लॉप होने के बाद सबसे बड़ा सवाल उठा डायरेक्टर ओम राउत के काम पर. लोगों को लगा कि 'आदिपुरुष' का जो हश्र हुआ उसके बाद उनके करियर का क्या होगा?
प्रभास स्टारर फिल्म का हाल जो भी हुआ हो मगर ऐसा नहीं है कि राउत एक बुरे फिल्ममेकर हैं. बस कुछ क्रिएटिव फैसले ऐसे होते हैं जो किसी प्रोजेक्ट को मिसफायर बना देते हैं. अब ओम राउत ने अपनी अगली फिल्म अनाउंस की है और ये फिल्म एक प्रॉमिसिंग प्रोजेक्ट नजर आ रही है, जो राउत की दमदार वापसी करवा सकती है.
ओम राउत का नया प्रोजेक्ट- 'कलाम'
'आदिपुरुष' के बाद अब ओम राउत की अगली फिल्म भारत के पूर्व राष्ट्रपति ए.पी.जे. अब्दुल कलाम की कहानी लेकर आ रही है. बुधवार को सोशल मीडिया पर फिल्म अनाउंस करते हुए ओम राउत ने लिखा, 'रामेश्वरम से राष्ट्रपति भवन तक, एक लेजेंड का सफर शुरू होता है... सिल्वर स्क्रीन्स पर आ रहा है भारत का मिसाइल मैन.'
'कलाम' के पोस्टर के साथ ये भी अनाउंस कर दिया गया है कि पॉपुलर तमिल फिल्म स्टार धनुष इसमें ए.पी.जे. अब्दुल कमाल का रोल करने जा रहे हैं. लीड रोल में धनुष का होना अपने आप में एक बहुत भरोसा देने वाली बात है. जिस गंभीरता, मेहनत और क्राफ्ट के साथ धनुष अपने किरदार निभाते हैं, वो 'कलाम' की सबसे बड़ी खूबी साबित हो सकता है. मगर इस फिल्म की अनाउंसमेंट के साथ कुछ लोग सोशल मीडिया पर ओम राउत के पिछले फेलियर 'आदिपुरुष' का भी जिक्र करते दिखे. ऐसे में सवाल ये है कि क्या 'आदिपुरुष' जैसी डिजास्टर फिल्म देकर आ रहे ओम राउत क्या फिर से कमबैक कर पाएंगे?
ओम राउत की फिल्ममेकिंग में है एक्स-फैक्टर
न्यू यॉर्क में एमटीवी के लिए काम कर चुके ओम राउत ने भारतीय फिल्म इंडस्ट्री के तौर तरीके 'सिटी ऑफ गोल्ड' और 'हॉन्टेड- 3डी' पर बतौर प्रोड्यूसर काम करते हुए सीखे. डायरेक्टर के रोल में राउत ने मराठी फिल्म 'लोकमान्य' (2015) से डेब्यू किया.
उनकी पहली फिल्म भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के नायकों में से एक, बाल गंगाधर तिलक की बायोग्राफी थी. अपनी पहली ही फिल्म को राउत ने जिस तरह क्राफ्ट किया उसकी खूब तारीफ हुई थी. लिमिटेड बजट में बनी 'लोकमान्य' की पूरी प्रेजेंटेशन बहुत इम्प्रेसिव थी और इसमें नजर आ रहा था कि राउत में सिनेमाई एलिमेंट्स की एक बेहतरीन समझ है जो कहानियों को बड़े पर्दे पर 'एपिक' बनाने के लिए जरूरी है. एक्टर सुबोध भावे को राउत ने जिस तरह बाल गंगाधर तिलक के रोल में पेश किया, उसे जनता और क्रिटिक्स से बहुत तारीफ मिली. 'लोकमान्य' ना सिर्फ बॉक्स ऑफिस पर कामयाब रही बल्कि सुबोध भावे के करियर की सबसे बड़ी फिल्मों में से एक बन गई.
ओम राउत ने अपनी दूसरी फिल्म के लिए एक और मराठी लेजेंड तानाजी मलुसरे की कहानी चुनी. वैसे तो ये कहानी उन्होंने 'लोकमान्य' से पहले लिखी थी. लेकिन इसका जैसा विजुअल ट्रीटमेंट उन्होंने सोचा था, उसके लिए बहुत बड़ा बजट चाहिए था जो एक नए डायरेक्टर को मिलना मुश्किल था. 'लोकमान्य' की कामयाबी ने उन्हें मदद की और उन्होंने अपनी नई फिल्म 'तानाजी' सीधा बॉलीवुड स्टार अजय देवगन को पिच की. स्क्रिप्ट में इतना दम था कि अजय सिर्फ लीड रोल के लिए ही राजी नहीं हुए बल्कि उन्होंने ये फिल्म प्रोड्यूस भी की. 'तानाजी' के विजुअल्स, एक्शन कोरियोग्राफी और पूरी प्रेजेंटेशन की जमकर तारीफें मिलीं.
'तानाजी' की कामयाबी ने राउत को अपना ड्रीम प्रोजेक्ट आगे बढ़ाने की ताकत दी. कॉलेज के दौर में उन्होंने 'रामायण' पर बनी एक जापानी फिल्म देखी थी और तभी से भगवान राम की कहानी को अपने तरीके से पर्दे पर लाना चाहते थे. 'आदिपुरुष' की स्क्रिप्ट में उन्होंने अपने इस आईडिया को शक्ल दी. प्रभास, सैफ अली खान और कृति सेनन स्टारर ये फिल्म ना सिर्फ बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप हुई बल्कि इसकी तगड़ी आलोचना भी हुई.
यहां ध्यान देने वाली बात ये है कि 'आदिपुरुष' की नाकामयाबी का ये मतलब हरगिज नहीं निकाला जाना चाहिए कि राउत की फिल्ममेकिंग कमजोर है. ये सिर्फ एक आईडिया और प्रेजेंटेशन के एक डिजाईन की नाकामयाबी थी. फिल्ममेकर्स के साथ ये सब होता रहता है मगर इससे ये फैक्ट और मजबूत होता है कि ओम राउत के पास नए आईडियाज और एक्स्परिमेंट्स की कमी नहीं है.
उनका नया प्रोजेक्ट 'कलाम' एक बार फिर से एक बायोग्राफी स्टाइल फिल्म है और इस तरह के प्रोजेक्ट को हैंडल करने में राउत की महारत उनके पहले दो प्रोजेक्ट्स 'लोकमान्य' और 'तानाजी' में नजर आ चुकी है. पूर्व राष्ट्रपति कलाम पर बन रही ये फिल्म राउत की पिछली फिल्मों के ग्रैंड स्टोरीटेलिंग स्टाइल से बहुत अलग, एक रियलिस्टिक टोन वाली फिल्म होगी. ऐसे में राउत को फिर से अपना सिनेमेटिक हुनर दिखाने का पूरा मौका मिलेगा, जैसे वो 'आदिपुरुष' से पहले दिखाते आ रहे थे. अब देखना है कि 'कलाम' में धनुष के साथ मिलकर ओम राउत क्या कमाल करते हैं.
सुबोध मिश्रा