बस एक बड़ी फिल्म की कमी और फिर शुरू हो गया हिंदी वर्सेज साउथ... क्या सच में इतना ठंडा चल रहा बॉलीवुड?

इधर बॉलीवुड फिल्मों के फैन्स तो सूखा झेल ही रहे थे, दूसरी तरफ एक बड़े ट्रेड एनालिस्ट के सोशल मीडिया पोस्ट ने अब माहौल और गर्म कर दिया है. इस पोस्ट का निचोड़ ये था कि क्या अब साउथ के बड़े स्टार्स बॉक्स ऑफिस पर बॉलीवुड का सूखा दूर करेंगे? आइए देखते हैं , क्या सच में ऐसा हाल है!

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अजय देवगन, तब्बू, यामी गौतम अजय देवगन, तब्बू, यामी गौतम

सुबोध मिश्रा

  • नई दिल्ली ,
  • 27 अप्रैल 2024,
  • अपडेटेड 10:00 AM IST

बॉलीवुड फैन्स के लिए पिछले कुछ हफ्ते काफी फीके रहे हैं. मार्च के अंत में रिलीज हुई 'क्रू' के बाद से कोई ऐसी बड़ी फिल्म नहीं आई जिसके लिए थिएटर्स में जनता की भीड़ लग जाए. तब्बू, करीना कपूर और कृति सेनन की 'क्रू' ने अप्रैल के शुरुआती कुछ दिनों में तो जनता को भरपूर एंटरटेनमेंट दिया. मगर इसके बाद से इस तपती गर्मी में जनता को बॉलीवुड से भी कोई राहत देने वाली फिल्म नहीं मिली. 

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ईद वाले वीकेंड में अजय देवगन की 'मैदान' के साथ अक्षय कुमार और टाइगर श्रॉफ की 'बड़े मियां छोटे मियां' के क्लैश से कुछ माहौल बनने की उम्मीद थी. मगर ये दोनों बड़ी फिल्में भी ऐसी ठंडी निकलीं कि दो हफ्ते में ही बॉक्स ऑफिस पर भरभरा कर गिर पड़ीं. 

इधर बॉलीवुड फिल्मों के फैन्स तो सूखा झेल ही रहे थे, दूसरी तरफ एक बड़े ट्रेड एनालिस्ट के सोशल मीडिया पोस्ट ने अब माहौल और गर्म कर दिया है. इस पोस्ट का निचोड़ ये था कि क्या अब साउथ के बड़े स्टार्स बॉक्स ऑफिस पर बॉलीवुड का सूखा दूर करेंगे? इसमें जूनियर एनटीआर, प्रभास, अल्लू अर्जुन, राम चरण, कमल हासन और सूर्या जैसे स्टार्स का नाम लिया गया. तर्क ये था कि इन सभी की आने वाली पैन इंडिया फिल्मों को उत्तर भारत में बड़ी रिलीज मिलेगी. 

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ऐसे में ये हिंदी फिल्म मार्किट का सूखा दूर करने का पूरा दम रखती हैं. जिन साउथ स्टार्स की यहां बात हो रही है, यकीनन उनकी बॉक्स ऑफिस पावर तगड़ी है और इनकी फिल्में दमदार निकलीं तो हिंदी ऑडियंस कमाई की बौछार भी कर ही देगी. मगर यहां सवाल ये है कि क्या 2023 में इंडियन सिनेमा पर कमाई की बरसात करवाने वाला बॉलीवुड क्या 2024 के पहले 4 महीनों में इस हालत में पहुंच गया है कि उसे 'रेस्क्यू' की जरूरत है?

क्या कहता है बॉलीवुड का रिपोर्ट कार्ड
अप्रैल में बॉलीवुड की कोई रिलीज बड़ा कमाल नहीं कर पाई. लेकिन मार्च तक देखें तो, साल की पहली तिमाही में इंडस्ट्री का सक्सेस रेट असल में पिछले साल से अच्छा है. 2023 के पहले तीन महीनों में बॉलीवुड की तीन फिल्में क्लियर हिट थीं- पठान, मिसेज चैटर्जी वर्सेज नॉर्वे और तू झूठी मैं मक्कार. 

जबकि अजय देवगन की 'भोला' फ्लॉप के टैग से बच निकली थी, मगर इसे हिट भी नहीं कहा जा सकता. इन फिल्मों ने बॉलीवुड को वर्ल्डवाइड बॉक्स ऑफिस पर 1400 करोड़ रुपये से ज्यादा का बिजनेस दिया था. 

इस साल पहली तिमाही में बॉलीवुड को 4 साफ हिट्स मिली हैं- शैतान, क्रू, तेरी बातों में ऐसा उलझा जिया और आर्टिकल 370. जबकि ऋतिक रोशन की 'फाइटर' भले हिट होने से चुकी हो, मगर फ्लॉप भी नहीं कही जा सकती. इन 5 फिल्मों ने बॉलीवुड को वर्ल्डवाइड बॉक्स ऑफिस से 950 करोड़ से ज्यादा कलेक्शन लाकर दिया. पिछले साल की तुलना में, इस साल बॉलीवुड से बस एक ही कमी रही कि पहले तीन महीने में 'पठान' जैसी कोई 500 करोड़ या 1000 करोड़ कमाने वाली फिल्म नहीं मिली. वरना कामयाबी के मामले में इस साल बॉलीवुड का हिसाब सबसे अच्छा रहा है. 

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साउथ की फिल्मों का क्या है हाल?
जिस सोशल मीडिया पोस्ट से बॉलीवुड वर्सेज साउथ वाला मुद्दा दोबारा निकल आया है, उसमें जिन साउथ स्टार्स का नाम लिया गया, उनमें जूनियर एनटीआर, प्रभास, अल्लू अर्जुन और राम चरण तेलुगू इंडस्ट्री से आते हैं. जबकि कमल हासन और सूर्या तमिल इंडस्ट्री से. 

तेलुगू इंडस्ट्री का हाल देखें तो पहले तीन महीने में वहां से सिर्फ 3 हिट्स निकली हैं- हनुमान, गुंटूर कारम और टिल्लू स्क्वायर. इन फिल्मों का टोटल वर्ल्डवाइड कलेक्शन 650 करोड़ से थोड़ा ही ज्यादा है. जबकि तमिल इंडस्ट्री की दो बड़ी हिट्स 'कैप्टन मिलर' और 'अयलान' वर्ल्डवाइड बॉक्स ऑफिस पर 200 करोड़ से थोडा ही ज्यादा कलेक्शन कर पाईं. जबकि कन्नड़ इंडस्ट्री इस साल एक अदद 100 करोड़ वाली फिल्म के लिए तरस रही है. 

साउथ में मलयालम इंडस्ट्री का कमाल 
इनके मुकाबले मलयालम फिल्म इंडस्ट्री ने इस साल बहुत बड़ा कमाल किया है. ये एक इंडस्ट्री है जिसका सक्सेस रेट इस साल बॉलीवुड से भी ज्यादा रहा है, लेकिन बॉक्स ऑफिस के मामले में मलयालम सिनेमा के लिए हिंदी को चुनौती देना अभी थोड़ा सा मुश्किल है. मलयालम को अभी तक इस साल पांच क्लियर बड़ी हिट्स मिली हैं- मंजुमेल बॉयज, आदुजीवितम, प्रेमलु, आवेशम और ब्रह्मयुगम. इन फिल्मों से इंडस्ट्री को वर्ल्डवाइड 700 करोड़ कलेक्शन मिला है. 

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बॉक्स ऑफिस साइज के मामले में मलयालम फिल्म इंडस्ट्री को तेलुगू और तमिल फिल्मों के मुकाबले काफी छोटा माना जाता है. इस हिसाब से देखें तो मलयालम सिनेमा के लिए ये साल अद्भुत कामयाबी लेकर आ रहा है. अब वापस उसी पोस्ट पर चलते हैं जहां से दोबारा सारी बहस शुरू हुई है. जिन स्टार्स से हिंदी फिल्म मार्किट का भला करने की उम्मीद जताई जा रही है, उनकी फिल्में चलीं तो वो तेलुगू और तमिल स्टार्स अपनी ही इंडस्ट्री का भला करेंगे. हिंदी मार्किट में उनकी कामयाबी एक एडिशनल बेनिफिट ही रहेगी. 

बॉलीवुड अभी भी अकेली इंडियन फिल्म इंडस्ट्री है जिसने इस साल 1000 करोड़ से ज्यादा वर्ल्डवाइड बॉक्स ऑफिस कलेक्शन देखा है. अप्रैल खत्म होने को है और मई में भी बहुत ज्यादा बड़ी बॉलीवुड फिल्में नहीं हैं. मगर मई के अंत में आ रही वरुण धवन की 'बेबी जॉन' सरप्राइज करने का पूरा दम रखती है. इसके आगे कार्तिक आर्यन की 'चंदू चैंपियन', अक्षय कुमार की 'सरफिरा', अजय देवगन की 'सिंघम अगेन' और राजकुमार राव की 'स्त्री 2' जैसी फिल्में आएंगी. 

बॉलीवुड के लाइन-अप में कई ऐसी फिल्में हैं जो 200-300 करोड़ तक आराम से कमा सकती हैं. शाहरुख-सलमान और आमिर की खान तिकड़ी के न होने से ये देखना दिलचस्प होगा कि कौन सी हिंदी फिल्म इस साल वो 1000 करोड़ का बिजनेस लेकर आती है, जो तूफान मचाती है.  

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