'गाय कुछ लोगों के लिए गुनाह हो सकती है, हमारे लिए माता है', काशी में बोले पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी में पिंडरा विधानसभा में एक जनसभा को संबोधित करते हुए विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि कुछ लोगों ने ऐसे हालात पैदा कर दिए कि गाय की पूजा करके हम गुनाह कर रहे हैं, लेकिन गाय हमारे लिए माता है.

Advertisement
पीएम मोदी ने वाराणसी में जनसभा को संबोधित किया. (फोटो- ट्विटर) पीएम मोदी ने वाराणसी में जनसभा को संबोधित किया. (फोटो- ट्विटर)

aajtak.in

  • वाराणसी,
  • 23 दिसंबर 2021,
  • अपडेटेड 4:23 PM IST
  • वाराणसी से पीएम मोदी का विपक्ष पर हमला
  • बोले- उनके सिलेबस में माफियावाद, परिवारवाद

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज वाराणसी में थे. यहां उन्होंने 2100 करोड़ रुपये की लागत की 27 परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया. इस दौरान पीएम मोदी ने पिंडरा विधानसभा के करखियांव में जनसभा को संबोधित भी किया. जनसभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने विपक्ष पर जोरदार हमला बोला. पीएम मोदी ने कहा कि गाय कुछ लोगों के लिए गुनाह हो सकती है, लेकिन हमारे लिए माता है. इतना ही नहीं, पीएम ने ये भी कहा कि उनके सिलेबस में माफियावाद और परिवारवाद है, लेकिन हमारे सिलेबस में विकास है.

Advertisement

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमारे यहां गाय की बात करना, गोबर धन की बात करना, कुछ लोगों ने ऐसे हालात पैदा कर दिए हैं जैसे हम गुनाह कर रहे हैं. गाय कुछ लोगों के लिए गुनाह हो सकती है, हमारे लिए गाय माता है. पूजनीय है.

ये भी पढ़ें-- बेटियों की शादी की उम्र बढ़ाने से किसे दिक्कत, आखिर PM मोदी का इशारा किस तरफ?

उन्होंने कहा कि एक जमाना था जब हमारे गांवों में घर-आंगन में मवेशियों के झुंड ही संपन्नता की पहचान थे और हमारे यहां तो कहा भी जाता था कि हर कोई पशुधन कहता है. किसके दरवाजे पर कितने खूंटे हैं, इसको लेकर स्पर्धा रहती थी. हमारे शास्त्रों में भी कहा गया है कि गायें मेरे चारों ओर रहे और मैं गायों के बीच निवास करूं. ये सेक्टर हमारे यहां रोजगार का भी हमेशा से बहुत बड़ा माध्यम रहा है. लेकिन बहुत लंबे समय तक इस सेक्टर को जो समर्थन मिलना चाहिए था, वो पहले की सरकारों में मिला नहीं. 

Advertisement

उन्होंने कहा कि यूपी के विकास में डबल इंजन की डबल शक्ति और डबल विकास की बात करता हूं तो कुछ लोगों को कष्ट हो जाता है. ये वो लोग हैं जिन्होंने यूपी की राजनीति को जाति, पंथ, मजहब के चश्मे से देखा. इन लोगों ने कभी यूपी के विकास को नहीं चाहा. सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास की परिभाषा भी उनके सिलेबस में नहीं है. उनके सिलेबस में माफियावाद, परिवारवाद, घरों-जमीनों पर अवैध कब्जा है. पहले की सरकारों के समय यूपी के लोगों को जो मिला और अब जो मिल रहा है, उसका फर्क साफ है.

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement