BSP Sammelan: अयोध्या से बसपा के 'मिशन ब्राह्मण' का आगाज, मथुरा-काशी से भी होगा शंखनाद

23 जुलाई को अयोध्या से इस मिशन का पहला चरण शुरू हो गया है. बसपा के राष्ट्रीय महासचिव और मायावती के सबसे करीबी नेता सतीश चंद्र मिश्रा ने इस कार्यक्रम का शुभारंभ किया है.

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पांच चरण में पूरा होगा बसपा का 'मिशन ब्राह्मण' (फाइल फोटो-रॉयटर्स) पांच चरण में पूरा होगा बसपा का 'मिशन ब्राह्मण' (फाइल फोटो-रॉयटर्स)

कुमार अभिषेक

  • लखनऊ,
  • 23 जुलाई 2021,
  • अपडेटेड 5:45 PM IST
  • पांच चरणों में होंगे बसपा के प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन
  • 23 जुलाई को अयोध्या से हो गया मिशन का आगाज
  • वाराणसी और मथुरा से भी होगी अगले चरणों की शुरुआत

यूपी में चुनावी माहौल है और राजनीतिक दलों के एजेंडे भी शुरू हो गए हैं. बहुजन समाज पार्टी ने इस चुनाव में ब्राह्मण समाज को साथ लाने का मिशन बनाया है जिसके तहत पार्टी पूरे राज्य में  'प्रबुद्ध वर्ग संवाद सुरक्षा सम्मान विचार गोष्ठी' यानी ब्राह्मण सम्मेलनों का आयोजन कर रही है. पांच चरण में ये सम्मेलन पूरे होंगे और सभी का आगाज यूपी की अलग-अलग धार्मिक नगरी से किया जा रहा है.

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23 जुलाई को अयोध्या से इस मिशन का पहला चरण शुरू हो गया है. बसपा के राष्ट्रीय महासचिव और मायावती के सबसे करीबी नेता सतीश चंद्र मिश्रा ने इस कार्यक्रम का शुभारंभ किया है. रामलाल के दर्शन, हनुमान गढ़ी में पूजा-पाठ और सरयू तट पर आरती कर सतीश चंद्र मिश्रा ने अपना एजेंडा साफ कर दिया है. 

इतना ही नहीं, उन्होंने सार्वजनिक मंच से सीधे-सीधे ब्राह्मण और दलितों के गठजोड़ की आवाज उठा दी है. सतीश चंद्र मिश्रा ने कहा कि अगर 13 प्रतिशत ब्राह्मण और 23 प्रतिशत दलित मिलकर भाईचारा कायम कर लें तो बसपा की सरकार बनने से कोई रोक नहीं सकता.

सतीश चंद्र मिश्रा ने खींच दी लकीर!

इसके साथ ही सतीश चंद्र मिश्रा ने बीजेपी में ब्राह्मण का स्थान भी बता दिया. उन्होंने कहा कि बीजेपी में ब्राह्मण सिर्फ गुलदस्ता भेंट करने के लिए रखे गए हैं. इस तरह अयोध्या की धरती से राम मंदिर निर्माण की सरगर्मियों के बीच सतीश चंद्र मिश्रा ने बसपा का 2022 का चुनावी एजेंडा साफ कर दिया है. अगले चार चरण की शुरुआत जिन स्थानों से हो रही है वो भी प्रतीकात्मक तौर पर काफी मायने रखते हैं. 

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सतीश चंद्र मिश्रा ने बताया है कि इस सम्मेलन के दूसरे चरण का आगाज मथुरा, तीसरे चरण का वाराणसी, चौथे चरण का चित्रकूट और पांचवे चरण का बुद्ध की भूमि से होगा.

इस तरह बसपा अपने मिशन में जुटेगी और एक बार फिर ब्राह्मणों का साथ पाने की कोशिश करेगी. बसपा को जब 2007 में ब्राह्मणों का साथ मिला था तो यूपी में मायावती के नेतृत्व में पार्टी की पूर्ण बहुमत की सरकार बनी थी. मायावती इस बार भी ऐसे ही किसी चमत्कार की उम्मीद कर रही हैं, यही वजह है कि सतीश चंद्र मिश्रा ने साफ-साफ कह दिया कि दलित-ब्राह्मण साथ आ जाएं तो सरकार बनने से कोई नहीं रोक सकता.


 

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