तेलंगाना दौरे पर पहुंचे कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने AIMIM को बीजेपी और बीआरएस का पार्टनर बताया था. राहुल के बयान पर पलटवार करते हुए AIMIM चीफ और हैदराबाद सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि तेलंगाना विधानसभा में बीजेपी-कांग्रेस गठबंधन की जितनी सीटें आएंगी, उससे ज्यादा सीटें मेरी रॉयल इनफील्ड के पास हैं.
ओवैसी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'X' पर लिखा, "जैसा कि अनुमान लगाया गया था कि राहुल बाबा का 'बी-टीम' रोना शुरू हो गया है. उन्होंने अपनी अमेठी सीट बीजेपी को क्यों गिफ्ट कर दी? और अगर बीजेपी के पास यहां 'बी-टीम' है तो तेलंगाना में बीजेपी इतनी कमजोर क्यों है? बाबा को एक सेफ सीट खोजने के लिए वायनाड क्यों जाना पड़ा?"
हैदराबाद सांसद ने कहा, "चुनाव में तेलंगाना विधानसभा में जितनी सीटें बीजेपी-कांग्रेस RSS गठबंधन जीतेगा, उससे ज्यादा सीटें मेरी रॉयल इनफील्ड के पास हैं."
ओवैसी की यह टिप्पणी राहुल गांधी के तेलंगाना के मुलुगु में एक रैली के दौरान दिए गए बयान के बाद आई है, जहां उन्होंने दावा किया था कि AIMIM, बीजेपी और केसीआर की पार्टी बीआरएस के साथ मिलकर काम कर रही है.
राहुल गांधी ने बुधवार को कहा, “तेलंगाना में कांग्रेस और बीआरएस के बीच चुनावी मुकाबला है. हमने यहां बीजेपी को हरा दिया है, लेकिन याद रखें, बीजेपी चाहती है कि तेलंगाना में बीआरएस जीते. ये दोनों एक साथ काम कर रहे हैं. यहां तक कि AIMIM भी उनके साथ है."
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उन्होंने कहा, "संसद भवन में बीआरएस ने वही किया जो भाजपा चाहती थी. बीआरएस ने कृषि बिल और जीएसटी में बीजेपी का समर्थन किया. तीनों पार्टियां कांग्रेस को हराने के लिए मिलकर काम कर रही हैं."
ओवेसी बीआरएस प्रमुख और तेलंगाना के मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव का समर्थन करते रहे हैं. उन्होंने 9 अक्टूबर को कहा था, “हमें उम्मीद है कि इंशा अल्लाह केसीआर फिर से तेलंगाना के मुख्यमंत्री बनेंगे. हमारी पार्टी के विधायक भी जिस भी निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ेंगे वहां सफल होंगे.”
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तेलंगाना की 119 सीटों के लिए निर्वाचन आयोग ने चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है. राज्य में 30 नवंबर को वोटिंग होगी, जबकि वोटों की गिनती तीन दिसंबर को होगी. तेलंगाना के अलग राज्य बनने के बाद केसीआर की पार्टी ही सत्ता में है. 2014 और 2018 में हुए चुनावों में बीआरएस को ही बहुमत मिला था.
2018 के विधानसभा चुनाव में केसीआर की पार्टी ने 88 सीटें जीती थीं और उसका वोट शेयर 47.4 प्रतिशत था. वहीं कांग्रेस 28.7 प्रतिशत वोट शेयर के साथ 19 सीटों के साथ दूसरे स्थान पर रही थी. वहीं ओवैसी की पार्टी को 7 सीटें मिली थीं.
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